कोणार्क सूर्य मंदिर के रथ के पहिये से प्रेरित होगा इंटरपोल की 90वीं महासभा का लोगो 25 साल बाद भारत बनेगा होस्ट

Interpol General Assembly: अधिकारियों ने कहा कि भारत ने 1997 में इस कार्यक्रम का आयोजन किया था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के प्रयासों के कारण देश को फिर से महासभा का आयोजन करने का मौका मिला है, जो चाहते थे कि यह भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ वर्ष के दौरान देश में आयोजित किया जाए.

कोणार्क सूर्य मंदिर के रथ के पहिये से प्रेरित होगा इंटरपोल की 90वीं महासभा का लोगो 25 साल बाद भारत बनेगा होस्ट
हाइलाइट्सइस बार इंटरपोल की 90वीं महासभा का आयोजन भारत में होगा.इंटरपोल की 90वीं महासभा का लोगो कोणार्क सूर्य मंदिर के रथ पहियों से प्रेरित होगा.अधिकारियों ने कहा कि भारत ने 1997 में इस कार्यक्रम का आयोजन किया था. नई दिल्ली. तेरहवीं शताब्दी के प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर के रथ पहियों से प्रेरित आकृति इस बार इंटरपोल की 90वीं महासभा का लोगो होगी. यह जानकारी सीबीआई अधिकारियों ने दी. अगले महीने होने वाली इस महासभा में 195 देशों के कानून लागू करने वाले अधिकारियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है. अधिकारियों ने कहा कि महासभा का आयोजन करने वाले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने हाल ही में लोगो का अनावरण किया, जिसमें तीन पत्तियों वाली एक गोलाकार आकृति है, जिनके बीच में ‘पहिया’ है. बता दें, इंटरपोल के साथ संपर्क करने के लिए सीबीआई भारत की राष्ट्रीय एजेंसी है. सीबीआई को इस लोगो का विचार ओडिशा के नक्काशीदार सूर्य मंदिर के पहियों से आया, जिनमें 16 तीलियां हैं. इस मंदिर का निर्माण सूर्य भगवान के रथ के रूप में पत्थर से किया गया है. एक अधिकारी ने कहा कि जब इंटरपोल की प्रतिबद्धता और जुड़ाव का संदर्भ आता है, तो इस लोगो में ‘कोणार्क का पहिया’ वैश्विक निकाय के चौबीस घंटे कामकाज को प्रेरित करने का काम करता है और यह तीन पत्तियों वाले गोलाकार आकृति से घिरा हुआ है, जो भारतीय ध्वज के रंगों वाला है. उन्होंने कहा कि तीन घेरे वाली गोलाकार आकृति इंटरपोल के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बंधनों के निर्माण, विश्व स्तर पर सुरक्षा के संरक्षण के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता और कानून प्रवर्तन लक्ष्यों की उपलब्धि दर्शाती है. पिछली बार 1997 में हुआ था भारत में आयोजन  अधिकारियों ने कहा कि भारत ने 1997 में इस कार्यक्रम का आयोजन किया था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के प्रयासों के कारण देश को फिर से महासभा का आयोजन करने का मौका मिला है, जो चाहते थे कि यह भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ वर्ष के दौरान देश में आयोजित किया जाए. बता दें, महासभा एक वार्षिक कार्यक्रम होता है, जिसका आयोजन प्रत्येक सदस्य देश द्वारा बारी-बारी से किया जाता है. 18 अक्टूबर से शुरू होगा तीन दिवसीय कार्यक्रम  केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने इस साल भारत में वैश्विक सुरक्षा कैलेंडर में इस महासभा का आयोजन करने का विचार तत्कालीन इंटरपोल महासचिव जुर्गन स्टॉक के साथ बैठक के दौरान रखा था, जिन्होंने 30 अगस्त, 2019 को उनसे मुलाकात की थी. 18 अक्टूबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम में भ्रष्टाचार और साइबर अपराध, इंटरनेट पर प्रसारित बाल यौन शोषण सामग्री, लापता व्यक्तियों और आतंकवाद के अलावा दुनिया भर में भगोड़े अपराधियों पर नज़र रखने के लिए विभिन्न देशों की पुलिस के बीच सहयोग में सुधार के लिए नयी तकनीकों और तंत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Amit shah, Interpol, KonarkFIRST PUBLISHED : September 18, 2022, 19:00 IST