न डीजल का खर्च न बारिश का इंतजार इस पंप ने सिंचाई को बनाया आसान
न डीजल का खर्च न बारिश का इंतजार इस पंप ने सिंचाई को बनाया आसान
Solar Pump for Irrigation: जहां किसान हजारों रुपये खर्च कर भी मनमर्जी से खेतो की सिंचाई नहीं कर पाते थे और कई बार बारिश के इंतजार में किसानों की फसलें सूखने लगती थीं. अब ऐसा नहीं है क्योंकि अब......
रिपोर्ट- बिन्नू बाल्मिकि
बहराइच: उत्तर प्रदेश के बहराइच के रहने वाले किसान अशोक कुमार ने सोलर पम्प लगवा कर अपने साथ-साथ अपने आप-पास के किसानों को भी सिंचाई की कठिनाई से राहत दिलाई है. अशोक कुमार ने बताया कि सोलर पम्प से इतना लाभ है कि अब उनको सिंचाई के लिए कभी पानी की कमी महसूस नहीं होती है.
किसान अशोक ने बताया कि उन्होंने आगा खान फाउंडेशन के सहयोग से एक लाख पच्चास हजार रुपए में 5 hp का सोलर पंप सिस्टम लगवाया था. अब वह अपने साथ-साथ 600 मीटर एरिया में किसानों को 2 रुपये प्रति यूनिट की दर से सिंचाई करवा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सोलर पंप की 5 साल तक की तो गारंटी होती है. 5 साल बाद अगर कुछ दिक्कत आती है तो किसानों से 2 रुपये यूनिट लिए गए पैसों से इसकी मरम्मत बड़े आराम से हो जाएगी.
सोलर पम्प सिस्टम किसानों के लिए वरदान बनकर उभर रहा है
जहां किसान हजारों रुपये खर्च कर भी मनमर्जी से खेतो की सिंचाई नहीं कर पाते थे और कई बार बारिश के इंतजार में किसानों की फसलें सूखने लगती थीं. अब ऐसा नहीं है क्योंकि अब सोलर पंप की सुविधा शुरू हो गई है. अब किसान बिना डीजल के खर्चे के खेतों की अच्छी सिंचाई कर पाते हैं.
क्या है सौर ऊर्जा सिंचाई पम्प
सौर ऊर्जा सिंचाई पंप एक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल समाधान है जो सिंचाई प्रक्रियाओं को शक्ति देने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करता है. यह सौर पैनलों के माध्यम से सूर्य के प्रकाश का उपयोग करता है और सौर ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करता है. इससे बनने वाली बिजली से सोलर पंप या सोलर समर्सिबल चलाया जाता है. यह जमीन की बोरिंग से पानी निकाल कर खेतों की सिंचाई में मदद करता है.
सोलर पंप को सोलर वाटर पंप, सबमर्सिबल पंप के नाम से भी जाना जाता है. सोलर पंप को चलाने के लिए सोलर पैनल और सोलर इंवर्टर का प्रयोग भी किया जाता है. वाटर पंप दो प्रकार के होते हैं. डीसी बिजली से चलने वाले सोलर पंप की कीमत अधिक होती है जबकि एसी से चलने वाले पंप कम कीमत में उपलब्ध रहते हैं. 5 एचपी के सोलर पंप को चलाने के लिए 5 किलोवाट का सोलर पैनल लगाया जाता है. ऐसे सोलर पैनल से आसानी से इस सोलर पंप को चलाया जा सकता है. किसान अपनी जरूरत के अनुसार पालीक्रिस्टलाइन या मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल को स्थापित कर सकते हैं.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : September 15, 2024, 12:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed