फर्रुखाबाद: यहां के किसानों ने पारंपरिक खेती छोड़कर जैविक खेती की शुरुआत की है, जिससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही है. ये किसान कई सालों से सब्जियों और फलों की खेती कर रहे हैं. हर साल अपने खेतों में मौसमी सब्जियों की खेती करते हैं, जिसमें नारी और पालक जैसी सब्जियाँ मुख्य रूप से शामिल हैं. इससे उन्हें अच्छा-खासा मुनाफा हो रहा है.
जैविक खेती से कम खर्च, ज्यादा मुनाफा
किसान रमेश कुमार बताते हैं कि अब सब्जी की खेती में किसी भी रासायनिक कीटनाशक का उपयोग नहीं करते. वे केवल स्थानीय खाद और गोबर खाद का उपयोग करते हैं. अब खेती का सारा काम खुद से ही करते हैं, जिससे उनका खर्च भी कम हो जाता है. एक बीघा के लिए मात्र सौ रुपए का बीज आता है और फिर सिंचाई के माध्यम से ही कमाई होती है.
जैविक खेती से बढ़ रही आय
फर्रुखाबाद के नवीन मंडी कमालगंज क्षेत्र के गांव भूलनपुर के प्रगतिशील किसान बताते हैं कि अन्य गांवों की तुलना में यहां के किसानों की प्रतिदिन की आय अच्छी होती है. वे अपनी फसल को सुबह पास की नवीन मंडी में बिक्री कर देते हैं, जिससे समय की बचत होती है और मंडी में पहुंचने वाले खरीदार भी जैविक फसल ही खरीदते हैं. इससे उनकी बिक्री और मुनाफा दोनों बढ़ते हैं. आलू में हो रहे नुकसान के चलते गांव भर के लोग अब सब्जियों पर आधारित खेती कर रहे हैं.
कृषि विभाग की सलाह का असर
यहां के किसान बताते हैं कि कृषि विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, उन्होंने केमिकल से सब्जियां तैयार करना बंद कर दिया है. इसके बजाय, जैविक खेती की ओर रुख किया है, जिससे उनकी लागत भी बचती है और अत्यधिक मात्रा में दवा का छिड़काव भी नहीं करना पड़ता. इस प्रकार रोग मुक्त खेती कर उन्होंने अपनी पहचान बनाई है. इस गांव के किसान जैविक खेती की मिसाल बन गए हैं और आसपास के किसान भी इस खेती का तरीका सीख रहे हैं.
Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : July 25, 2024, 10:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed