भिंडी की फसल में करें 10 रुपए का ये उपाय कीड़े हो जाएंगे गायब!
भिंडी की फसल में करें 10 रुपए का ये उपाय कीड़े हो जाएंगे गायब!
कृषि उपनिदेशक श्रवण कुमार ने बताया जिले में हरी सब्जियों की खेती पूरे साल की जाती है पर बारिश की टाइम सब्जियों में रोग लगने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है जिससे की सब्जियों की पैदावार पर फर्क पड़ता है अगर किसान अपनी फसल को रोग एवं कीटो से बचाना चाहते हैं तो वो आईपीएम तकनीक का प्रयोग कर सकते हैं
बाराबंकी: बरसात के सीजन में वैसे तो खरीफ फसलों की खेती ज्यादा होती है पर कुछ किसान सब्जियों की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. जिनमे भिंडी समेत हरी सब्जियों की खेती प्रमुख है. इन दिनों किसान भिंडी की फसल की बुआई की तैयारी में जुटे हुए हैं. भिंडी की सीधे बीज से बुवाई की जाती है. हालांकि भिड़ी की बुवाई के लिए जितना खेत का अच्छी तरह से तैयार करना जरूरी है उतना ही उर्वरक और सही बीज का इस्तेमाल करना भी जरूरी है. इन सबके अलावा फसल को कई तरह के कीटों और रोगों से खतरा होता है. कीटों और रोगों की रोकथाम के लिए किसान काफी परेशान रहते हैं. लेकिन, कुछ ऐसे आसान टिप्स हैं जिनका इस्तेमाल कर के किसान इन सब्जियों की बंपर पैदावार हासिल कर सकते हैं और कीटों और रोगों से छुटकारा पा सकते हैं.
कृषि उपनिदेशक श्रवण कुमार ने बताया कि जिले में हरी सब्जियों की खेती पूरे साल की जाती है परंतु बारिश के टाइम पर सब्जियों में रोग लगने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. जिससे की सब्जियों की पैदावार पर फर्क पड़ता है. अगर किसान अपनी फसल को रोग एवं कीड़ों से बचाना चाहते हैं तो वो आईपीएम तकनीक का प्रयोग कर सकते हैं. आईपीएम तकनीक के तहत कीटों को कंट्रोल करने के लिए पीले, काले, नीले, लाल और सफेद स्टिकी ट्रैप, लाइट ट्रैप और स्पाइन बुश नियंत्रण अपने खेतों में लगाकर हानिकारक रासायनिक उर्वरक मुक्त खेती कर शुद्ध सब्जिया ऊगा सकते हैं.
नुकसान 40 से 50 % हो जाएगा कम
श्रवण कुमार ने बताया कि रासायनिक कीटनाशकों के दुष्प्रभाव से बचने एवं फसल सुरक्षा के लिए अपनाए जाने वाले उपायों में स्टिकी ट्रैप खासा उपयोगी तथा प्रभावशाली पाया गया है. यह रासायनिक कीटनाशकों की तुलना में बेहद सस्ता होता है. स्टिकी ट्रैप के इस्तेमाल से फसलों को कीटों से होने वाले नुकसान में 40 से 50 प्रतिशत तक कमी आ जाती है. हर कीट किसी विशेष रंग की ओर आकर्षित होता है. अगर उसी रंग की शीट पर कोई चिपचिपा पदार्थ लगाकर फसल की ऊंचाई से करीब एक फीट ऊंचे पर टांग दिया जाए तो कीट रंग से आकर्षित होकर इस शीट पर चिपक जाता है.
सब्जियों के लिए करें पीली स्टिकी ट्रैप का प्रयोग
श्रवण कुमार बताते है भिंडी में एक तो वायरस का प्रकोप ज्यादा होता है. साथ ही मक्खी और कीड़े लगते हैं. जब पौधा थोड़ा बड़ा हो जाए तो आप इसमें नीम ऑयल का प्रयोग कर सकते हैं. इसके अलावा इसमें आप येलो और ब्लू स्टिकी ट्रैप का प्रयोग कर सकते हैं. पीली स्टिकी ट्रैप का प्रयोग सब्जियों वाली फसलों में अधिक किया जाता है. वहीं नीली स्टिकी ट्रैप धान के साथ कई फूलों और सब्जियों का रस चूसने वाले थ्रिप्स कीट पर नियंत्रण के लिए किया जाता है. 1 स्टिकी ट्रैप की कीमत 10 रुपए से भी कम होती है.
Tags: Agriculture, Barabanki News, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 25, 2024, 10:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed