बाबा तो गजब का है! 20 साल पहले माना गया मरा वेष बदलकर कर रहा था कांड फिर

बाबा का खेल 2022 में एक एसबीआई के बैंक से शुरू होता है. 50 लाख रुपये के घपले में सीबीआई ने वी चलपति राव के खिलाफ पहली बार मामला दर्ज किया था. राव उस समय हैदराबाद में एसबीआई की चंदूलाल बारादरी शाखा में कंप्यूटर ऑपरेटर था. उस पर बैंक से 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगा था, लेकिन जैसे ही पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुंचती वह गायब हो गया.

बाबा तो गजब का है! 20 साल पहले माना गया मरा वेष बदलकर कर रहा था कांड फिर
तामिलनाडु से चौंकाने वाले मामला सामने आया है. लगभग दो दशक पहले कोर्ट ने जिसे मरा हुआ घोषित कर दिया था, रविवार उसे सीबाआई ने लगभग 22 साल बाद तिरुनेलवेली के नरसिंगनल्लूर गांव से गिरफ्तार कर लिया है. वी चलपति राव नाम के शख्स पर बैंक से धोखाधड़ी और 50 लाख रुपये लेकर गायब होने का आरोप है.जब जांच एजेंसी ने उसे गिरफ्तार किया, तब वह तमिलनाडु के एक गांव में साधु के वेश में छिपा था. लेकिन वह दो दशकों तक वेष बदल-बदल कर जांच एजेंसियों के चकमा देता रहा था. सारा मामला 1 मई, 2002 से शुरू होता है. सीबीआई ने वी चलपति राव के खिलाफ पहली बार मामला दर्ज किया था. राव उस समय हैदराबाद में एसबीआई की चंदूलाल बारादरी शाखा में कंप्यूटर ऑपरेटर था. उस पर बैंक से 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगा था, लेकिन जैसे ही पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुंचती वह गायब हो गया. उसकी पत्नी ने 10 जुलाई 2004 को कमाटीपुरा पुलिस स्टेशन में पति की गुमशुदगी की मामला दर्ज करा दी. फिर 2011 में कोर्ट में याचिका दायर कि की उसका पति 7 साल से लापाता है, तो उसे मृत घोषित कर दिया जाए. ‘यह तो ट्रायल को लेट…’ अभिषेक सिंघवी की दलील पर भड़का सुप्रीम कोर्ट, राजू बोले- जज साहब मेरी ओर से कोई… कैसे किया साजिश राव ने ने कथित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों से जाली कोटेशन और अपने परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों के नाम पर बनाए गए फर्जी सैलरी डॉक्यूमेंट बैंक को देकर लोन लेकर गायब हो गया था. सीबीआई ने दिसंबर 2004 में उसके खिलाफ दो आरोपपत्र दायर किए, लेकिन उससे पहले राव लापता हो गया था. कोर्ट ने मृत घोषित किया सीबीआई उसके पीछे 20 सालों तक पड़ी रही. सीबीआई ने जानकारी दी, राव पहले तमिलनाडु के सलेम भाग गया. वहां वह 2007 में अपना नाम बदलकर एम विनीत कुमार रख लिया और दूसरी महिला से शादी कर ली. नई पत्नी की मदद से आधार नंबर भी हासिल कर लिया. इस दौरान सीबीआई अधिकारियों को पता चला कि राव अपनी पहली शादी से हुए बेटे के संपर्क में है. लेकिन जैसे ही जांच एजंसी उसे गिरफ्तार करने पहुंचती 2014 में, उसने किसी को बताए बिना सलेम छोड़ दिया. वहां से वह भोपाल पहुंचा, जहां उसने रिकवरी एजेंट के रूप में काम करने लगा. फिर वहां से उत्तराखंड के रुद्रपुर चला गया, जहां वह एक स्कूल में काम किया. फिर वहां से भी फरार सीबीआई की एक टीम जब रुद्रपुर पहुंची, राव 2016 में वहां से भाग गया. सीबीआई ने ‘एम विनीत कुमार के नाम से ईमेल आईडी और आधार नंबर लेकर Google से संपर्क किया तो पता चला कि राव औरंगाबाद के वेरुल गांव में एक आश्रम में पहुंचा है. राव वहां पर अपना नाम बदलकर स्वामी विधितत्मन और तीर्थ रख लिया था. वहां पर उसने उन्होंने दूसरा आधार कार्ड बनवा लिया था, लेकिन दिसंबर 2021 में भी वहां उसने ठगी की. उसने कथित तौर पर आश्रम के मैनेजर को 70 लाख रुपये का चूना लगा दिया और आश्रम छोड़ दिया… लागातार चकमा देता रहा इसके बाद वहां से राव राजस्थान के भरतपुर चला गया. 8 जुलाई, 2024 तक वहीं पर रह रहा था. फिर भरतपुर को छोड़ कर वह अपने एक शिष्य के साथ रहने के लिए तिरुनेलवेली पहुंच गया. सीबीआई को विश्वसनीय जानकारी मिली कि आरोपी समुद्र के रास्ते श्रीलंका भागने की योजना बना रहा है. लेकिन उससे पहले कि वह अपने इस योजना में कामयाब हो पाता अधिकारियों ने उसे लोकेशन को ट्रैस कर लिया. रविवार, 4 अगस्त को तिरुनेलवेली के नरसिंगनल्लूर गांव से उसे गिरफ्तार कर लिया. Tags: CBI Probe, Sadhu SantFIRST PUBLISHED : August 6, 2024, 14:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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