इन लोगों के लिए दिल्ली से नजदीक है अमेरिका बढ़ गई इतनी आबादी कि गोरों ने

अपने देश में अमेरिका जाने का चलन पुराना है. लेकिन, देश के कुछ राज्यों के लोगों के लिए अमेरिका जाना, उनके दिल्ली जाने से कही ज्यादा आसान है. अमेरिका में उनकी संख्या इतनी बढ़ गई है कि उन्हें वहां अपने प्रदेश जैसा फील होता है.

इन लोगों के लिए दिल्ली से नजदीक है अमेरिका बढ़ गई इतनी आबादी कि गोरों ने
देश के हर क्षेत्र के लोगों में अमेरिका और यूरोप जाकर बसने का चलन बहुत पुराना है. आज बड़ी संख्या में भारतीय लोग अमेरिका में बस चुके हैं. इनकी संख्या करीब 50 लाख है. ये अमेरिका की कुल आबादी के करीब एक फीसदी हैं. लेकिन, मजेदार बात ये है कि यह आबादी आर्थिक रूप से बहुत समृद्ध है. ये एक फीसदी लोग अमेरिका की अर्थव्यवस्था में करीब छह फीसदी का योगदान देते हैं. खैर, हम बात अमेरिका में भारतीयों की संख्या की जगह अमेरिका में भारत के दो प्रांतों के लोगों के वर्चस्व की. आज अमेरिका तेलुगु भाषी लोगों के लिए दिल्ली से कहीं ज्यादा करीब हो गया है. अमेरिका में बीते करीब आठ सालों में तेलुगु भाषी लोगों की संख्या चार गुना बढ़ गई है. देश के दो प्रांत आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में तेलुगु भाषा बोली जाती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में तेलुगु भाषी लोगों की संख्या 2024 में 12.3 लाख हो गई है. जबकि 2016 में इनकी संख्या केवल 3.2 लाख थी. यहां हैं सबसे ज्यादा तेलुगु भाषी रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के कैलीफोर्निया में दो लाख तेलुगु भाषी रहते हैं. इसके बाद टेक्सास में 1.5 लाख, न्यू जर्सी में 1.1 लाख, इलिनॉयस में 83 हजार, वर्जिना में 78 हजार और जॉर्जिया में 52 हजार तेलुगु भाषी रहते हैं. हर साल 60 से 70 हजार से अधिक तेलुगु भाषी छात्र अमेरिका आते हैं. इसमें से करीब 10 हजार एच1बी वीजा धारक होते हैं. अमेरिका के सेंशस ब्यूरो के डेटा से ये तथ्य सामने आए हैं. आईटी सेक्टर में धाक टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में नॉर्थ अमेरिका के तेलुगु एसोसिएशन के हवाले से कहा है कि अमेरिका आने वाले 75 फीसदी तेलुगु भाषी लोग यहां बस जाते हैं. इसमें कहा गया है कि तेलुगु भाषी पुरानी आबादी कारोबार में लगी है वहीं युवा आबादी आईटी और फाइनेंस सेक्टर में कार्यरत है. आप तेलुगु भाषी लोगों के वर्चस्व की कल्पना इसी आधार पर कर सकते हैं कि तेलुगु, इसे बोलने वाले लोगों की संख्या के आधार पर यह 11वें नंबर की भाषा बन गई है. अमेरिका में करीब 350 भाषाओं को बोलने वाले लोग रहते हैं. भारत सरकार के आंकड़ों से भी पता चलता है कि अमेरिका जाने वाले छात्रों में सबसे अधिक संख्या आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बच्चे की है. उनकी हिस्सेदारी करीब 12.5 फीसदी है. Tags: America News, Andhra paradesh, TelanganaFIRST PUBLISHED : June 27, 2024, 11:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed