दिल तो दरिया है जीकिडनी कांड की पीड़ित की मौत के बाद JDU MLA का ब़ड़ा ऐलान

Muzaffarpur News: बिहार के मुजफ्फरपुर में हुए किडनी कांड से चर्चा में आई सुनीता की मौत सोमवार को हो गई है. उनके छोटे-छोटे तीन बच्चे हैं जिनके जीवन यापन का कोई बड़ा आर्थिक आधार नहीं है. इस बीच जेडीयू के एक विधायक ने दरियादिली दिखाते हुए बड़ी घोषणा की है जिसकी सभी सराहना कर रहे हैं.

दिल तो दरिया है जीकिडनी कांड की पीड़ित की मौत के बाद JDU MLA का ब़ड़ा ऐलान
हाइलाइट्स चर्चित किडनी कांड की पीड़ित सुनीता की मौत के बाद जदयू विधायक ने की है बड़ी घोषणा. मृतक सुनीता के तीनों बच्चों का उठाएंगे खर्चा, विधायक ने करवाई थी पीड़त की डायलिसिस.  प्रियांक सौरभ/मुजफ्फरपुर. बिहार के मुजफ्फरपुर के चर्चित किडनी कांड की पीड़िता सुनीता की लम्बे इलाज के दौरान एसकेएमसीएच (SKMCH) में मौत हो गई. दो साल तक किडनी के अभाव में डायलिसिस पर जिंदगी मौत से जूझती सुनीता ने आखिरकार दम तोड़ दिया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर जस्टिस फॉर सुनीता की डिमांड एक बार फिर से तेज हो गई. सुनीता के मौत के बाद अब उसके तीन बच्चों लेकर लोगों ने फ़िक्र जताई, लेकिन इसी बीच सकरा के जदयू विधायक अशोक चौधरी ने सुनीता के बच्चों के लिए बड़ा ऐलान कर दिया. उन्होंने घोषणा की कि सुनीता के तीनों बच्चों की देखभाल विधायक खुद करेंगे और उसकी पढ़ाई लिखाई का पूरा खर्चा उठाएंगे. सकरा विधायक अशोक चौधरी ने बताया कि जब सुनीता के साथ किडनी वाली घटना हुई थी तो उन्होने ही सबसे पहले उसे अस्पताल पहुँचाया था, फिर उसका इलाज कराया, हालांकि किडनी नहीं थी तो वो सिर्फ डायलिसीस पर जिन्दा थी, लेकिन अब सुनीता की मौत हो गई. ऐसे में सुनीता के तीनों बच्चों की देखभाल विधायक खुद करेंगे और सभी तीनों बच्चों की पढ़ाई- लिखाई का पूरा खर्चा उठाएंगे. जदयू विधायक अशोक चौधरी ने कहा कि मै खुद बिना किडनी का हूं, डायलीसिस पर जीवित हूं, तो सुनीता को कैसे मरने देता. मैंने उसे वादा किया था कि उसका रेगुलर डायलिसीस करवाऊंगा, डायलीसिस की वजह से सुनीता इतने दिनों तक जी सकी. हालांकि, उसके पति ने किडनी देने की पेशकश की थी, लेकिन सुनीता अपने बच्चों की खातिर पति को किडनी देने से मना कर दिया. आपको बता दें कि 2022 में गर्भाशय के ऑपरेशन के नाम पर झोला छाप डॉक्टर ने सुनीता की दोनों किडनी निकाल ली थी, उसके बाद से ही उसकी तबीयत खराब थी, दो साल से सुनीता SKMCH में भर्ती थी, जहां हर दूसरे दिन उसका डायलिसिस होता था. सोमवार को सुनीता ने आखिरकार दम तोड़ दिया. सुनीता अपने पीछे 3 बच्चे छोड़ गई है. पति अकलू राम भी दो साल से पत्नी के इलाज के क्रम में अस्पताल में ही रहते थे. आपको बता दें कि 3 सितंबर 2022 को बरियारपुर में शुभकान्त क्लिनिक में झोलाछाप डॉक्टर पवन और डॉ आर के सिंह ने सुनीता के गर्भाशय का ऑपरेशन किया था, इसी दौरान उसकी दोनों किडनी निकाल ली थी. ऑपरेशन के बाद सुनीता की तबीयत खराब होने लगी जिसके बाद उसे SKMCH लाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसकी दोनों किडनी नहीं है. डॉक्टरों ने उसे PMCH रेफर कर दिया, वहां से उसे IGIMS इलाज के लिए भेजा गया, जहां से नवम्बर 2022 में वापस SKMCH भेज दिया गया. नवंबर 2022 से सुनीता लगातार SKMCH के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती रही, जहां उसका डायलिसिस होता रहा. वहीं, इसको लेकर बिहार की राजनीति भी गरमाई. बीते साल जब सीएम नीतीश मुजफ्फरपुर के SKMCH में पहुंचे तों उन्होंने सुनीता को 5 लाख का चेक सौंपा. सुनीता लगातार लोगों से एक किडनी की गुहार करती रही. हर नेता और अधिकारी से किडनी लगवाने की गुहार करती रही. सितंबर 2024 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा जब मुजफ्फरपुर के SKMCH पहुंचे तो सुनीता ने उनसे मुलकात कर किडनी लगवाने की डिमांड की, उन्होंने सुनीता को आश्वासन दिया, लेकिन महज एक महीना के बाद ही सुनीता दुनिया को छोड़ कर चली गई. Tags: Muzaffarpur latest news, Muzaffarpur newsFIRST PUBLISHED : October 22, 2024, 16:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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