हाइलाइट्ससीतलवाड़ पर गोधरा कांड के बाद के दंगों के मामलों में ‘बेगुनाह लोगों’ फंसाने के लिए सबूत गढ़ने का आरोपसीतलवाड़ को साबरमती केंद्रीय जेल में रखा गया है
नई दिल्ली. तीस्ता शीतलवाड मामले में गुजरात सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफ़नामा दाखिल किया. राज्य सरकार ने बताया कि तीस्ता के ख़िलाफ़ काफ़ी सबूत हैं. साथ ही कहा कि उन्होंने बाक़ी आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक साज़िश की और उसे अंजाम दिया. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत को लेकर सुनवाई चल रही थी. साल 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में ‘बेगुनाहों’ को फंसाने के लिए कथित रूप से साक्ष्य गढ़ने के मामले में गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता ने कोर्ट में जमानत अर्जी दी है.
गुजरात सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि एक राजनीतिक दल के बड़े नेता के साथ मिलकर तीस्ता और बाक़ी आरोपियों ने साज़िश रची. उस राजनीतिक नेता के साथ उनकी कई बैठक हुई थी और बड़ी मात्रा में उनसे पैसा भी मिला था. बता दें कि तीस्ता ने ज़मानत के लिए अर्ज़ी दाखिल की हुई है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से जवाब मांगा था.
शीर्ष अदालत ने 22 अगस्त को सीतलवाड़ की जमानत अर्जी पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा था. सीतलवाड़ को जून में गिरफ्तार किया गया था. गुजरात उच्च न्यायालय ने तीन अगस्त को सीतलवाड़ की जमानत अर्जी पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और सुनवाई के लिए 19 सितंबर की तारीख तय की.
पिछली सुनवाई के दौरा गुजरात राज्य की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति यू. यू. ललित की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा था कि सीतलवाड़ की याचिका पर जवाब तैयार है लेकिन कुछ सुधारों की जरूरत है. पीठ में न्यायमूर्ति एस. आर. भट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया भी शामिल हैं. मेहता ने जवाब देने के लिए समय मांगा, जिस पर पीठ ने कहा था कि बात यह है कि सीतलवाड़ जेल में हैं. मेहता ने कहा कि वह कानून के अनुसार हिरासत में हैं (भाषा इनपुट के साथ)
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Tags: Gujarat RiotsFIRST PUBLISHED : August 29, 2022, 15:16 IST