5000000 की हत्या 58000 अमेरिकियों की मौत 40 साल में 40 गुना अमीर बना मुल्क
5000000 की हत्या 58000 अमेरिकियों की मौत 40 साल में 40 गुना अमीर बना मुल्क
पूरी तरह से बर्बादी झेलने वाला मुल्क वियतनाम आज दुनिया में एक उभरती अर्थव्यवस्था वाला देश है. बीते 40 सालों में इस मुल्क ने अपनी प्रति व्यक्ति आय 40 गुना बढ़ा ली है.
किसी व्यक्ति या मुल्क की तबाही के बारे में आप जितनी कल्पना कर सकते हैं कर लीजिए. फिर उसको और 1000 गुना बढ़ा दीजिए. इसके बाद आपके सामने जिस एक मुल्क की तस्वीर उभरकर आएगी उसका नाम है वियतनाम. दुनिया के लिए यह मुल्क पूरी तरह बर्बाद होने के बाद आबाद होने की मुकम्मल तस्वीर है. इसी वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह तीन दिवसीय भारत यात्रा पर हैं. वह गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ तमाम द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने वाले हैं. इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार और रक्षा क्षेत्र से जुड़े कई समझौते होंगे. वह मंगलवार की रात में ही दिल्ली पहुंच गए थे.
वियतनाम पूर्वी एशिया का एक अहम मुल्क है. वियतनाम के साथ भारत के रिश्ते का इतिहास काफी पुराना है. लेकिन, आधुनिक युग में शीत युद्ध के दौरान यह मुल्क पूरी तरह तबाह हो गया. यह अमेरिका और रूस के बीच छद्म युद्ध का मैदान बन गया. 1955 से 1973 तक करीब दो दशक के इस जंग में वियतनाम पूरी तरह तबाह हो गया. इस जंग में करीब 50 लाख वियतनामी लोग मारे गए. अमेरिका को भारी नुकसान उठाना पड़ा. इस जंग में उसके करीब 58 हजार सैनिक मारे गए. वियतनाम युद्ध मूल रूप से उत्तरी और दक्षिणी वियतनाम के बीच की लड़ाई थी. उत्तरी वियतनाम के साथ चीन और रूस थे तो दक्षिणी वियतनाम के पीछे अमेरिका खड़ा था. यह दुनिया के इतिहास का सबसे बुरा युद्ध था.
भविष्य का सफर
खैर इसे आगे बढ़ते हैं. इस तबाही को झेलने के बाद वियतनाम ने 1980 के दशक में आगे बढ़ने का निर्णय लिया. वह खुद के पैरों पर खड़ा हुआ. उसने तय किया कि वह भविष्य में दुनिया के गुट का हिस्सा नहीं बनेगा. उसने अपने लोगों की बेहतरी के बारे में सोचेगा और आगे बढ़ेगा. आज यह एक पूरी तरह से बदला-बदला हुआ मुल्क है. उसका दो लक्ष्य है औपनिवेशिक ताकतों से आजादी और फिर अपने लोगों के बीच एकता. इसी नीति पर चलते हुए इस मुल्क ने आज अमेरिका, चीन और रूस सभी के साथ अपने रिश्ते बेहतर कर लिए हैं. वियतनाम के पीएम तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं.
आर्थिक सुधार
अब यह मुल्क अपने इतिहास को भूलकर आगे बढ़ रहा है. 1986 में इसने अपने देश में आर्थिक सुधार (दोई मोई) की नीति लागू की. इस आर्थिक सुधार का ही असर है कि आज इस मुल्क में प्रति व्यक्ति आय हमारे भारत से ज्यादा है. 1986 के आसपास के वर्षों में वियतनाम की प्रति व्यक्ति आय केवल 100 डॉलर था जो आज की तारीख में 4300 डॉलर प्रति व्यक्ति है. यह भारत के प्रति व्यक्ति आय से भी अधिक है. यानी इस मुल्क ने बीते 40 साल से भी कम समय में 40 गुना से अधिक प्रगति कर ली है. यहां गरीबी की दर मात्र तीन फीसदी है. आज वियतनाम की गिनती दुनिया की बड़ी उभरती अर्थव्यवस्था वाले देश के रूप में है.
इस मुल्क का निर्यात 2001 में केवल दो अरब डॉलर का था लेकिन आज यह 375 अरब डॉलर का है. 2023 में भारत का कुल निर्यात 778 अरब डॉलर था. वियतनाम केवल चीन के साथ ही 175 अरब डॉलर का व्यापार कर रहा है.
भारत और वियतनाम के रिश्ते बीते कुछ दशकों में काफी बेहतर हुए हैं. दोनों देश फ्री ट्रेड एग्रीमेंट कर आपसी व्यापार को अगले पांच साल में 5 अरब डॉलर तक पहुंचाना चाहते हैं. इसके साथ ही भारत वियतनाम को एक अहम रणनीतिक साझेदार के रूप में देखता है. भारत ने बीते साल अपने सेवारत युद्धपोत आईएएस कृपाण को उपहार में वियतनाम को दे दिया. इसके साथ वियतनाम भारत के बेहत आधुनिक ब्रह्मोस मिसाइल को भी खरीदने का इच्छुक है.
मोदी सरकार में बढ़ी
भारत और वियतनाम के बीच 2007 में रणनीतिक साझेदारी की नींव पड़ी. फिर इसको ऊंचाई पर पहुंचाने का काम पीएम मोदी ने किया. उन्होंने 2016 में वियतनाम का दौरा किया. फिर 2022 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हनोई का दौरा किया था. अब वियतनाम के पीएम भारत दौरे पर हैं.
चीन पर नियंत्रण के लिए वियतनाम
दक्षिण चीन सागर में चीन के प्रभाव को रोकने और अंतरराष्ट्रीय समुद्री परिवहन को बाधा मुक्त रखने में वियतनाम की भूमिका काफी अहम है. ऐसे में चीन के प्रभाव पर नियंत्रण के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के लिए वियतनाम की भूमिका काफी अहम है.
Tags: East Asia summit, PM ModiFIRST PUBLISHED : August 1, 2024, 15:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed