न मेहनतन खाद-दवा किसानों की मौज कर देगा यह काला फल बना देगा लखपति

Java Plum Farming Benefits: एक खास काले फल की खेती कर भी किसान लाखों कमा सकते हैं. कुछ महीनों के लिए मिलने वाला यह पौधा बहुत चमत्कारी होता है.

न मेहनतन खाद-दवा किसानों की मौज कर देगा यह काला फल बना देगा लखपति
सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद: कुछ फल साल भर के में सिर्फ 2-3 महीनों के लिए मार्केट में मिलते हैं. ऐसा ही एक फल है जामुन. इसका स्वाद बहुत खास होता है. स्वाद और फायदे के साथ यह कमाई करने का भी एक अच्छा मौका देता है. जामुन की बागवानी कर किसान लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं. जामुन से कमा रहे हैं किसान फर्रुखाबाद के कल्लू नगला निवासी आशाराम बताते हैं कि उन्होंने जब से जामुन की बागवानी की है, तब से उन्होंने कोई भी लागत नहीं लगाई है. बल्कि समय से यह पेड़ फल देते रहते हैं. जामुन के पौधे को लगाने के बाद न तो कभी खाद देनी पड़ती है और न ही दवा की जरूरत होती है. आप बस 20 रुपए में पौधे को खरीद कर रोपाई कर सकते हैं. प्रति किलो के हिसाब से होता है लाभ इस समय बाजार में अच्छी कीमत मिलने से किसान कमाई कर रहे हैं. किसान ने बताया कि वह प्रति किलो 100 से 150 रुपए की दर से प्लास्टिक की ट्रे बिक्री कर रहे हैं. अगर आप भी जामुन की बागवानी करना चाहते हैं, तो बिना समय गवाएं नर्सरी से जामुन के पौधे लाकर भूमि में लगा दें. यह आदर्श समय है. इस समय कई जामुन की प्रजातियां मौजूद हैं, जिनसे अच्छा उत्पादन होता है. आप अपने भूमि अनुसार बागवानी करके बेहतर लाभ कमा सकते है. यह तीन माह तक पौधे लगाने का बेहतर समय है. बागवानी के लिए यह मिट्टी है खास जामुन के फलों से जैम, सिरका, अचार और विभिन्न चीजें बनाई जा सकती है. जामुन का पौधा कटिबंधीय जलवायु वाली प्रदेशों में आसानी से उगता है. जामुन का पेड़ विकसित होने में लगभग 20 से 25 फीट तक हो जाता है. इसकी खेती करने के लिए जल निकासी वाली दोमट मिट्टी काफी लाभदायक मानी जाती है. इस समय पर भारत में ठंडे प्रदेशों की अपेक्षा सर्दी और गर्मी बारिश में भी कोई फर्क नहीं पड़ता है. वहीं अगर आप इस बारिश के समय रोपते हैं, तो यह तेजी से वृद्धि करता है. इस पर अत्यधिक मौसम ठंडा और गरमाहट में भी कोई फर्क नहीं पड़ता. जब बारिश होती है तो इसका उत्पादन बढ़ जाता है. आयुर्वेदिक गुणों का है खजाना मुख्य रूप से इसमें शर्करा, प्रोटीन, खनिज, लवण, कार्बोहाइड्रेट जैसे विभिन्न गुण पाए जाते हैं. इसके साथ ही इसमें जीवाणु रोधी एंटी फंगस, एंटी वायरस, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटी एलर्जी, एंटी कैंसर, एंटी डायबिटिक का प्रभाव शामिल है. Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 15:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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