बेहद दुर्लभ बीमारी है मायस्थेनिया ग्रेविस फौरन इन लक्षणों से पहचानें वरना

What Is Myasthenia Gravis: मायस्थेनिया ग्रेविस की अनदेखी जीवन पर भारी पड़ सकती है. ऐसे में जरूरी है कि इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान दें, ताकि, बीमारी से बचा जा सके. अब सवाल है कि मायस्थेनिया ग्रेविस के शुरुआती लक्षण क्या हैं? अनदेखी जीवन पर कैसे पड़ सकती भारी? इस बारे में जानकारी दे रहे हैं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक रंजन-

बेहद दुर्लभ बीमारी है मायस्थेनिया ग्रेविस फौरन इन लक्षणों से पहचानें वरना
Myasthenia Gravis: मायस्थेनिया ग्रेविस डिसीज न्यूरोमस्कुलर डिसऑर्डर पैदा करती है. इस बीमारी के मामले काफी दुर्लभ हैं. इस बीमारी के शिकंजे में आने पर शरीर की मांसपेशियां सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं. यह बीमारी होने पर हमारे नर्वस सिस्टम की कोशिकाओं और शरीर की मांसपेशियों के बीच में संचार खत्म होने लगता है. वहीं, एक्सपर्ट की मानें तो यह शरीर के लिए उपयोगी कुछ रासायनों की कमी की वजह से होता है. इसमें सामान्यतौर पर आंखें, चेहरा, गला और हाथ-पैर की मसल्स मे कमजोरी आ जाती है. मायस्थेनिया ग्रेविस की अनदेखी जीवन पर भारी पड़ सकती है. ऐसे में जरूरी है कि इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान दें, ताकि, बीमारी से बचा जा सके. अब सवाल है कि मायस्थेनिया ग्रेविस के शुरुआती लक्षण क्या हैं? अनदेखी जीवन पर कैसे पड़ सकती भारी? मायस्थेनिया ग्रेविस होने पर क्या करें, क्या न करें? इस बारे में jharkhabar.com को जानकारी दे रहे हैं राजकीय मेडिकल कॉलेज कन्नौज के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक रंजन- शिशु से लेकर बुजुर्गों तक को खतरा डॉ. आलोक रंजन के मुताबिक, मायस्थेनिया ग्रेविस हमारे हेल्दी इम्यून सिस्टम को बुरी तरह से प्रभावित करती है. इस बीमारी से पीड़ित लोगों को अपनी बॉडी को मूव करने में सबसे ज्यादा कठिनाई होती है. इस बीमारी के शिकार लोगों को सबसे ज्यादा कमजोरी शुरुआती 3 वर्षों के दौरान होती है. यह एक ऐसी बीमारी है कि जिसके होने से डेली लाइफ पूरी तरह से डिस्टर्ब हो जाती है. चिंता की बात यह है कि यह बीमारी शिशु से लेकर वयस्क और बुजुर्ग तक को हो सकती है. यह जितना प्रभाव पुरुषों पर करती है उतना ही महिलाओं पर भी. मायस्थेनिया ग्रेविस के शुरुआती लक्षण सीने की मसल्स में कमजोरी आने से दर्द. किसी चीज को खाने-चबाने में दिक्कत. सीढ़िया चढ़ने में अधिक कठिनाई होना. बात करने या सांस लेने में दिक्कत होना. हमेशा थकान फील, आवाज बदल जाना. किसी चीज पर सही फोकस न कर पाना. बच्चों में ये दिखते हैं मायस्थेनिया के लक्षण शिशु के ठीक से दूध न पीना. सांस लेने में भी समस्या होना. बच्चों को आखें खोलने में परेशानी. मायस्थेनिया के दौरान क्या करें? डॉ. आलोक रंजन बताते हैं कि, आमतौर पर इस बीमारी में सबसे ज्यादा परेशान कमजोरी करती है. ऐसी स्थिति में सबसे जरूरी है कि बीमारी से पीड़ित अधिक समय तक आराम करें. इसके अलावा, यदि कोई मरीज को फिजिकल एक्टीविटी कर रहा है तो उसे बंद दें. ध्यान रहे कि, देखरेख के साथ ऐसे मरीज के साथ एक अन्य व्यक्ति का होना बेहद जरूरी है. ये भी पढ़ें:  क्या आप भी रोजाना नहाते समय करते हैं पेशाब? नॉर्मल है या गंभीर बीमारी का संकेत, जान लीजिए हैरान करने वाला सच ये भी पढ़ें:  सावधान! घातक है देर रात तक जागना, शारीरिक ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य भी हो सकता खराब, जानें 5 बड़े नुकसान Tags: Health benefit, Health News, Health tips, LifestyleFIRST PUBLISHED : August 7, 2024, 11:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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