963 साल पुराना है माता का यह मंदिर यहां पूजा से लौट आती है आंखों की रोशनी!

चित्रकूट के पहाड़ी ब्लॉक के लोहदा गांव में बने बलकेश्वरी माता मंदिर की. यह मंदिर आज से लगभग 963 वर्ष पुराना है. इस मंदिर का निर्माण चंदेल काल में हुआ था.

963 साल पुराना है माता का यह मंदिर यहां पूजा से लौट आती है आंखों की रोशनी!
विकाश कुमार/ चित्रकूट : धर्म नगरी चित्रकूट में बहुत से मठ मंदिर हैं. जिनकी जिनकी अलग मान्यता भी है.आज हम धर्म नगरी के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो किसी चमत्कारी मंदिर से कम नहीं है. इस मंदिर में सबसे बडी चमत्कारी बात यह है कि यहां आंख से दिव्यांग लोगों को रोशनी मिल जाती है. इस मंदिर में विराजमान देवी के दर्शन करने के लिए लोग आज भी दूर-दराज व आसपास के गांव से पहुंचते हैं और गांव के लोगों के द्वारा समय-समय पर यहां दंगल का भी आयोजन करवाया जाता है. 963 साल पुराना है यह प्राचीन मंदिर हम बात कर रहे हैं चित्रकूट के पहाड़ी ब्लॉक के लोहदा गांव में बने बलकेश्वरी माता मंदिर की. यह मंदिर आज से लगभग 963 वर्ष पुराना है. इस मंदिर का निर्माण चंदेल काल में हुआ था. वहीं इस मंदिर में विराजमान देवी मां को स्नान करवाने के लिए भक्त इस मंदिर में पहुंचते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से देवी माता की पूजा अर्चना करता है, उसकी आंखों की रोशनी वापस लौट आती है. यहां पर विराजमान देवी प्रतिमा काफी प्राचीन है. आज भी इस मंदिर में पूजा अर्चना के लिए भक्त दूर-दूर से पहुंचते हैं और नवरात्रि के समय इस मंदिर में भक्तों का ताता लगा रहता है. आंखों से दिव्यांग को मिलती है रोशनी वहीं  गांव के स्थानीय निवासी जगदीश गौतम ने बताया कि यह बलकेश्वरी माता का मंदिर काफी प्राचीन है.चंदेल काल में इसका निर्माण हुआ था और यह मंदिर काफी फेमस और प्रसिद्ध है. उनका कहना है कि  जब हम लोग छोटे छोटे थे. तब हम लोग भी देवी जी को स्नान करवाने जाया करते थे और वहां एक साधु रहते थे. जिनको आंखों से दिखाई नहीं देता था, लेकिन वहां की महिमा और वहां के कंकड़ों में ऐसा आशीर्वाद था कि वहां रहने के बाद उस साधु पर ऐसा प्रभाव पड़ा कि देवी जी का जल और पीछे पड़े कंकड़ को घिसकर जब साधु ने आंखों की पुतली पर लगाया, तो उनको धीरे-धीरे आंखों से दिखने लगा. और वह हम लोगों को प्रसाद भी वितरण किया करते थे. हालांकि आज के समय में लोग इस चीज का विश्वास नहीं करते हैं. लेकिन आज भी कई भक्त ऐसे हैं, जो दूर-दूर से इस मंदिर में देवी मां की प्रतिमा को नहलाने और उनकी पूजा अर्चना के लिए आते हैं. Tags: Dharma Aastha, Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 13:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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