वाह रे बिहार! मंत्री जी के गांव में है 30 बेड का अस्पताल पर नहीं होता इलाज
वाह रे बिहार! मंत्री जी के गांव में है 30 बेड का अस्पताल पर नहीं होता इलाज
Muzaffarpur News: बिहार में इन दिनों स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार कई बड़े काम हो रहे हैं. हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कई बड़े सुपर स्पेशियेलिटी अस्पतालों के उद्घाटन किये. लेकिन मुजफ्फरपुर में वर्षों पहले बने कई अस्पताल आज तक शुरू नहीं हुआ, बल्कि कबाड़ा बनता जा रहा है.
हाइलाइट्स मुजफ्फरपुर का एक और अस्पताल बना कबाड़, नहीं होता इलाज. 5 करोड़ की लागत से एक दशक पहले बना 30 बेड का अस्पताल. आज तक नहीं शुरू हो पाया इलाज, केंद्रीय मंत्री के गांव का मामला.
प्रियांक सौरभ/मुजफ्फरपुर. पारु प्रखंड के चन्दपुरा में बना अस्पताल जो आज तक शुरू नहीं हुआ, भूत बंगला बन गया है. वहीं ठीक ऐसा ही एक मामला सामने आया है मुरौल प्रखंड से. मुरौल के पिलखी गजपति में 10 साल पहले एक एकड़ में 5 करोड़ की लागत से एक अस्पताल बनकर तैयार हुआ था. इस अस्पताल में 30 बेड के साथ शिशु और मातृत्व को लेकर विशेष व्यवस्था की बात कही गई, लेकिन आज तक ये शुरू नहीं हो सका. यहां तक कि एक बेड भी नहीं लगा.
पिलखी गजपति गांव में लगभग 5 करोड़ रुपये की लागत से बना राजकीय रामदुलारी मिट्ठू लाल चौधरी मातृ शिशु मेमोरियल अस्पताल उद्घाटन के बाद से ही बंद पड़ा है. हालांकि कुछ महीने पहले एक दंत चिकित्सक और एक आयुष चिकित्सक की नियुक्ति की गई है, लेकिन दंत चिकित्सक नहीं आते. एक आयुष के डॉक्टर OPD चलाते हैं.
केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री व मुजफ्फरपुर सांसद डॉ राजभूषण चौधरी निषाद के गांव में बना ये अस्पताल लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण जगायी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने वादा भी किया था कि चुनाव जीतने के बाद इसे वृहत रूप में शुरू करवाएंगे, लेकिन कई महीनों के बाद भी ऐसा नहीं हुआ.
खास बात यह कि आज एक डॉक्टर के सहारे किसी तरह OPD चल रहा है, लेकिन अस्पताल में न बेड है, ना मेडिसिन, ना कोई व्यवस्था. यानी पूरा अस्पताल कबाड़ बनकर रह गया है. जाहिर है मुजफ्फरपुर के पिलखी गजपति गांव का बंद पड़ा अस्पताल हमारे सरकारी सिस्टम के लिए आईना है जिसमें पूरी व्यवस्था कुरूप दिखती है.
बता दें कि मुजफ्फरपुर के पारु प्रखंड के सरैया पंचायत के चांदपुरा चौर में बना अस्पताल की इससे भी बुरी स्थिति है. इस अस्पताल को भवन निर्माण विभाग द्वारा बनाया गया था. जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर पारु के चांदपुरा में 6 एकड़ जमीन में करीब 5 करोड़ की लागत से ये अस्पताल बनकर तैयार हो गया था, लेकिन यह आज तक चालू नहीं हो पाया और यह एक हॉन्टेड हाउस बनकर रह गया.
बता दें कि, यह वर्ष 2015 में पूरी तरीके से बनकर तैयार हो गया था. इसमें 30 से अधिक बेड की व्यवस्था की गई. तमाम उपकरण लगाए गये थे, लेकिन सबकुछ तैयार होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने इसे टेकओवर नहीं किया. वर्षों तक ये अस्पताल ऐसे ही पड़ा रहा. धीरे धीरे ये चोरों और असमाजिक लोगों का अड्डा बन गया. फिर इसमें लगे बिजली के उपकरण, टाइल्स, मार्बल, चौखट, ग्रिल सब चोरी हो गए.
Tags: Bihar Government, Bihar News, Muzaffarpur hindi news, Muzaffarpur ka news, Muzaffarpur latest news, Muzaffarpur news, Nitish GovernmentFIRST PUBLISHED : September 10, 2024, 18:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed