गेहूं की खेती के बाद परती खेत की इस समय करें पहली जुताई बढ़ेगी उर्वरा शक्ति

कृषि विशेषज्ञ डॉ. संतोष पांडेय ने बताया कि इस समय जायद की खेती का मौसम चल रहा है. अधिकतर किसान अब धान की खेती करने का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में किसान यह नहीं तय कर पाते हैं कि पहली जुताई कब करें.

गेहूं की खेती के बाद परती खेत की इस समय करें पहली जुताई बढ़ेगी उर्वरा शक्ति
झांसी: गेहूं की फसल कट चुकी है. किसान इस समय गेहूं को बेचने और उसे स्टोर करने का काम कर रहे हैं. इसके बाद खेत खाली हो जाता है. अधिकतर किसान अब धान की खेती करने का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में किसान यह नहीं तय कर पाते हैं कि पहली जुताई कब करें. इसके साथ ही इस खाली समय में किसान कुछ अन्य फसलों की भी खेती कर सकते हैं. बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर और कृषि विशेषज्ञ डॉ. संतोष पांडेय ने बताया कि इस समय जायद की खेती का मौसम चल रहा है. अगर आपका परती खेत है तो गहराई जुताई करनी चाहिए. इसके बाद जुताई करके छोड़ देना चाहिए. इससे खरपतवार की मैनेजमेंट में आसानी होती है. खेत को बहुत लाभ होता है. यह जुताई किसानों को मई के अंत तक कर देनी चाहिए. इस समय करें पहली जुताई कृषि विशेषज्ञ संतोष पांडेय ने बताया कि किसान के पास पर्याप्त मात्रा में पानी मौजूद है तो रबी की फसल से पहले मूंग की खेती भी कर सकते हैं. अगर किसान का खेत नदी के आसपास है तो कछार क्षेत्र में सब्जी की खेती कर सकते हैं. अगर कोई खेती नहीं करना चाहते हैं तो मई महीने के अंत में जुताई कर लें. इससे खेत की उर्वरा शक्ति भी बढ़ जाएगी. Tags: Agriculture, Jhansi news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 4, 2024, 19:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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