MBBS की हासिल की डिग्री काम के साथ UPSC की तैयारी अब डॉक्टर से बनीं IAS

IAS UPSC Success Story: इंसान की नजरें कभी-कभी ऐसी चीजें को देख लेती है, जिससे उनका जीवन पूरी तरह से बदल जाता है. ऐसी ही कहानी एक आईएएस ऑफिसर की है, जो MBBS के बाद यूपीएससी क्रैक करके IAS Officer बन गई.

MBBS की हासिल की डिग्री काम के साथ UPSC की तैयारी अब डॉक्टर से बनीं IAS
Success Story: कहते हैं कि कभी-कभी इंसान की नजरें ऐसी चीजें को देख लेती है, जिससे उनका जीवन पूरी तरह से बदल जाता है. कोविड के दौरान एक डॉक्टर के साथ कुछ ऐसा ही हुआ और वह डॉक्टर से IAS Officer बन गई. मुंबई के केएम अस्पताल में छह साल बिताने के बाद वह यूपीएससी की परीक्षा पास करके 51 रैंक हासिल की थीं. वह अस्पताल में काम करने के साथ पढ़ाई करके इस मुकाम को हासिल करने में सफल रही हैं. हम जिनकी बात कर रहे हैं, उनका नाम डॉक्टर नेहा राजपूत (Dr. Neha Rajput) है. UPSC में हासिल की 51 रैंक IAS नेहा राजपूत महाराष्ट्र के जलगांव से ताल्लुक रखती हैं. 26 वर्षीय डॉ. नेहा राजपूत ने वर्ष 2024 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षाओं में ऑल इंडिया रैंक 51 हासिल की हैं. वर्ष ​2016 में एमबीबीएस में एडमिशन लेने के बाद उन्होंने परेल में बीएमसी द्वारा संचालित केईएम अस्पताल एंड मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई पूरी की हैं. एमबीबीएस और इंटर्नशिप के बाद डॉ. राजपूत को फोरेंसिक विभाग में तैनात किया गया था. वह बताती हैं कि आईएएस अधिकारी बनने का मतलब है निर्णय लेने में डायवर्सिटी और पावर होना चाहिए. अपने ट्रेनिंग के बाद मैं निश्चित रूप से स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करना चाहती हूं. कोविड के दौरान UPSC के प्रति हुआ झुकाव मरीजों का इलाज करते हुए नेहा (Dr. Neha Rajput) में उपचार के प्रति जुनून पैदा हुआ, लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि जिस प्रभाव की उन्हें चाहत थी, वह पर्सनल बातचीत से परे है. कोविड के दौरान उन्हें लगा कि कुछ ऐसा करना चाहिए, जिससे बड़े पैमाने पर काम करने और बड़े स्तर पर लोगों की मदद करने की संतुष्टि मिले. तभी मेरे अंदर सिविल सर्वेंट बनने का विचार आया. जैसे ही मेडिकल क्षेत्र में उनकी इंटर्नशिप समाप्त हुई, उन्होंने यूपीएससी सीएसई की तैयारी शुरू कर दी थी. कोचिंग के बजाय चुना टैबलेट कोर्स अपनी कठिन मेडिकल पढ़ाई के बावजूद नेहा ने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. समय की कमी को देखते हुए उन्होंने ट्रेडिशनल कोचिंग के बजाय टैबलेट कोर्स का विकल्प चुना. उन्होंने ऑप्शनल पेपर के तौर पर एंथ्रोपोलॉजी विषय को रखा, जो मेडिकल साइंस के साथ जुड़ा हुआ विषय भी था. उनके इस सफर में उनका परिवार, दोस्तों और अन्य साथियों का बहुत अच्छा समर्थन मिला. ये भी पढ़ें… एटॉमिक एनर्जी विभाग में नौकरी पाने का मौका, बस होनी चाहिए ये योग्यता, बेहतरीन होगी मंथली सैलरी IIT को टक्कर देता है यह कॉलेज! 1 करोड़ से अधिक का मिलता है पैकेज, ऐसे पाएं यहां दाखिला Tags: IAS Officer, Jee main, Success Story, UPSC, Womens Success StoryFIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 16:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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