भूमि की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिए वरदान है यह हरी खाद दोगुनी होगी पैदावार

Green Fertilizer: रासायनिक खादों के असंतुलित प्रयोग से आज खेती की उर्वरक क्षमता घटती जा रही है. इससे फसल की पैदावार घट रही है. इससे चिंतित किसानों के लिए कृषि वैज्ञानिक रविंद्र कुमार ने हरी खाद के लाभ बताए हैं.

भूमि की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिए वरदान है यह हरी खाद दोगुनी होगी पैदावार
आशीष त्यागी/बागपत: रासायनिक खादों के असंतुलित प्रयोग और अन्य कारणों के कारण भूमि की उर्वरक क्षमता दिनों दिन घटती जा रही है. इसका सीधा असर किसानों की फसल पर पड़ रहा है. लगातार पैदावार घटने से किसान चिंतित हैं. भूमि की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिक रविंद्र कुमार ने किसानों को हरी खाद के प्रति जागरूक किया है और इससे फसल पर पड़ने वाले बेहतरीन फायदे के बारे में बताया है. घट गया है जैविक कार्बन का लेवल बागपत के खेकड़ा कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक रविंद्र कुमार ने बताया कि रासायनिक खादों के गलत प्रयोग और अधिक पोषक तत्वों खींचने वाली फसल को लगातार उगाने से जमीन की उर्वरक क्षमता घट रही है. इससे उत्पादकता पर भी सीधा असर पड़ रहा है. लगातार उत्पादकता घटने से किसान परेशान हैं. इसका कारण है मिट्टी की उर्वरक क्षमता का घटना. कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि भूमि में जैविक कार्बन घटकर न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है. भूमि में जीवांश बढ़ाने और भूमि को स्वस्थ रखने के लिए हरी खाद वरदान से काम नहीं है. हरी खाद के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरक क्षमता और पैदावार बढ़ती है. इस हरी खाद के पौधे जमीन में नाइट्रोजन की पूर्ति करते हैं. ढेंचा है हरी खाद का स्त्रोत हरी खाद के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि हरी खाद का सबसे सस्ता स्रोत ढेंचा है. ढेंचा को अप्रैल-मई में गेहूं काटने के बाद या मानसून आने पर उगाकर बेहतरीन हरी खाद बना सकते हैं. इससे भूमि में जीवांश की बढ़ोतरी होती है. यह भूमि और जल संरक्षण के साथ ही पोषक तत्वों का उड़ने से बचाता है. हरी खाद में दी गई फास्फोरस खाद, जैविक फास्फोरस के रूप में बदलकर आगे बोई जाने वाली फसल के लिए लाभकारी होती है. हरी खाद दबाने के 22 से 25 दिन बाद फसलों की बुवाई की जा सकती है. धान की रोपाई हरी खाद दबाने के अगले दिन से ही शुरू कर सकते हैं. ढेंचा की हरी खाद से फास्फोरस, पोटाश, सल्फर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, लोहा, तांबा, जस्ता, मैंगनीज आदि आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व मिलने से भूमि उपजाऊ बन जाती है. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 11:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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