मेरे सपने में आए थे महादेव 21 साल से बिना अन्न खाए मानव सेवा में लगे सत्यदेव

अलीगढ़ के जवाहर नगर में वृद्ध आश्रम चलाने वाले सत्यदेव शर्मा ने दावा कि उन्होंने 21 साल पहले सपना देखा था. उसमें उनको भगवान शंकर के दर्शन हुए थे. सपने में भगवान ने कहा था कि तुम भोजन छोड़कर मानवता की सेवा करो.

मेरे सपने में आए थे महादेव 21 साल से बिना अन्न खाए मानव सेवा में लगे सत्यदेव
वसीम अहमद /अलीगढ़.कहा जाता है कि मानव धर्म सेवा सभी धर्म से ऊपर है. इसकी जीती जागती मिसाल उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में देखने को मिलती है. यहां सत्यदेव शर्मा नामक व्यक्ति ने पिछले 21 साल से अन्न न खाकर मानवता की सेवा में लगे हुए हैं. यह सुनने में भले ही अजीब लगे. लेकिन, यह बिल्कुल सत्य है. दरअसल आपको बता दें कि करीब 37 साल पहले अपना गांव छोड़कर अलीगढ़ के जवाहर नगर में वृद्ध आश्रम चलाने वाले सत्यदेव शर्मा ने 21 साल पहले सपने देखा. सपने मे भगवान शंकर ने कहा है कि मेरे ईष्ट तू भोजन छोड़कर मानवता की सेवा कर. तब से मैं कहीं ना कहीं किसी न किसी प्रकार से लोगों की सेवा कर रहे हैं. इसके बाद भगवान शिव ने एक बार पुनः सपने में सत्यदेव शर्मा को दर्शन दिए. भगवान शिव ने कहा कि तू एक आश्रम खोल और वृद्ध,बेसहारा लोगों की सेवा करों.इसलिए तब से एक वृद्ध आश्रम खोल बेसहारा और अनाथ लोगों की सेवा कर रहे हैं. इस मानवता की सेवा करने से सत्यदेव शर्मा बेहद खुश हैं. सत्यदेव शर्मा के परिवार में तीन बेटे, पत्नी, बहू और नाती पोते सभी हैं. लेकिन वह इन सब से दूर वृद्ध आश्रम में वृद्धो की सेवा करने में अपना जीवन यापन कर रहे हैं. वृद्ध आश्रम में है 22 लोग आश्रम चलने वाले सत्यदेव शर्मा ने लोकल 18 से कहा कि मैं अतरौली तहसील के गांव चखाथल का रहने वाला हूं. परिवार में कुछ कहा सुनी हुई तो मैं जवाहर नगर में रहने आ गया. मैं 21 साल से अन्न नहीं खाया है. वजह यह थी कि मैं शंकर जी की पूजा करता हूं. एक दिन सपने में मुझे 21 साल पहले शंकर जी ने कहा कि तू भोजन त्याग कर मानवता की सेवा कर. मैं लोगों की सेवा कर रहा हूं. पिछले 5 साल पहले मैंने यह वृद्ध आश्रम खोला. जिसमें 22 लोग हैं. फल फ्रूट खाकर करे रहे जीवन यापन जिनकी मैं सेवा करता हूं. मुझे बहुत अच्छा लगता है. यह सब मुझे परमात्मा करवाते हैं. मैं करता हूं. ऐसा करने में मेरी आत्मा को संतुष्टि भी प्राप्त होती है. मैं अन्न की जगह गर्मियों में चार बार नींबू की शिकंजी बनाकर पीता हूं. सर्दियों में तीन बार. इसके अलावा मैं फल फ्रूट, कच्ची मुगफली खाकर जीवन यापन करता हूं. अभी मुझे और लोगों की सेवा करनी है. आश्रम भी छोटा है. मैं चाहता हूं कि आश्रम बड़ा हो जाए. इस आश्रम में आए ताकि मैं उनकी भी सेवा कर सकूं. इसके अलावा अभी प्रभु का आदेश नहीं आया है जब उनका आदेश आएगा तब मैं अन्न खाना शुरू करूंगा. इस मानवता की सेवा करने के लिए लोगों का भी काफी सहयोग मिलता है. प्रभु की भक्ति में लीन हूं. पिछले, 15 साल से मैं अपने परिवार के किसी सदस्य से नहीं मिला हूं. मैं यहीं इसी आश्रम में वृद्ध लोगों के साथ रहता हूं. इनकी सेवा करता हूं. क्या कहते हैं लोग वृद्ध आश्रम में रहने वाली राजस्थान की मिथिलेश देवी शर्मा बताती है कि यहां वृद्ध आश्रम में शर्मा जी सब की सेवा करते हैं. सभी वृद्ध लोगों का अच्छे से ख्याल रखते हैं. इन्होंने पिछले 21 साल से किसी भी प्रकार का कोई अन्य नहीं खाया है. यह सिर्फ फल फ्रूट खाते हैं. शरबत और नींबू शिकंजी का सेवन करते हैं. हम लोगों का ख्याल रखते हैं. बस इसी तरह से अपना जीवन यापन कर रहे हैं. क्या कहते हैं एक्सपर्ट वहीं, जब इस बारे में डॉक्टर विकास मल्होत्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अन्न से हमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और मिनरल्स मिलते हैं. लेकिन, अगर कोई व्यक्ति अन्न न खाकर सिर्फ मूंगफली या फल खा रहा है तो इससे भी कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन व मिनरल्स मिलते हैं. यह मेडिकली संभव है कि कोई व्यक्ति बिना अन्न खाए फ्रूट्स, मूंगफली जैसी चीजों पर जीवन व्यतीत कर सकता है. वह आराम से जीवन व्यतीत कर सकता है. Tags: Aligarh news, Hindi news, Latest hindi news, Local18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : June 15, 2024, 16:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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