मथुरा: बाजार में तुलसी की माला खरीदते समय असली और नकली का फर्क समझ पाना ग्राहकों के लिए मुश्किल होता है. अक्सर ग्राहक असली समझकर नकली तुलसी की माला खरीद लेते हैं. यहां हम आपको कुछ आसान तरीकों के बारे में बताएंगे, जिससे आप तुलसी की माला की असलियत का पता लगा सकते हैं.
सनातन धर्म में तुलसी का अत्यधिक पवित्र स्थान है. तुलसी को देवी स्वरूप माना जाता है, और भगवान कृष्ण ने भी तुलसी के नीचे शालिग्राम के रूप में निवास किया था. तुलसी की माला पहनने की इच्छा हर भक्त के मन में होती है. लेकिन बाजार में असली और नकली माला के बीच अंतर करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. ज्योतिषी पंडित अजय तेलंग के अनुसार, तुलसी की माला सभी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और इसे हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है.
असली और नकली तुलसी की माला की पहचान कैसे करें
पंडित अजय तेलंग बताते हैं कि बाजार में बिकने वाली माला अक्सर नकली होती हैं और तुलसी के नाम पर ग्राहकों को अन्य लकड़ी से बनी माला बेची जाती हैं. लेकिन तुलसी की माला की असलियत की पहचान करना काफी आसान है.
पहचान का तरीका सबसे पहले एक पात्र में पानी भरें. अब तुलसी की माला को उस पानी में डालें. माला को पानी में करीब आधे घंटे के लिए छोड़ दें. यदि माला नकली होगी, तो वह पानी में रंग छोड़ने लगेगी और नीचे बैठ जाएगी. यदि माला असली होगी, तो वह पानी के ऊपर तैरती रहेगी और कोई रंग नहीं छोड़ेगी. इस सरल तरीके से आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि बाजार से खरीदी गई तुलसी की माला असली है या नकली. जब भी आप तुलसी की माला खरीदें, तो इसे पानी में डालकर उसकी असलियत की जांच जरूर करें. इससे आप धोखे से बच सकते हैं.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : August 9, 2024, 11:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed