बांग्लादेश में विद्रोह मगर दोफाड़ होगा पाकिस्तान! जानें क्या है भारत कनेक्शन
बांग्लादेश में विद्रोह मगर दोफाड़ होगा पाकिस्तान! जानें क्या है भारत कनेक्शन
बांग्लादेश में भारत विरोधी ताकतों के मजबूत होने पर पाकिस्तान खूब खुश हो रहा था लेकिन चंद दिनों के भीतर पासा पलट गया है. खुद पाकिस्तान में भयानक विद्रोह उठ गया है. वह दो फाड़ होने के कागार पहुंच गया है.
भारत के गोद में बैठे बांग्लादेश में विद्रोह और अशांति के बीच वहां सत्ता में एक बार फिर कट्टरपंथी ताकतें वापस करती दिख रही हैं. इससे पड़ोसी देख पाकिस्तान बहुत खुश हो रहा था. उसे लगने लगा कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों के मजबूत होने से वह भारत को घेरने में कामयाब हो जाएगा. लेकिन, चंद दिनों में ही पास पलट गया है. खुद पाकिस्तान एक बार फिर दोफाड़ होने के मुहाने पर पहुंच गया है. इस समय पाकिस्तान में 1971 जैसे हालात बनने लगे हैं. देश के करीब-करीब आधे हिस्से में विद्रोह की आग चरम पर पहुंच गई है. बीते 25-26 अगस्त की दरम्यानी रात को हुए हमलों में करीब 70 लोग मारे गए. इसके बाद पाकिस्तानी सेना जवाबी कार्रवाई शुरू कर रही है. इसमें कई विद्रोहियों के मारे जाने की आशंका है.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के बलोच इलाके की. यहां एक बार फिर विद्रोह की आग भड़क उठी है. ये बलोच लोग अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं. वे पाकिस्तान से अलग अपना मुल्क चाहते हैं. वे भारत से बेहद मोहब्बत करते हैं. 1947 में देश के बंटवारे के वक्त भी वह भारत के साथ रहना चाहते थे लेकिन उनकी भौगोलिक स्थिति भारत से नहीं लगती थी. इस कारण उन्होंने खुद को काफी दिनों तक आजाद रखा. लेकिन फिर 1948 में मोहम्मद अली जिन्ना के साथ एक समझौते के बाद बलोच पाकिस्तान के अधीन आ गए. लेकिन, बावजूद इसके यहां विद्रोह की आग नहीं थमी.
बलोच लोग पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान के इलाकों में बसे हैं. उनकी करीब 1.5 करोड़ की आबादी पाकिस्तान में रहती है. पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रफल का करीब 48 फीसदी हिस्सा बलोचिस्तान में आता है. इनका अपना इतिहास है. ये करीब तीन हजार सालों से इस इलाके में रहते आ रहे हैं. इनके जीने और रहने का एक अपना तरीका है. इनका पूरा क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से भरा हुआ है. सांस्कृतिक और पारंपरिक रूप से पाकिस्तान की पंजाबी बहुल संस्कृति से ये पूरी तरह अलग हैं.
पाकिस्तानी सेना का जुर्म
1947 में देश के बंटवारे और पाकिस्तान में बलोचिस्तान को मिलाए जाने को बलोच जनता कभी स्वीकार नहीं कर पाई. वह उस वक्त से ही लगातार विद्रोह करती रही है. उसने सबसे पहले 1948 में पाकिस्तान के खिलाफ विद्रोह कर दिया. फिर 1950, 1960 और 1970 के दशक में भारी विद्रोह हुए. पाकिस्तानी सेना इन विद्रोहों को कुचलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ती है. अब आजादी की इस जंग में हजारों बलोच नागिरक मारे जा चुके हैं.
भारत से हमदर्दी
बलोच लोग भारत से हमदर्दी रखते हैं. आजादी की लड़ाई के दिग्गज बलोच नेता खान अब्दुल गफ्फार खान ने महात्मा गांधी के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी. उन्हें सीमांत गांधी की उपाधि दी गई थी. वह बंटवारे के सख्त खिलाफ थे. वह नहीं चाहते थे कि धर्म के आधार मुल्क का बंटवारा हो. लेकिन, नीयती को कुछ और मंजूर थी. देश का बंटवारा हो गया और बलूचिस्तान की भौगोलिक स्थिति पाकिस्तान के पक्ष में थी.
ताजा विद्रोह
बलूचिस्तान में ताजा विद्रोह की आग वर्ष 2000 से भड़की है. यहां के कई हथियारबंद संगठन पाकिस्तानी सेना से लड़ रहे हैं. वे इस वक्त इलाके में चीन पाकिस्तान के आर्थिक कॉरिडोर का विरोध कर रहे हैं. इस इलाके में चीन सोना, तांबा औ तेल का खनन कर रहा है. इसके विरोध में विद्रोह की ताजा आग भड़की है.
Tags: Bangladesh, India pakistanFIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 22:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed