भीषण गर्मी में पानी बन सकता है धान के लिए कालसूख जाएंगे पौधे!
भीषण गर्मी में पानी बन सकता है धान के लिए कालसूख जाएंगे पौधे!
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि भीषण गर्मी में धान की नर्सरी में कभी भी दिन के समय सिंचाई न करें. नर्सरी में सिंचाई सूरज ढलने के बाद ही करनी चाहिए. ध्यान रखें की खेत में उतना ही पानी भरें, जो सुबह तक खेत में न बचे. अन्यथा की स्थिति में दिन में पानी गर्म होने से नर्सरी की जड़ें खराब हो सकती हैं.
शाहजहांपुर: भारत के ज्यादातर राज्यों में धान की खेती की जाती है. धान की रोपाई करने से पहले किसान धान की नर्सरी तैयार करते हैं. धान की अच्छी फसल और ज्यादा उत्पादन लेने के लिए नर्सरी का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है. ऐसे में नर्सरी तैयार करते समय किसानों को खास ध्यान रखने की जरूरत है. गर्मी के मौसम में नर्सरी में सही वक्त पर सिंचाई करें. इसके अलावा खरपतवार नियंत्रण के साथ-साथ आवश्यक पोषक तत्व देना भी जरूरी है. साथ ही धान की नर्सरी में कुछ कीट भी लगते हैं, जिनका समय पर नियंत्रण करना जरूरी है.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि उमस भरी गर्मी में धान की नर्सरी तैयार करने के लिए बेहतर देखरेख की जरूरत है. नर्सरी स्वस्थ होगी तभी धान की फसल से किसानों को अच्छा उत्पादन मिल पाएगा. जरूरी है कि किसान नर्सरी की बेहतर तरीके से देखरेख करें.
शाम के समय करें सिंचाई
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि भीषण गर्मी में धान की नर्सरी में कभी भी दिन के समय सिंचाई न करें. नर्सरी में सिंचाई सूरज ढलने के बाद ही करनी चाहिए. ध्यान रखें की खेत में उतना ही पानी भरें, जो सुबह तक खेत में न बचे. अन्यथा की स्थिति में दिन में पानी गर्म होने से नर्सरी की जड़ें खराब हो सकती हैं. नर्सरी में दो से तीन दिन बाद सिंचाई करते रहे ताकि पर्याप्त नमी बनी रहे.
ऐसे करें एनपीके का छिड़काव
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि अगर आपकी नर्सरी 10 से 12 दिन की हो गई है तो आप एनपीके 19:19:19 नाइट्रोजन फास्फोरस, पोटेशियम, का छिड़काव कर दें. जिससे नर्सरी की बढ़वार अच्छी होगी और पत्तियां हरी भरी रहेंगी 1 किलोग्राम एनपीके प्रति 100 लीटर पानी में घोल बनाकर शाम के समय छिड़काव कर दें. एनपीके में पाए जाने वाले फास्फोरस से पौध की जड़े मजबूत होगी और अगर नर्सरी की पत्तियों की नोक झुलस रही है तो उसकी भी रोकथाम हो जाएगी.
खरपतवार नियंत्रण भी है जरूरी
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि धान की नर्सरी तैयार करते समय कई तरह के खरपतवार भी उग आते हैं. जिनका नियंत्रण करना जरूरी है. ऐसे में किसान 1ml नॉमिनी गोल्ड (बिस्पाइरिबैक-सोडियम 10% एससी) प्रति 1 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर दें. छिड़काव करने से खरपतवार नष्ट हो जाएंगे लेकिन ध्यान रखें कि नॉमिनी गोल्ड का छिड़काव करने से धान की नर्सरी की बढ़वार में थोड़ा ठहराव आ सकता है. ऐसे में ध्यान रखें कि बहुत ज्यादा खरपतवार होने पर ही खरपतवार नाशक नॉमिनी गोल्ड का छिड़काव करें.
समय पर करें इस बीमारी का इलाज
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि भीषण गर्मी में धान की नर्सरी में पत्ता लपेट की बीमारी भी आती है. ऐसे में अगर नर्सरी के पत्ते मुड़ रहे हो तो 1ml क्यूनालफॉस 1 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर दें या फिर क्लोरोपायरीफॉस इतनी ही मात्रा में घोल बनाकर धान की नर्सरी में छिड़काव कर दें. पत्ता लपेट की समस्या और अन्य कीट नष्ट हो जाएंगे. धान की नर्सरी में जड़ों में फंगस की बीमारी भी आती है जिसके लिए साफ (Mancozeb 63% + Carbendazim 12% WP) नाम का फंगीसाइड 2 ग्राम प्रति 1 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर दें. जिससे नर्सरी की जड़ें स्वस्थ रहेंगी.
ऐसे करें नाइट्रोजन की कमी पूरी
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि किसान धान की नर्सरी में नाइट्रोजन की पूर्ति करने के लिए दानेदार नाइट्रोजन भी दे सकते हैं. एक बीघा नर्सरी में 2 किलो यूरिया शाम के समय सूरज ढलने के बाद बिखेर दें. ध्यान रखें कि यूरिया बिखेरते समय खेत में पर्याप्त नमी होना जरूरी है.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : June 15, 2024, 16:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed