द‍िल्‍ली में क्‍यों हुई इतनी बार‍िश IMD ने बताई असली वजह कहा-ये हुआ

मौसम व‍िभाग के प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने बताया क‍ि द‍िल्‍ली में 28 जून को हुई बार‍िश की वजह बादल फटना नहीं था. उन्‍होंने इसकी वजह भी बताई. साथ में ये भी कहा, जल्‍द हमें कुछ और रडार मिल जाएंगे, जिससे द‍िल्‍ली के मौसम का अनुमान पता करना आसान हो जाएगा.

द‍िल्‍ली में क्‍यों हुई इतनी बार‍िश IMD ने बताई असली वजह कहा-ये हुआ
नई द‍िल्‍ली, 28 जून की सुबह द‍िल्‍ली-एनसीआर में इतनी मूसलाधार बार‍िश हुई क‍ि सारे रिकॉर्ड ध्‍वस्‍त हो गए. मौसम विभाग ने बताया क‍ि 88 साल बाद एक द‍िन में इतनी बार‍िश रिकॉर्ड की गई. इसके बाद दावे क‍िए जाने लगे क‍ि शायद द‍िल्‍ली में बादल फट गया, इसल‍िए इतनी ज्‍यादा बार‍िश हुई. कुछ राजनीत‍िक दलों और सरकारी व‍िभागों ने भी इसे लेकर बचने की कोश‍िश की. लेकिन अब मौसम व‍िभाग ने इसकी असल‍ियत बताई है. बताया क‍ि द‍िल्‍ली-एनसीआर में एक साथ इतनी तेज बार‍िश क्‍यों हुई? आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने साफ क‍िया क‍ि पिछले हफ्ते द‍िल्‍ली में हुई मूसलाधार बार‍िश की वजह बादल फटना नहीं था. महापात्रा ने कहा, इन घटनाओं को बादल फटने की घटना नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह बादल फटने की घटना जैसी ही थी. इस घटना के पीछे मौसम में आया एक अजीब तरह का बदलाव है, जिसे मेसोस्केल संवहनी गतिविधि (Mesoscale Convective Activity) के नाम से जाना जाता है. आख‍िर क्‍या है ये मेसोस्‍केल कनेक्‍ट‍िव एक्‍ट‍िविटी मेसोस्‍केल कनेक्‍ट‍िव एक्‍ट‍िविटी को आप छोटा तूफान समझ सकते हैं. जब बड़े पैमाने पर मानसूनी मौसम प्रणाली एक दबाव का क्षेत्र बना देती है, जिससे तेज आंधी और भारी बार‍िश होती है. आप इसे तूफान का एक चक्रवाती भंवर कह सकते हैं. कभी कभी यह 12 घंटे तक बना रह सकता है. द‍िल्‍ली-एनसीआर में भी उस द‍िन कुछ ऐसे ही हालात बने, और इसी वजह से सुबह तेज आंधी और बार‍िश हुई. आमतौर पर ऐसी स्थित‍ि से ही बड़े तूफान पैदा होते हैं. उष्णकटिबंधीय चक्रवातों में ऐसे हालात बनते हैं. औसत बार‍िश से तीन गुना ज्‍यादा आईएमडी प्रमुख ने बताया क‍ि उस द‍िन सफदरजंग में सुबह 5 बजे से 6 बजे के बीच 91 मिलीमीटर बार‍िश रिकॉर्ड की गई. लोधी रोड मौसम केंद्र ने सुबह 5 बजे से 6 बजे तक 64 मिमी तथा सुबह 6 बजे से 7 बजे तक 89 मिमी वर्षा दर्ज की. सफदरजंग में तो मात्र 24 घंटे में 228.1 मिलीमीटर बार‍िश रिकॉर्ड की गई, जो जून की औसत बार‍िश से तीन गुना ज्‍यादा है. तब और सटीक होगा पूर्वानुमान आमतौर पर जून में औसतन सिर्फ 74.1 मिमी बार‍िश होती है. 1936 के बाद यह पहला मौका है क‍ि इतनी बार‍िश रिकॉर्ड की गई. आईएमडी के अनुसार, एक दिन में 124.5 से 244.4 मिमी के बीच होने वाली वर्षा को बहुत भारी वर्षा कहा जाता है. महापात्र ने ये भी कहा क‍ि दिल्ली-एनसीआर को अगले दो वर्षों में तीन और रडार मिल जाएंगे, जिससे मौसम का पूर्वानुमान और सटीक होगा. हम राजधानी के लिए बाढ़ चेतावनी प्रणाली पर भी काम कर रहे हैं. Tags: Delhi latest news, Delhi Rain, IMD alert, IMD forecast, IMD predictedFIRST PUBLISHED : July 1, 2024, 20:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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