Surya Grahan 2022: ग्रहण के समय मंदिर के कपाट क्यों बंद किये जाते हैं जानिए वजह
Surya Grahan 2022: ग्रहण के समय मंदिर के कपाट क्यों बंद किये जाते हैं जानिए वजह
Surya Grahan 2022 Rules: क्या आपको पता है कि सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट आखिर क्यों बंद किए जाते हैं? हिंदू धर्म में ग्रहण से जुड़े बहुत से नियम माने जाते हैं. मंदिरों के कपाट बंद होना भी उन्हीं नियमों में से एक है. यह परंपरा कई सदियों पुरानी है.
हाइलाइट्सग्रहण के दौरान देवी शक्तियों का प्रभाव कम हो जाता है.ग्रहण के दौरान असुरी शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है.
2022 Surya Grahan Solar Eclipse in India: साल 2022 का अंतिम सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर दिन मंगलवार को पड़ रहा है. इस सूर्यग्रहण के कारण दीपावली के बाद आने वाले त्योहार की तिथियां आगे बढ़ गई हैं. हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण के दिन सभी प्रमुख मंदिर देवालयम के द्वार सूर्य ग्रहण खत्म होने तक बंद रखे जाते हैं. इसके अलावा मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दिन भोजन आदि खाद्य पदार्थों में भी तुलसी की पत्ती डालकर ही उन्हें ग्रहण करना चाहिए.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह सूर्य ग्रहण मंगलवार तड़के 4:29 से शुरू हो जाएगा और शाम 5:22 तक रहेगा, इस पूरे अंतराल में प्रसिद्ध मंदिरों के कपाट शाम को 6:30 बजे तक नहीं खुलेंगे. ग्रहण के दौरान मंदिर के कपाट क्यों बंद रखे जाते हैं इस विषय में हमें बता रहे हैं ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा. ग्रहण से जुड़ी परंपराएं
-हिंदू धर्म में ग्रहण को लेकर कुछ परंपराएं काफी प्राचीन समय से चली आ रही है. जैसे ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए. इसके पीछे मान्यता है कि ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ और सोने पर भी इसका असर पड़ता है. इन्हीं परंपराओं में से एक परंपरा है मंदिर के दरवाजे बंद किए जाना. हिंदू धर्म में मंदिरों के अलावा घर में मौजूद पूजा स्थल को भी कपड़ों से अच्छी तरह से ढक दिया जाता है. इस परंपरा के पीछे कई प्रकार की धार्मिक मान्यताएं प्रचलित हैं.
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हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा गया है कि ग्रहण के दौरान देवी शक्तियों का प्रभाव कम होकर असुरी शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है. इसलिए इस दौरान पूजा पाठ करने की मनाही होती है. मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दौरान मौन अवस्था में रहकर मंत्र जाप करना चाहिए. साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो ग्रहण के दौरान पृथ्वी के वायुमंडल में हानिकारक किरणों का प्रभाव ज्यादा होता है. इसलिए इस दौरान खाने-पीने की मनाही होती है.
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हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल के बाद जब ग्रहण पूरी तरह से समाप्त हो जाए. तब सभी मंदिरों में देवी देवताओं की मूर्तियों को अच्छी तरह से धोया जाना चाहिए. साथ ही मंदिरों को भी सही ढंग से साफ किया जाना चाहिए. इसके बाद ही इन प्रतिमाओं को पुनः मंदिर में स्थापित कर सकते हैं. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
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Tags: Dharma Aastha, Religion, Solar eclipse, Surya GrahanFIRST PUBLISHED : October 24, 2022, 18:46 IST