कंफर्म सीट देने के नाम पर TTE कर रहे थे ये काम मौके पर पहुंच गई पुलिस और फिर
कंफर्म सीट देने के नाम पर TTE कर रहे थे ये काम मौके पर पहुंच गई पुलिस और फिर
ट्रेनों में कंफर्म रिजर्वेशन दिलाने और वेटिंग टिकट को कंफर्म कराने के नाम पर लोग तरह तरह से फायदा उठाने में लगे हुए हैं. वहीं, कंफर्म सीट की चाह में कुछ यात्री इन लोगों के इशारे पर नाचने के लिए भी तैयार हो जाते हैं. एक ऐसे का मामले का खुलासा दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने किया है. क्या है यह मामला, जानने के लिए पढ़ें आगे...
Delhi Police. गर्मियों की छुट्टियों की दस्तक के साथ ट्रेनों में सीटों का रिजर्वेशन मिलना लगभग असंभव हो गया है. ऐसे में, बहुत से ऐसे लोग हैं, जो इस परिस्थिति का अलग-अलग तरीके से फायदा उठाने में लगे हुए हैं. वहीं, कंफर्म सीट की आस में लोग किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हो जाते हैं. दिल्ली पुलिस ने ऐसे ही मामले का खुलासा कर तीन ‘टीटीई’ को गिरफ्तार किया है.
क्राइम ब्रांच के डीसीपी संजय भाटिया के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान संतोष कुमार, आशुतोष कुमार और अफरोज अंसारी के रूप में हुई है. गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी बिहार के सीतामढ़ी जिले के रहने वाले हैं. इनके निशाने पर मुख्यतौर पर बिहार की ट्रेनों से यात्रा करने वाले मुसाफिर होते थे. इनकी गिरफ्तारी के बाद कुल 11 मामलों का खुलासा हुआ है. यह भी पढ़ें: इन सड़ी हुई चीजों से बन रहे थे आपकी रसोई के मसाले, क्राइम ब्रांच को मौके से मिली ऐसी-ऐसी चीजें, खुली रह गईं सबकी आंखें… रसोई में इस्तेमाल होने वाला मसाला इन कारखानों में ऐसी सड़ी हुई चीजों से बनाया जा रहा था, जिनके बारे में आप जानने के बाद खाना तो दूर, छूना भी पसंद नहीं करेंगे. छापेमारी के दौरान, क्राइम ब्रांच की टीम को इन मसाला फैक्टरी से क्या क्या मिला, जानने के लिए क्लिक करें.
कैसे हुआ पूरे मामले का खुलासा?
डीसीपी संजय भाटिया के अनुसार, सीट कंफर्म कराने के नाम पर चल रही गैरकानूनी गतिविधियों को लेकर क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली थी. इसी जानकारी के आधार पर क्राइम ब्रांच ने इंटेलीजेंस इनपुट एकत्रित करना शुरू किए. क्राइम ब्रांच की टीम ने एक सीक्रेट इंटेल की मदद से पहली गिरफ्तारी गुरुग्राम के इफ्को चौक से गई. आरोपी की पहचान संतोष कुमार के रूप में हुई.
पूछताछ के दौरान, आरोपी संतोष ने स्वीकार किया कि वह राकेश पासवान और अफरोज नामक अपने दो साथियों के साथ ऐसे यात्रियों को अपने जाल में फंसाता था, जो ट्रेन में कंफर्म टिकट के लिए परेशान होते थे. खुद को भारतीय रेलवे का ट्रैवलिंग टिकट एग्जॉमिनर (टीटीई) बताने वाले तीनों आरोपियों के निशाने पर खासतौर पर बिहार की तरफ जाने वाली ट्रेनों के मुसाफिर हुआ करते थे. यह भी पढ़ें: द्वारका में हुई दिल्ली पुलिस की घेरेबंदी, उज्बेकी युवती के साथ पकड़ में आए 8 युवक, राज खुला तो पैरों तले खिसकी जमीन… द्वारका इलाके में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई में उजबेकिस्तान मूल की एक युवती के साथ आठ युवकों को भी हिरासत में लिया है. एफआरआरओ ऑफिस के मदद से इन सभी पर कार्रवाई की तैयारी है. पूरा मामला जानने के लिए क्लिक करें.
टिकट कंफर्म कराने के नाम पर किया कुछ ऐसा..
डीसीपी संजय भाटिया के अनुसार, बीते दिनों की एक वारदात का खुलासा करते हुए उन्होंने बताया कि मेट्रो ट्रेन में यात्रा करते समय उन्होंने एक व्यक्ति को ट्रेन का टिकट कंफर्म करने का भरोसा दिलाया और दिल्ली के विभिन्न इलाकों में उसे घुमाते रहे. मौका मिलते ही तीनों उसका सारा सामाल लेकर फरार हो गए, जिसमें उस यात्री का मोबाइल फो, पर्स पैन कार्ड, डेबिट कार्ड और कपड़ों से भरा थैला था.
उन्होंने बताया कि उस यात्री के पॉकेट डायरी से उन्हें उसके डेबिट कार्ड का पिन नंबर मिल गया. जिसके बाद, सभी ने उसी डेबिट कार्ड से वसंतकुज के एंबियंस मॉल से इलेक्ट्रॉनिक और घरेलू सामान की खरीददारी की. संतोष के खुलासे के आधार पर क्राइम ब्रांच ने आईपीसी की धारा 379 के तहत एफआईआर दर्ज कर अन्य आरोपियों की तलाश शुरू कर दी. यह भी पढ़ें: एयरपोर्ट पर हुई पुरानी ‘गुस्ताखी’ से मुलाकात, 10 साल बाद एक बार फिर बदले हालात, साहब का छूटा पसीना और मिली हावालात… इटली के रोम शहर से दस साल बाद दिल्ली पहुंचे एक शख्स ने जैसे ही एयरपोर्ट पर अपना कदम रखा, करीब एक दशक पुरानी गुस्ताखी उसके सामने आ खड़ी हुई. इस मामले में विलायत से इस शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है. पूरा मामला जानने के लिए क्लिक करें.
आरोपियों के कब्जे से हुई इन चीजों की बरामदगी
डीसीपी संजय भाटिया के अनुसार, आरोपी संतोष की निशानदेही पर अन्य आरोपी अफरोज और आशुतोष को दिल्ली के डाबरी से गिरफ्तार कर लिया गया. अफरोज को सीसीटीवी फुटेज में संतोष के साथ एटीएम से पैसे निकालते देखा गया था. आशुतोष के कब्जे से विभिन्न बैंकों के 11 डेबिट कार्ड, 11 मोबाइल फोन और दो पैन कार्ड बरामद किए गए हैं.
पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपी आशुतोष नए पिन नंबर जेनरेट करने के बाद पीड़ितों के डेबिट कार्ड का उपयोग करके उनके खातों से पैसे निकाल लेता था. उन्होंने एक पीड़ित के खाते से 2 लाख रुपये निकाल लिए थे. इस मामले में, 30 अप्रैल 2024 को दिल्ली के विकासपुरी पुलिस स्टेशन में एक मामला भी दर्ज करवाया गया था. क्राइम ब्रांच ने इनके कब्जे से 22 मोबाइल फोन और 25 क्रेडिट / डेबिट कार्ड बरामद किए हैं.
Tags: Crime Branch, Delhi police, Indian railwayFIRST PUBLISHED : May 5, 2024, 18:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed