पहला शिव कुमार शिव स्मृति सम्मान सुधांशु गुप्त और गीताश्री को

शिव कुमार शिव ‘डिफेक्टिव’ (साप्ताहिक अखबार), ‘वनफूल’ और ‘किस्सा’ पत्रिकाओं के संस्थापक सम्पादक रहे. साहित्य सेवा के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया. 28 अप्रैल, 2021 को कोलकाता में उनका निधन हो गया.

पहला शिव कुमार शिव स्मृति सम्मान सुधांशु गुप्त और गीताश्री को
साहित्यिक पत्रिका ‘किस्सा’ अब रचनाकारों का सम्मान भी करने जा रही है. इसके लिए पत्रिका के संस्थापक शिव कुमार शिव की स्मृति में सम्मानों की घोषणा की है. पहले शिव कुमार शिव स्मृति सम्मान के लिए चर्चित कथाकार सुधांशु गुप्त और गीताश्री को चुना गया है. सुधांशु गुप्त के कहानी संग्रह ‘तेहवां महीना’ और गीताश्री के उपन्यास ‘कैद बाहर’ के लिए यह सम्मान प्रदान किया जाएगा. ‘किस्सा’ पत्रिका की संपादक अनामिका शिव ने बताया कि उनके पिता शिव कुमार शिव की जयंती के अवसर पर 30 जुलाई को ये सम्मान प्रदान किए जाएंगे. नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के कमलादेवी ब्लॉक में सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा. कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार अशोक वाजपेयी, ममता कालिया, महेश दर्पण और ललिता अस्थाना चयनित कथाकारों को सम्मानित करेंगी. शिव कुमार शिव की पुत्री अनामिक शिव खुद भी एक कवयित्री हैं और किस्सा पत्रिका के संपादक का दायित्व संभाल रही हैं. उनका कविता संग्रह ‘सवाल की नोंक पर’ प्रकाशित हो चुका है. अनामिका बताती हैं कि साहित्य की दुनिया में उनके पिता वह पहचान नहीं मिली जो उनको मिलनी चाहिए थी. क्योंकि वे किसी भी प्रकार की चका-चौंध से हमेशा दूर रहते थे. सेल्फ प्रमोशन में उनका विश्वास नहीं था. पुरस्कार के बारे में अनामिका ने बताया कि शिव कुमार शिव स्मृति सम्मान की जब उन्होंने घोषणा की तो देशभर से उनके पास 500 से अधिक कृतियां प्राप्त हुईं. इनमें अन्य भाषाओं की भी 200 से अधिक पुस्तकें थीं. ‘किस्सा’ पत्रिका के संपादक मंडल ने ही इन कृतियों में से श्रेष्ठ कृति का चयन किया. अनामिका शिव ने बताया कि चयनित कथाकार को 51-51 हजार रुपये की नकद राशि, स्मृति चिह्न और सम्मान पत्र प्रदान किया जाएगा. उन्होंने बताया कि हर वर्ष एक उपन्यास और एक कहानी संग्रह के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा. शिव कुमार ‘शिव’ 30 जुलाई, 1951 को पश्चिम बंगाल के एक गांव हाथीछापा में जन्मे शिव कुमार ‘शिव’ ने औपचारिक शिक्षा दसवीं कक्षा तक ही प्राप्त की. लेकिन महज 12-13 साल की उम्र से ही गीत लिखने शुरू कर दिए. 19 वर्ष की आयु में उनकी पहली कहानी ‘सारिका’ पत्रिका में प्रकाशित हो गई थी. शिव कुमार ‘शिव’ एक मारवाड़ी परिवार में जन्मे थे, जहां साहित्य–संस्कृति से ज्यादा व्यवसाय को महत्व दिया जाता था. अपनी व्यावसायिक दक्षता सिद्ध करने उन्होंने मुम्बई की राह ली और वहां व्यावसायिक कामयाबी भी हासिल की. उसी दौर में बहुत-से मंचीय कवियों से उनकी संगत हुई और आशु कवि के रूप में वे चर्चित होने लगे. सन् 1973 में कवि मतवाला के साथ शिव कुमार शिव का सांझा गीत संग्रह ‘मंजुला’ प्रकाशित हुआ. गीतों वे फिर कहानी लेखन की ओर मुड़े और तमाम पत्रिकाओं में उनकी कहानियां प्रकाशित हुईं. उनका पहला कहानी संग्रह ‘देह दाह’ सन् 1989 में प्रकाशित हुआ. इसके बाद ‘जूते’,‘दहलीज’, ‘मुक्ति’ और ‘शताब्दी का सच’ कहानी संग्रह प्रकाशित हुए. कहानियों के अलावा उन्होंने‘आंचल की छांव में’ नाम से एक उपन्यास भी लिखा. लेकिन जीवन की आपाधापी में वह कहीं गुम हो गया. सन् 1990 में ‘आगे सड़क बन्द है’ उपन्यास शुरू किया पर अधूरा छोड़ दिया. 1997 में ‘राग विराग’ नाम से लघु उपन्यास लोकमत समाचार के दीपावली विशेषांक में प्रकाशित हुआ. 2005 में उपन्यास ‘तुम्हारे हिस्से का चांद’ प्रकाशित हुआ और चर्चित रहा. कोसी क्षेत्र की लोककथा पर केन्द्रित उपन्यास ‘महुआ घटवारिन’ में पुस्तकाकार प्रकाशित हुआ. इनके अतिरिक्त आत्मकथात्मक उपन्यास ‘नेपथ्य के नायक’, आत्मकथा ‘अपने आपको दोहरा रहा हूं मैं’ प्रकाशित हुई. 1998–99 के आसपास लिखा उनका उपन्यास ‘वनतुलसी की गंध’ 2022 में प्रकाशित हुआ. उनके तीन कविता संग्रह ‘इसी शहर में’, ‘बचे रहने की गुंजाइश’, ‘आदमी भीतर आदमी’ और एक नाटक ‘गली का मोड़’ भी प्रकाशित हुआ. Tags: Hindi Literature, Hindi Writer, New booksFIRST PUBLISHED : July 22, 2024, 16:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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