इस गणेश मंदिर में काशी की मनु बन गई थी झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई

Jhansi News: इतिहासकार डॉ. शैलेंद्र तिवारी ने बताया कि श्रीमंत गंगाधर राव और महारानी लक्ष्मी बाई का विवाह पूरे मराठी रीति रिवाज से हुआ था. महारानी लक्ष्मीबाई ने नौवारी साड़ी पहनी थी और माथे पर अर्ध चंद्राकार बिंदी लगाई थी. तो वहीं श्रीमंत गंगाधर राव ने रेशमी धोती और पारंपरिक मराठी पगड़ी पहनी थी. विवाह के दौरान मेहमानों को परोसा गया भोजन भी मराठी और बुंदेली परंपरा का मिश्रित रूप था.

इस गणेश मंदिर में काशी की मनु बन गई थी झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई
झांसी /शाश्वत सिंह: झांसी शहर में स्थित गणेश मंदिर आध्यात्मिक होने के साथ ही ऐतिहासिक महत्व भी रखता है.यह वही मंदिर है, जहां झांसी के महाराज श्रीमंत गंगाधर राव और महारानी लक्ष्मीबाई का विवाह हुआ था. 19 मई 1842 को बिठूर के पेशवा के यहां काम करने वाली मोरोपंत की 14 वर्ष की बेटी मनु झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई हो गई थीं. यह मंदिर उस ऐतिहासिक पल का गवाह है, जब भविष्य में वीरांगना बनने वाली लक्ष्मी बाई झांसी राजघराने की बहू बन गईं थीं. इतिहासकार डॉ. शैलेंद्र तिवारी ने बताया कि श्रीमंत गंगाधर राव और महारानी लक्ष्मी बाई का विवाह पूरे मराठी रीति रिवाज से हुआ था. महारानी लक्ष्मीबाई ने नौवारी साड़ी पहनी थी और माथे पर अर्ध चंद्राकार बिंदी लगाई थी. तो वहीं श्रीमंत गंगाधर राव ने रेशमी धोती और पारंपरिक मराठी पगड़ी पहनी थी. विवाह के दौरान मेहमानों को परोसा गया भोजन भी मराठी और बुंदेली परंपरा का मिश्रित रूप था. मनु बनी लक्ष्मीबाई डॉ. तिवारी बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण रानी लक्ष्मीबाई के ससुर और झांसी के राजा शिवराम भाऊ नेवालकर ने कराया था. 1796 से 1814 तक इस मंदिर का निर्माण कार्य जारी रहा. तब से यह मंदिर झांसी के लोगों की आस्था का प्रमुख केन्द्र बना हुआ है. शादी से पूर्व रानी को मनु के नाम से जाना जाता है. इस गणेश मंदिर में शादी के बाद मराठी परंपरा के अनुसार उन्हें महारानी लक्ष्मीबाई नाम दिया गया. रोज पूजा करने आती थी लक्ष्मीबाई विवाह के उपरांत महारानी लक्ष्मीबाई हर रोज सुबह सबसे पहले गणेश मंदिर में ही पूजा अर्चना करती थीं. गणेश चतुर्थी जैसे त्योहारों पर भी सबसे पहले इसी गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना होती है. और उसके बाद अन्य जगहों पर कार्यक्रम शुरू होते हैं. यह परंपरा आज भी चली आ रही है. महाराज गंगाधर राव और महारानी लक्ष्मीबाई के वैवाहिक वर्षगांठ के सभी कार्यक्रम भी हर वर्ष इसी मंदिर में आयोजित होते हैं. Tags: Hindi news, Jhansi news, Local18FIRST PUBLISHED : September 8, 2024, 11:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed