जब मनमोहन ने पीएम पद से इस्तीफा देने का मन बना लिया राहुल गांधी थे जिम्मेदार
जब मनमोहन ने पीएम पद से इस्तीफा देने का मन बना लिया राहुल गांधी थे जिम्मेदार
Manmohan Singh Death: राहुल गांधी द्वारा दोषी राजनेताओं को चुनाव लड़ने की अनुमति देने के लिए अध्यादेश लाने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले की प्रति फाड़ने के बाद मनमोहन सिंह ने लगभग इस्तीफा देने का मन बना लिया था.
नई दिल्ली. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया है. सौम्य और मृदुभाषी स्वभाव वाले मनमोहन सिंह भारत में आर्थिक सुधारों का सूत्रपात करने वाले शीर्ष अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री के तौर पर लगातार दो बार गठबंधन सरकार चलाने वाले कांग्रेस के पहले नेता के तौर पर याद किए जाएंगे. मगर उनके करीबी सूत्रों की माने तो राहुल गांधी द्वारा दोषी राजनेताओं को चुनाव लड़ने की अनुमति देने के लिए अध्यादेश लाने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले की प्रति फाड़ने के बाद सिंह ने लगभग इस्तीफा देने का मन बना लिया था. उस समय वह विदेश में थे.
दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक राष्ट्र के 10 वर्षों तक प्रधानमंत्री रहे सिंह को दुनिया भर में उनकी आर्थिक विद्वता तथा कार्यों के लिए सम्मान दिया जाता था. उन्होंने भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में वर्ष 2004 से 2014 तक 10 वर्षों तक देश का नेतृत्व किया. कभी अपने गांव में मिट्टी के तेल से जलने वाले लैंप की रोशनी में पढ़ाई करने वाले सिंह आगे चलकर एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद बने. सिंह की 1990 के दशक की शुरुआत में भारत को उदारीकरण की राह पर लाने के लिए सराहना की गई, लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में अपने 10 साल के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों पर आंखें मूंद लेने के लिए भी उनकी आलोचना की गई.
भाजपा द्वारा सिंह पर अक्सर ऐसी सरकार चलाने का आरोप लगाया जाता था जो भ्रष्टाचार से घिरी हुई थी. पार्टी ने उन्हें ‘मौनमोहन सिंह’ की संज्ञा दी थी और आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ नहीं बोला. अविभाजित भारत (अब पाकिस्तान) के पंजाब प्रांत के गाह गांव में 26 सितंबर, 1932 को गुरमुख सिंह और अमृत कौर के घर जन्मे सिंह ने 1948 में पंजाब में अपनी मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की. उनका शैक्षणिक करियर उन्हें पंजाब से ब्रिटेन के कैंब्रिज तक ले गया जहां उन्होंने 1957 में अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी ऑनर्स की डिग्री हासिल की. सिंह ने इसके बाद 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नाफील्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में ‘डी.फिल’ की उपाधि प्राप्त की.
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उन्होंने अपने करियर की शुरुआत पंजाब विश्वविद्यालय और प्रतिष्ठित ‘दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स’ के संकाय में अध्यापन से की. उन्होंने ‘यूएनसीटीएडी’ सचिवालय में भी कुछ समय तक काम किया और बाद में 1987 और 1990 के बीच जिनेवा में ‘साउथ कमीशन’ के महासचिव बने. वर्ष 1971 में सिंह भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए. इसके तुरंत बाद 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में उनकी नियुक्ति हुई. उन्होंने जिन कई सरकारी पदों पर काम किया उनमें वित्त मंत्रालय में सचिव; योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के पद शाामिल हैं.
Tags: Dr. manmohan singh, Manmohan singhFIRST PUBLISHED : December 26, 2024, 23:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed