कर्नाटक हाईकोर्ट का बड़ा फैसला गोद लिया बेटा या बेटी भी अब अनुकंपा नौकरी का हकदार

अब गोद लिया बेटा या बेटी (Adopted Son or Daughter) भी अनुकंपा नौकरी (Compassionate Job) का हकदार हो सकता है. किसी शख्स की आकस्मिक मौत (Sudden Death) हो जाती है तो उसके गोद लिए बेटा को भी अब अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिलेगा. कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने कहा है कि गोद लिए हुए बच्चे के भी जैविक बच्चे (Biological Child) की तरह अधिकार होते हैं.

कर्नाटक हाईकोर्ट का बड़ा फैसला गोद लिया बेटा या बेटी भी अब अनुकंपा नौकरी का हकदार
नई दिल्ली. अब गोद लिया बेटा या बेटी (Adopted Son or Daughter) भी अनुकंपा नौकरी (Compassionate Job) का हकदार हो सकता है. किसी शख्स की आकस्मिक मौत (Sudden Death) हो जाती है तो उसके गोद लिए बेटा को भी अब अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिलेगा. कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने कहा है कि गोद लिए हुए बच्चे के भी जैविक बच्चे (Biological Child) की तरह अधिकार होते हैं. इसलिए अनुकंपा के आधार पर माता-पिता (Parents) की जगह नौकरी दिए जाने पर विचार करते हुए उनसे भेदभाव नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने आगे कहा है कि अगर ऐसा भेदभाव किया जाता है तो गोद लेने का कोई उद्देश्य सिद्ध नहीं होगा. मंगलवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि एक गोद लिया बच्चा अपने दत्तक माता-पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त कर सकता है. यह गोद लिया बच्चा ही परिवार की देखभाल करता है. कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस सूरत गोविंदराज और जस्टिस जी बसवराज की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाते हुए कहा, ‘बेटा, बेटा होता है या बेटी, बेटी होती है, गोद ली गई है या अन्यथा, अगर इस तरह के अंतर को स्वीकार किया जाता है तो गोद लेने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा.’ आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर) राज्य चुनें उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब दिल्ली-एनसीआर मध्‍य एशिया के लोग भारतीय सिनेमा को करते हैं पसंद, दिल्‍ली में बालीबुड के गीतों पर किया कला का प्रदर्शन क्या भूत VIDEO लीक कर रहा, गाजर-मूली खाने लायक भी नहीं रहने देंगे? नए-नए वीडियो से परेशान सत्येंद्र जैन ने ऐसे उतारी खीज इलेक्ट्रिक कटर और आरी-दांत वाले चाकू...श्रद्धा के शव के कैसे हुए टुकड़े; फॉरेसिंक एक्सपर्ट्स का बड़ा दावा स्वाद का सफ़रनामा: दिमाग को तेज़ और हड्डियों को मजबूत बनाती है बादाम, इस सूखे मेवे से जुड़ी हैं दिलचस्प बातें एमसीडी चुनाव: AAP पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगाने वाले की BJP में एंट्री BJP ओबीसी मोर्चा प्रमुख लक्ष्‍मण बोले, बीजेपी पहली ऐसी पार्टी जो बिना चुनाव लड़े भी मुस्लिमों को बनाती है मंत्री दो 'वंदेभारत एक्‍सप्रेस' ट्रैक पर उतरने को तैयार, जानें किन राज्‍यों को मिलेंगी ये सेमी हाई स्पीड ट्रेन वक़्फ़ बोर्ड भर्तीः कोर्ट ने पूछा- अदालत में पेश क्यों नहीं हुए अमानतुल्लाह खान? MTV के रियलिटी शो हसल 2.0 में दिखा नोएडा के 'स्पेक्ट्रा' का जलवा, इस तरह रैपर बना शुभम Shraddha Murder Case में बड़ा खुलासा, आफताब ने टुकड़ों में काटने की दी थी धमकी; श्रद्धा ने पुलिस में दर्ज कराई थी शिकायत साहिबाबाद मंडी के बाद एक और सरकारी विभाग पर प्रदूषण फैलाने के लिए लगा जुर्माना, ये है विभाग राज्य चुनें उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब दिल्ली-एनसीआर माता पिता को बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम जरूर स्पेंड करना चाहिए. (फाइल फोटो) अनुकंपा नौकरी पर किसका हक बता दें कि हाईकोर्ट एक गोद लिए पुत्र की रिट याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसके दत्तक पिता सहायक लोक अभियोजक के कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे. इनके निधन के बाद अनुकंपा रोजगार के लिए गोद लिए हुए उसके दत्तक पुत्र का आवेदन खारिज कर दिया गया था. अनुकंपा नौकरी पर किसका दावा मजबूत गौरतलब है कि विनायक एम मुताती नाम का एक शख्स सहायक लोक अभियोजक, बनहाती के कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी का एक कर्मचारी था. इस शख्स के प्राकृतिक पुत्र की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. इसके बाद मुताती ने साल 2011 में गिरिश नाम के एक लड़के को गोद लिया था. साल 2018 में गोद लेने वाला पिता मुताती का भी निधन हो गया. इसके बाद मुताती के गोद लिए बेटे की अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन को विभाग ने इस आधार पर खारिज कर दिया था कि अपीलकर्ता ने उसे गोद लिया था. एक गोद लिया बच्चा अपने दत्तक माता-पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त कर सकता है. जैविक पुत्र या पुत्री या फिर गोद लिया पुत्र या पुत्री अनुकंपा खारिज होने के बाद आवेदनकर्ता ने कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया, लेकिन हाईकोर्ट की एकल पीठ द्वारा याचिका इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि कर्नाटक में अनुकंपा नियुक्ति पर दत्तक पुत्र के लिए विचार करने का कोई प्रावधान नहीं है. याचिकाकर्ता ने दोबारा से कोर्ट में रीट दायर किया. ये भी पढ़ें: Fertilizer Crisis: क्या सच में है यूरिया-DAP खाद की किल्लत? जानें देश में उर्वरक सप्लाई चेन के गणित को इस पर हाईकोर्ट का फैसला आया कि नियुक्ति प्राधिकारी को अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन पर विचार करना ही होगा. क्योंकि, इस मामले में जैविक बेटी भी अनुकंपा नियुक्ति की हकदार होगी, यदि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त होने के साथ-साथ शारीरिक रूप से विकलांग नहीं होती. इसलिए अब गोद लिया हुआ पुत्र अनुकंपा नियुक्ति का हकदार है, जिसे मृतक द्वारा गोद लिया गया था. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Daughter, Govt Jobs, Jobs news, Karnatka High Court, ParentsFIRST PUBLISHED : November 23, 2022, 16:21 IST