कमजोर नहीं हुई है बसपा हरियाणा से यूपी उपचुनाव के लिए मायावती की खास तैयारी

UP Upchunav: बसपा सुप्रीमो मायावती पार्टी का रष्ट्रीय दर्जा बचाने और उत्तर प्रदेश में अपने कैडर वोट को मजबूत करने के लिए हरियाणा विधानसभा चुनाव में जोर-शोर से जुटीं हैं. इसी क्रम में गुरुवार को लखनऊ में पार्टी की एक अहम बैठक बुलाई गई है.

कमजोर नहीं हुई है बसपा हरियाणा से यूपी उपचुनाव के लिए मायावती की खास तैयारी
हाइलाइट्स मायावती ने 19 सितंबर को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बसपा की बड़ी बैठक बुलाई है पार्टी की बैठक में मंडल स्तर से लेकर जिले स्तर के साथ सभी वरिष्ठ नेताओं को बुलाया गया है लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने 19 सितंबर को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बसपा की बड़ी बैठक बुलाई है. पार्टी की बैठक में मंडल स्तर से लेकर जिले स्तर के साथ सभी वरिष्ठ नेताओं को बुलाया गया है. हरियाणा चुनाव में उतरने के पहले बहुजन समाज पार्टी की मुखिया सभी नेताओं के साथ विचार विमर्श कर उनको दिशा निर्देश देने वाली है. वहीं आगामी दिनों में होने वाले यूपी में विधानसभा के उपचुनाव को लेकर भी बैठक में समीक्षा हो सकती है. पार्टी सूत्रों की माने तो कांशीराम के परीनिर्वाण दिवस को लेकर भी इस बैठक में दिशा निर्देश दिए जा सकते हैं. दरअसल, मायावती हरियाणा चुनाव में अपने प्रदर्शन से यूपी उपचुनाव के लिए संदेश देना चाहती हैं कि पार्टी अभी कमजोर नहीं हुई है. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया बसपा का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बरकरार रखने के लिए हरियाणा से लेकर जम्मू कश्मीर तक विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं. हरियाणा में बसपा ने इंडियन नेशनल लोकदल और हरियाणा लोकहित पार्टी के साथ गठबंधन किया है. बसपा ने इस चुनाव में अपने सिंबल पर 37 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं. इस चुनाव में बसपा प्रमुख खुद प्रचार प्रसार करने के लिए 25 सितंबर से उतरने जा रही है. मायावती की हरियाणा में चार रैलियां मायावती की हरियाणा चुनाव में चार रैलियां होने वाली हैं. मायावती पहली रैली 25 सितंबर को जींद में करेंगी, 27 सितंबर को दूसरी रैली फरीदाबाद में करेंगी. 30 सितंबर को तीसरी रैली करनाल में करेंगी और पहली अक्टूबर को चौथी रैली यमुनानगर में करेंगी. आकाश आनंद कैडर को करेंगे मजबूत एक समय था जब ऊर्जावान बीएसपी ने दलित मतदाताओं को लामबंद करके, मुसलमानों के अलावा ब्राह्मणों को संबोधित करने वाली अपनी “भाईचारा समितियों” के माध्यम से कोर-प्लस सामाजिक गठबंधन बनाकर चुनावी रूप से अपनी अपील को व्यापक बनाने की कोशिश की थी. अब उसी के तहत आकाश आनंद को भी इस चुनवा में लगा रखा है. आकाश आनंद आज से ही छोटी-छोटी जनसभाएं कर कैडर को मजबूत करने का काम करेंगे. वो जनता से खुद को कनेक्ट करेंगे. इसके लिए वह बड़ी सभाएं नहीं बल्कि गांव-गांव चौपाल करेंगे. वह खेतों में जाकर लोगों से मुलाकात कर बसपा का जनाधार बनाने की कोशिश करेंगे. आकाश आनंद 1 दिन में दो चौपाल करेंगे. बुधवार को पहली चौपाल जगाधरी में हुई. इसके बाद 19 सितंबर को सढ़ौरा और रादौर विधानसभा क्षेत्र में, 20 को असंध और इंद्री में, 21 को कलायत और रादौर में, 22 को अटेली और सोहना में, 23 को सोहना में, 28 को सढ़ोरा और रादौर में चौपाल लगाएंगे. 2 अक्टूबर को अटेली में और तीन अक्टूबर को नारनौद में पूरे दिन की चौपाल लगेगी. छोटी – छोटी चौपाल करेंगे आकाश मायावती आकाश को अपना उत्तराधिकारी बना चुकी हैं और पार्टी में उनको एक बड़े चेहरे के तौर पर स्थापित करना चाहती हैं. इसके लिए उनको प्रचार-प्रसार के लिए एक अलग से बड़ी टीम भी दी गई है. यह टीम चुनाव प्रचार की रणनीति से लेकर तौर-तरीकों पर उनकी मदद कर रही है. इसी के तहत आकाश नए प्रयोग कर रहे हैं. मध्य प्रदेश और राजस्थान में उन्होंने राहुल गांधी की तर्ज पर रोड शो किए थे. उसके बाद यूपी के लोकसभा चुनाव में बड़ी सभाएं कीं. अब उसमें बदलाव करते हुए बड़ी सभाओं की बजाय छोटी-छोटी चौपाल लगाने की रणनीति तैयार की गई है. इसकी वजह यह है कि वह जिस तरह सवाल-जवाब के जरिए लोगों से कनेक्ट करते हैं, वह शैली बड़ी सभाओं में उतनी कारगर नहीं है. छोटी-छोटी चौपालों के जरिए लोगों को सीधे तौर पर ज्यादा अच्छी तरह कनेक्ट किया जा सकेगा. हरियाणा से यूपी को सन्देश इस बार बसपा की पूरी कोशिश है कि वह इस चुनाव में खुद की स्थिति बेहतर कर के हरियाणा से यूपी में यह संदेश देने की कोशिश करें कि वह कमजोर नहीं हुई है. लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित पराजय के बाद बसपा प्रमुख मायावती सक्रिय हो गई हैं. ऐसे में उपचुनावों से दूर रहने वाली बसपा को इस बार मैदान में उतारने का पूरा मूड बना लिया है. इन सीटों पर प्रभारी घोषित करके तैयारियों को रफ्तार दी जा रही है. यूपी की करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, फूलपुर, मंझवा और सीसामऊ पर उपचुनाव होना है. इन सीटों पर बसपा के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है, वहीं अगर वह जीत दर्ज करने में कामयाब हो पाई तो उसे आगामी चुनावों के लिए कार्यकर्ताओं को जोड़ने में मदद मिल सकेगी. Tags: BSP chief Mayawati, UP latest newsFIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 08:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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