इनकम टैक्स: 10 साल में ढाई कोस चली सरकार रोटी की लागत दोगुनी आम टैक्सपेयर
इनकम टैक्स: 10 साल में ढाई कोस चली सरकार रोटी की लागत दोगुनी आम टैक्सपेयर
बीते 10 साल से अधिक समय से पीएम मोदी की सरकार है. इस दौरान देश के भीतर हर एक चीज में व्यापक बदलाव आया है. लेकिन, इनकम टैक्स स्लैब का मामला थोड़ा पेचीदा है.
केंद्र में 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी थी. तब से अब तक गंगा में अरबों गैलन पानी का बहाव हो चुका है. दुनिया के आकार, प्रकार, विकार… हर चीज में बदलाव आ चुका है. खुद पीएम मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन चुके हैं. इस दौरान देश के भीतर भी काफी कुछ बदल चुका है. लेकिन, एक चीज में बदलाव की दर बहुत धीमी रही. वह है इनकम टैक्स. बीते 10 सालों में यह सरकार इनकम टैक्स के मामले में केवल ढाई कोस चली है. इस दौरान रोटी की लागत करीब दोगुनी हो गई. स्कूल फीस करीब-करीब दोगुने हो गए. इलाज खर्च में बेहतहाशा वृद्धि हो चुकी है. प्रोपर्टी और रेंट दोगुने हो चुके हैं. बावजूद इसके आम टैक्स पेयर्स को उचित टैक्स छूट नहीं दी गई.
दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के आम बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम का चयन करने वाले टैक्स पेयर्स को एक बार फिर कोई राहत नहीं दी. वहीं न्यू टैक्स रिजीम वालों को भी बहुत कुछ नहीं मिला है. इस रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार कर दिया गया है. इस तरह अब आपको 7 लाख 75 हजार रुपये के वार्षिक आय पर कोई कर नहीं देना होगा. लेकिन, अगर आपकी आय 7 लाख 75 हजार एक रुपये हो जाए तो टैक्स स्लैब बदल जाएगा. इस स्थिति में आपको इस स्लैब के हिसाब से टैक्स देना पड़ेगा.
न्यू टैक्स रिजीम का स्लैब 3 लाख रुपये तक- 0% टैक्स 3-7 लाख रुपये तक- 5% टैक्स 7-10 लाख रुपये तक- 10% टैक्स 10-12 लाख रुपये तक- 15% टैक्स 12-15 लाख रुपये तक- 20% टैक्स 15 लाख से अधिक तक- 30% टैक्स
ओल्ड टैक्स रिजीम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई बदला नहीं किया. यह टैक्स स्लैब इस प्रकार है. 2.50 लाख रुपये तक – 0% टैक्स 2.5 से 5 लाख रुपये तक – 5% टैक्स 5 से 10 लाख रुपये तक- 20% टैक्स 10 लाख से अधिक- 30% टैक्स
2013-14 में टैक्स रिजीम
हमारी पूरी चर्चा इसी मसले पर है. वर्ष 2013-14 में एक ही टैक्स रिजीम होता था. उस वक्त टैक्स स्लैब कुछ ऐसा था. 2 लाख रुपये की आय- 0% टैक्स 2-5 लाख रुपये की आय- 10% टैक्स 5-10 लाख रुपये की आय- 20% टैक्सॉ 10 लाख से अधिक आय- 30% टैक्स
2014-15 में टैक्स रिजीम 2.5 लाख रुपये की आय- 0% टैक्स 2.5-5 लाख रुपये की आय- 10% टैक्स 5-10 लाख रुपये की आय- 20% टैक्स 10 लाख से अधिक आय- 30% टैक्स
नोट- 2015-16 में टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं
2016-17 में टैक्स रिजीम 3 लाख रुपये की आय- 0% टैक्स 3-5 लाख रुपये की आय- 10% टैक्स 5-10 लाख रुपये की आय- 20% टैक्स 10 लाख से अधिक आय- 30% टैक्स
2017-18 में टैक्स रिजीम 2.5 लाख रुपये की आय- 0% टैक्स 2.5-5 लाख रुपये की आय- 5% टैक्स 5-10 लाख रुपये की आय- 20% टैक्स 10 लाख से अधिक आय- 30% टैक्स
नोट- 2018-19, 2019-20 और 2020-21 के टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं
2021-22 में टैक्स रिजीम
इस वित्त वर्ष में देश में दो टैक्स रिजीम की शुरुआत हुई. ओल्ड और न्यू. ओल्ड रिजीम के तहत टैक्स स्लैब में एक बार कोई बदलाव नहीं हुआ.
न्यू रिजीम में 7 लाख रुपये की आय को कर मुक्त कर दिया गया, लेकिन इससे 1 रुपये अधिक होने पर 2.5 लाख से अधिक की आय पर टैक्स लगना शुरू हो जाता है.
2021-22 का न्यू टैक्स रिजीम 2.5 लाख की आय- 0% टैक्स 2.5 से 5 लाख की आय- 5% टैक्स 5- से 7.5 लाख की आय- 10% टैक्स 7.5 से 10 लाख की आय- 15% टैक्स 10 से 12.50 लाख की आय- 20% टैक्स 12.5 से 15 लाख की आय- 25% टैक्स 15 लाख से अधिक- 30% टैक्स
2022-23 का ओल्ड टैक्स रिजीम 2.5 लाख रुपये की आय- 0% टैक्स 2.5-5 लाख रुपये की आय- 5% टैक्स 5-10 लाख रुपये की आय- 20% टैक्स 10 लाख से अधिक आय- 30% टैक्स
नोट- 2022-23 के न्यू टैक्स रिजीम में नो चेंज.
2023-24 में ओल्ड टैक्स रिजीम 2.5 लाख रुपये की आय- 0% टैक्स 2.5-5 लाख रुपये की आय- 5% टैक्स 5-10 लाख रुपये की आय- 20% टैक्स 10 लाख से अधिक आय- 30% टैक्स
2023-24 में न्यू टैक्स रिजीम 3 लाख की आय- 0% टैक्स 3 से 6 लाख की आय- 5% टैक्स 6- से 9 लाख की आय- 10% टैक्स 9 से 12 लाख की आय- 15% टैक्स 12 से 15 लाख की आय- 20% टैक्स 15 लाख से अधिक- 30% टैक्स
2024-25 में न्यू टैक्स रिजीम 3 लाख की आय- 0% टैक्स 3 से 7 लाख की आय- 5% टैक्स 7- से 10 लाख की आय- 10% टैक्स 10 से 12 लाख की आय- 15% टैक्स 12 से 15 लाख की आय- 20% टैक्स 15 लाख से अधिक- 30% टैक्स
नोट- 2024-25 में ओल्ड टैक्स रिजीम में नो चेंज.
निष्कर्ष
बीते 10 साल में ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्स फ्री आय 2 लाख से बढ़कर 2.5 लाख रुपये हुई. हालांकि इसके साथ कई किंतु-परंतु हैं.
रोटी हुई महंगी
अब आते हैं रोटी की कीमत पर. हमने रोटी को यहां महंगाई के प्रतीक के रूप में लिया है. इस दौरान रोटी की कीमत करीब-करीब दोगुनी हो गई है. डिपार्टमेंट ऑफ फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन के मुताबिक 2013-14 में गेहूं की एमएसपी 13.50 रुपये किलो थी. वह आज 22.75 रुपये किलो है. खुदरा में गेहूं के आटे की कीमत 40 रुपये किलो के आसपास है. इस दौरान स्कूल फी, इलाज खर्च, मकान किराया, मकान की कीमत हर एक चीज की लागत करीब-करीब दोगुनी हो गई है. लेकिन, कर मुक्त आय की सीमा 2 लाख से बढ़कर 2.5 लाख रुपये हुई है.
Tags: Budget session, Income tax, Income tax slabsFIRST PUBLISHED : July 23, 2024, 16:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed