500 साल पुराने इस शिव मंदिर में ताला लटकाने से खुल जाती है किस्मत!

मंदिर के महंत शिवम मिश्रा बताते हैं कि यह मंदिर लगभग पांच सौ वर्ष पुराना है. जिसकी स्थापना लगभग मुगल काल में मुगलों के द्वारा हुई थी. इस मंदिर के मुगल काल में स्थापित होने का इतिहास मंदिर की दीवार पर अरबी या फारसी भाषा में लिखा है.

500 साल पुराने इस शिव मंदिर में ताला लटकाने से खुल जाती है किस्मत!
रजनीश यादव /प्रयागराज: हर मंदिर की अपनी-अपनी मान्यता होती है. भक्त इन मंदिरों में जाकर पूजा पाठ कर अपनी मन्नत मांगते हैं. ऐसा ही एक अनोखा मंदिर है इलाहबाद में स्थित नागेश्वर नाथ मंदिर. इस मंदिर में मान्यता बड़ी अनोखी है. दरअसल यहां भक्त अनोखे तरीके से मन्नत मांगते हैं. भक्त यहां आकर ताला लगाकर अपनी मन्नत मांगते हैं. बाद में मन्नत पूरी होने पर ताला खोल जाते हैं. नागेश्वर नाथ मंदिर में भक्त क्यों लगाते हैं ताला नागेश्वर नाथ महादेव मंदिर के महंत शिवम मिश्रा बताते हैं कि इस मंदिर में लगभग 3000 से अधिक ताले लग चुके हैं इस मंदिर में भक्त आते हैं और अपनी मन्नत पूरी करने के लिए यहां पर मंदिर के दीवारों में ताला लगाकर चले जाते हैं. जिसकी मान्यता पूरी होती है वह अपनी चाबी लेकर ताला खोलने आता है. इस मंदिर में एक गजब की शक्ति देखने को मिली. इसीलिए यहां पर तालों की संख्या घटती बढ़ती रहती है. लगभग 5 फीट गहराई में स्थित इस छोटे आकार वाले नागेश्वर नाथ महादेव मंदिर की चर्चा पूरे शहर में होती है. क्योंकि यह एकमात्र मंदिर है, जहां अपनी किस्मत खोलने के लिए लोगों को ताला लगाना पड़ता है. क्या है मंदिर का इतिहास मंदिर के महंत शिवम मिश्रा बताते हैं कि यह मंदिर लगभग पांच सौ वर्ष पुराना है. जिसकी स्थापना लगभग मुगल काल में मुगलों के द्वारा हुई थी. इस मंदिर के मुगल काल में स्थापित होने का इतिहास मंदिर की दीवार पर अरबी या फारसी भाषा में लिखा है. पहले यह मंदिर समतल जमीन से कुछ ऊंचाई पर बनाया गया था. लेकिन जैसे-जैसे विकास कार्य होता गया सड़क अपने आप मंदिर से ऊंचाई पर होने लगी. वहीं शिवम बताते हैं कि इस मंदिर का नवनिर्माण करवाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. जैसे की नागेश्वर नाथ की खुद बनने की इच्छा ना हो. नाथ सम्प्रदाय का है शिवलिंग इस नागेश्वर नाथ मंदिर में नाथ संप्रदाय के द्वारा स्थापित शिवलिंग है. महंत बताते हैं कि पूरे भारत में नाथ संप्रदाय द्वारा केवल 9 शिवलिंग स्थापित किए गए थे. जिनमें से यह भी एक है. यहां की यह भी मान्यता है कि कि अगर आप अगरबत्ती जलाकर 15 मिनट तक भगवान शिव का ध्यान कर लें, तो इस मंदिर की शक्तियों को एहसास किया जा सकता है. मंदिर में दर्शन करने आई शांभवी त्रिपाठी एवं तनुज जायसवाल इस बात से सहमत दिखाई दिए. वह प्रत्येक सोमवार इस मंदिर में भगवान नागेश्वर नाथ के दर्शन करने आते हैं. Tags: Dharma Aastha, Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : June 19, 2024, 17:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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