शरीर के लिए वरदान है चिलबिल पत्ता-छाल और फल कई बीमारियों में रामबाण

Chilbil ke Fayde: राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नगर बलिया की सात साल अनुभवी (MD और पीएचडी इन मेडिसिन) चिकित्साधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह ने लोकल 18 को बताया कि यह एक बेहद महत्वपूर्ण पेड़ है. इसे चिलबिल के नाम से जानते हैं. यह शरीर के लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है.

शरीर के लिए वरदान है चिलबिल पत्ता-छाल और फल कई बीमारियों में रामबाण
सनन्दन उपाध्याय /बलिया: आज भी गांव, देहात या सड़क के किनारे जंगल-झाड़ के रूप में तमाम ऐसे पेड़ पौधे गुमनाम है, जिनके फायदे हैरान करने वाले हैं. ऐसा ही एक पौधा चिलबिल है, जिसका प्रयोग अनेक रोगों में किया जाता है. औषधीय गुणों से भरपूर चिलबिल शरीर के लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है. इसके स्वादिष्ट फल अनेकों बीमारियों को पल भर में छूमंतर कर देती है. इसका महत्व और उपयोग न जानने के कारण लोग इसे अनदेखा कर देते हैं. इसे देसी पापड़ी के नाम से भी जानते हैं. राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नगर बलिया की सात साल अनुभवी (MD और पीएचडी इन मेडिसिन) चिकित्साधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह ने लोकल 18 को बताया कि यह एक बेहद महत्वपूर्ण पेड़ है. इसे चिलबिल के नाम से जानते हैं. यह शरीर के लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है. इसके फल के किनारे-किनारे पत्तियां होती हैं, जिसके बीच में यह छोटा सा फल होता है. जो खाने में बहुत स्वादिष्ट बादाम जैसा लगता है. इसका चूर्ण बहुत महंगा होता है, जो लगभग 4000 रुपये प्रति किलो से भी अधिक में मिलता है. आइए डॉ प्रियंका से चिलबिल के फायदे जानते हैं. ये हैं अनेकों लाभ 1- कब्ज और डायबिटीज में राहत: चिलबिल के पेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर 10 से 20 ML पीने से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है. 2- पेट दर्द: चिलबिल के पत्तों का 5 से 10 ml रस को शहद में मिलाकर चाटने से पेट के कीड़े मर जाते हैं और पेट दर्द से राहत मिलती है. 3- बवासीर: चिलबिल के फल के चूर्ण को गर्म पानी के साथ सेवन करने से खूनी बवासीर में बहुत आराम मिलता है. 4- जोड़ों के दर्द में राहत: इसके पत्तों को पीसकर दर्द वाले स्थान पर लगाने से दर्द और सूजन से राहत मिलती है. 5- फाइलेरिया (हाथी पांव) में राहत: 10 से 15 ml चिलबिल के पत्तों के रस में 5 से 10 ml सरसों का तेल मिलाकर पीने से फाइलेरिया में राहत मिलता है. 6- फोड़े, फुंसी और घाव में कामयाब: इसके चल का चूर्ण बनाकर छिड़काव करने या लेप करने से फोड़े, फुंसी, घाव और चर्म रोग से मुक्ति मिलती है. 7- शरीर की दुर्गंध दूर: इमली का बीज और चिलबिल के फल का पेस्ट बनाकर शरीर में लेप करने से पसीने से होने वाली दुर्गंध दूर हो जाती है. 8- नाक कान से खून आना: चिलबिल के फल का चूर्ण बनाकर शहद के साथ सेवन करने से नाक कान से खून बहने की समस्या दूर हो जाती है. ये सावधानी भी जरूरी किसी भी दशा में बिना आयुर्वेद एक्सपर्ट की सलाह लिए हुए इसका सेवन न करें. वैसे तो इसके कोई साइड इफेक्ट रजिस्टर्ड नहीं है. लेकिन उम्र और बीमारी के हिसाब से सही मात्रा एक एक्सपर्ट ही निर्धारित कर सकता है. नहीं हुई है. Tags: Ballia news, Health News, Local18FIRST PUBLISHED : August 1, 2024, 12:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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