आज इतिहास बन जाएंगे ट्विन टॉवर 3700 किलो विस्फोटक से महसूस होंगे भूकंप जैसे झटके जानें 10 बड़ी बातें
आज इतिहास बन जाएंगे ट्विन टॉवर 3700 किलो विस्फोटक से महसूस होंगे भूकंप जैसे झटके जानें 10 बड़ी बातें
Twin Tower Blast: नोएडा में आज दोपहर 2.30 बजे सेक्टर 93 ए में स्थित ट्विन टॉवर गिरा दिए जाएंगे. 9 साल तक चली कानूनी लड़ाई के बाद अगस्त 2021 में कोर्ट ने इन्हें गिराने का आदेश दिया था. लंबी प्रक्रिया के बाद अब ब्लास्ट करके दोनों टॉवर को उड़ा दिया जाएगा. ब्लास्ट के लिए करीब 3700 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल होगा.
गौतमबुद्दनगर: नोएडा में आज दोपहर 2.30 बजे एक बड़ा विध्वंस होगा. जब सेक्टर 93 ए में स्थित नियमों के खिलाफ बने ट्विन टॉवर गिरा दिए जाएंगे. बिल्डिंग को ब्लास्ट के जरिए उड़ाने की पूरी तैयारी की जा चुकी है. इस बिल्डिंग से जुड़े फैक्ट्स और अन्य जानकारी बेहद अहम है. आइये 10 अहम प्वाइंट्स के जरिए जानें इनके बारे में… फ्लैट की संख्या: मूल रूप से प्रत्येक टावर में 40 फ्लैट की संख्या निर्धारित की गई थी. हालांकि अदालत द्वारा निर्माण कार्य रोके जाने के बाद ऐसा हो नहीं सका. जबकि कुछ निर्माणों को पहले ही तोड़ दिया गया था. अब एपेक्स टावर में 32 फ्लैट हैं और सियेन में यह संख्या 29 है. इस योजना में 900 से ज्यादा फ्लैट होने थे, इनमें से दो-तिहाई बुक या बेच दिए गए थे. टॉवर्स की लंबाई: एपेक्स टावर की ऊंचाई 103 मीटर है जबकि सियेन टॉवर 97 मीटर लंबा है. इन टॉवर को उड़ाने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग ने दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञों के साथ करार किया है जिन्होंने 3 साल पहले जोहान्सबर्ग में एक बैंक बिल्डिंग को विस्फोट के जरिए गिराया था. इस इमारत की ऊंचाई 108 मीटर थी. इससे पहले भारत में ब्लास्ट के जरिए उड़ाई गई सबसे ऊंची इमारत केरल में 68 मीटर थी. अन्य अपार्टमेंट: ट्विन टॉवर के आसपास 8 मीटर की दूरी पर कुछ अपार्टमेंट हैं. इसके अलावा 9 से 12 मीटर के अंदर भी कई अन्य बिल्डिंग्स हैं. धमाके के दौरान धूल के प्रकोप से बचने के लिए उन्हें एक विशेष कपड़े में ढंक दिया गया है. 3,700 किलो विस्फोटक: ट्विन टॉवर को ब्लास्ट के जरिए उड़ाने के लिए खंभों में करीब 7,000 छेदकर उनमें विस्फोटक डाला गया है. इन सबको एक साथ लाने के लिए 20,000 सर्किट बनाए गए हैं. जैसे ही ब्लास्ट होता है तो ये खंभों को इस तरह से टकराते हैं कि टावर सीधे नीचे गिर जाते हैं, इसे ‘वाटरफॉल तकनीक’ कहा जाता है. आधे घंटे तक आवाजाही बंद: ब्लास्ट की यह प्रोसेस कब तक चलेगी इस पर प्रोजेक्ट इंजीनियर ने कहा कि, आज दोपहर 2.15 से 2.45 बजे तक ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर आधे घंटे के लिए ट्रैफिक रोक दिया जाएगा. ब्लास्ट वाली साइट से 100 मीटर की दूरी पर अफ्रीका के तीन विशेषज्ञ और कुछ अन्य सरकारी अधिकारी कुल 10 लोगों से अधिक मौजूद नहीं होंगे. 3 हजार ट्रक मलबा: धूल जमने में इतना समय लगेगा? इस सवाल का जवाब देते एक्सपर्ट्स ने बताया यदि हवा की गति सामान्य नहीं रही तो थोड़ा समय लग सकता है. ब्लास्ट के बाद मजदूर आस-पास की इमारतों की जांच करने के लिए आगे बढ़ेंगे और तुरंत मलबे पर काम करने लगेंगे. बेशक, मलबे को साफ होने में अधिक समय लगेगा. क्योंकि 55,000 टन मलबा या 3,000 ट्रक, को ढोने में तीन महीने लगेंगे. महसूस होगा भूकंप जैसा झटका: विस्फोट के बाद इसका कंपन कुछ सेंकड के लिए 30 मीटर तक महसूस किया जाएगा, सरल शब्दों में यह कंपन रिक्टर पैमाने पर 0.4 तीव्रता के भूकंप के बराबर है. 7,000 लोगों को छोड़ना पड़ा घर: नागरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आस-पास के इलाकों के निवासी आज सुबह 7 बजे घरों से निकल चुके हैं. परियोजना अधिकारियों ने कहा कि शाम 4 बजे तक गैस और बिजली वापस बहाल कर दी जाएगी और निवासियों को 5.30 बजे तक वापस जाने की अनुमति दी जाएगी. 9 साल चली कानूनी लड़ाई: 9 साल तक चली कानूनी लड़ाई के बाद अगस्त 2021 में इस मामले में अंतिम अदालती फैसला आया. सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी के निवासियों ने पहली बार 2012 में अदालत का रुख किया था, जब इन टावरों को एक संशोधित भवन योजना के हिस्से के रूप में मंजूरी दी गई थी. 100 करोड़ का बीमा: ब्लास्ट के दौरान आसपास की इमारतों की सुरक्षा के लिए 100 करोड़ का बीमा है. इसकी प्रीमियम और अन्य लागतें सुपरटेक को वहन करनी होंगी. जबकि ट्विन टॉवर को ब्लास्ट करने की कुल लागत ₹ 20 करोड़ से अधिक हो सकती है. वहीं इस ट्विन टॉवर के इस ढांचे की कीमत करीब 50 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है.
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Tags: Supertech twin tower, Supreme court of indiaFIRST PUBLISHED : August 28, 2022, 09:06 IST