अमेरिकी दवा कंपनियों पर 650 मिलियन डॉलर जुर्माना नशीली दवाओं की ज्यादा आपूर्ति का आरोप
अमेरिकी दवा कंपनियों पर 650 मिलियन डॉलर जुर्माना नशीली दवाओं की ज्यादा आपूर्ति का आरोप
अमेरिका (America) की दवा कंपनियों (pharmaceutical company) पर कोर्ट ने भारी भरकम जुर्माना लगाया गया है. ये कंपनियां नशीली दवाओं (drugs ) की बेहद ज्यादा आपूर्ति करने की दोषी पाई गई हैं. इन दवा कंपनियों पर नशे की लत, समय से पहले मौत और अन्य बीमारियों के बढ़ने के आरोप थे. कंपनियों ने आरोपों का खंडन किया है.
हाइलाइट्सअमेरिका की सबसे बड़ी 3 दवा कंपनियों पर जुर्माना दवा की ज्यादा आपूर्ति और नशे को बढ़ावा देने का आरोप नशीली दवाओं के कारण हुईं कई मौतें और रोगी बढ़े
लेक काउंटी( अमेरिका) . दुनियाभर में दर्दनिवारक गोलियों को अपने मन से लेना कोई नई बात नहीं है. दवा कंपनियों (pharmaceutical company) ने भी बीते दो दशकों में अफीम आधारित दवा (drugs) निर्माण में खूब इजाफा किया है. जिसका नतीजा भी देखने को मिल रहा है. हाल ही में भारत में भी कोडीन आधारित खांसी की दवाओं पर नियंत्रण लाने के लिए कानून में संशोधन का प्रस्ताव आया है. अब अमेरिका (America) में भी ऐसा ही मामला सामने आया है. अमेरिका के फेडरल जज ने अमेरिका की तीन सबसे बड़ी दवा निर्माता कंपनियों पर ओहियो की दो काउंटी में दर्द निवारक की आपूर्ति बढ़ाने में मदद करने को लेकर 650.5 मिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया है.
अदालत ने पाया कि वॉलग्रीन्स बूट्स अलायंस, सीवीएस और वॉलमार्ट ने नशे की लत वाली अफीम युक्त गोलियों की अधिक आपूर्ति पैदा करने में मदद की. कंपनियों पर जो जुर्माना लगाया गया है इससे मिलने वाले पैसे का उपयोग लेक और ट्रंबुल काउंटी के संकट से निपटने में किया जाएगा. अब कंपनियां इस फैसले को लेकर अपील करने की योजना बना रही हैं. अमेरिका में पिछले 20 सालों में लाखों लोग अफीम युक्त दर्दनिवारक जैसे फैंटानिल और ऑक्सीकोन्टिन के आदी हो चुके हैं. 1999 से 2019 के बीच करीब 5 लाख लोग दर्दनिवारक गोलियों की अधिकता की वजह से जान गंवा चुके हैं.
प्रति व्यक्ति 400 गोलियां वितरित हुईं
अदालत में क्लीवलैंड के पास की दोनों काउंटी लेक और ट्रंबुल के संकट की कुल वित्तीय लागत 3.3 बिलियन डॉलर रखी थी. दोनों काउंटी ने अमेरिका के अन्य न्यायक्षेत्रों की तरह यही तर्क दिया है कि इस संकट की वजह से उनके स्थानीय संसाधन, सामाजिक कार्यक्रमों और कानून व्यवस्था पर गहरा असर डाला है. वकीलों ने कहा कि स्थानीय स्तर पर व्यापक तौर पर गोलियों की बाढ़ आने से पूरा समाज हिल गया है. 2012 से 2016 के बीच ट्रंबुल काउंटी में करीब 80 मिलियन दर्दनिवारक गोलियां वितरित हुईं. यानी एक व्यक्ति पर करीब 400 गोलियां. वहीं लेक काउंटी में इसी दौरान करीब 61 मिलियन गोलियां बेची गईं. अमेरिका के जिला न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा है कि लेक काउंटी को 15 सालों में $306 मिलियन का भुगतान किया जाएगा. वहीं ट्रंबुल को $344 मिलियन प्राप्त होंगे. फैसले की दोनों काउंटी के शासन ने प्रशंसा की है.
कंपनियों ने किया आरोपों का खंडन, डॉक्टरों को बताया दोषी
तीनों कंपनियों ने लगातार अपने ऊपर लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि उन्होंने दर्द निवारक दवाओं के अवैध उपयोग को रोकने का हमेशा प्रयास किया है. उनका कहना है कि इसमें दोष कंपनी का नहीं बल्कि डॉक्टर का है, जो यह निर्धारित करते हैं कि किसे कितनी गोलियां लेनी हैं और कितने वक्त के लिए लेनी हैं.
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Tags: America, Drug, Pharmaceutical companyFIRST PUBLISHED : August 18, 2022, 18:27 IST