TISS ने बिना नोटिस चार कैंपस के 115 स्टाफ को निकाला जानें क्या है कारण

Tiss Lyoffs : देश के प्रतिष्ठित सामाजिक विज्ञान संस्थान TISS में बड़े पैमाने पर छंटनी हुई है. इसमें टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ दोनों शामिल हैं. इस छंटनी में गुवाहाटी कैंपस के आधे टीचिंग स्टाफ और सभी नॉन टीचिंग स्टाफ को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.

TISS ने बिना नोटिस चार कैंपस के 115 स्टाफ को निकाला जानें क्या है कारण
Tiss Lyoffs : भारत के प्रमुख सामाजिक विज्ञान संस्थान टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) ने अपने चार कैंपस के 155 स्टाफ को नौकरी से निकाल दिया है. इसमें 55 टीचिंग फैकल्टी और 60 नॉन टीचिंग स्टाफ शामिल हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार TISS गुवाहाटी कैंपस के आधे टीचिंग स्टाफ और सभी नॉन टीचिंग स्टाफ बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. रिपोर्ट के अनुसार TISS के मुंबई कैंपस से 20, हैदराबाद से 15 गुवाहाटी कैंपस से 14 और तुलजापुर कैंपस (महाराष्ट्र) के 6 टीचिंग स्टाफ को बाहर का रास्ता दिखाया गया है. इनमें से कई इंस्टीट्यूट में दशकों से टीचिंग कर रहे थे. छंटनी के एक दिन बाद ही जारी किया भर्ती विज्ञापन टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने 28 जून को बड़े पैमाने पर टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की छंटनी की. इसके अगले ही दिन इंस्टीट्यूट की ओर से स्कूल ऑफ हैबिटेट स्टडीज में कॉन्ट्रैक्ट पर एसोसिएट प्रोफेसर की भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया. इस पद के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 9 जुलाई बताई गई है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों को नौकरी से निकाला गया है, वे करीब एक दशक से अधिक वक्त से संस्थान के लिए कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम कर रहे थे. TISS ने स्टाफ को नौकरी से क्यों निकाला? रिपोर्ट के अनुसार टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) फंड की कमी से जूझ रहा है. इंस्टीट्यूट को फंड टाटा एजुकेशन ट्रस्ट से मिलता है. बर्खास्त किए गए स्टाफ को TISS के कार्यवाहक रजिस्ट्रार अनिल सुतार के कार्यालय की ओर से भेजे गए ईमेल में कहा गया है कि संस्थान ने सैलरी देने के लिए टाटा एजुकेशन ट्रस्ट से फंड जारी करवाने का हर संभव प्रयास किया. मेल में कहा गया है कि टाटा एजुकेशन ट्रस्ट के साथ कई आधिकारिक पत्राचार और पर्सनल मीटिंग के बावजूद ग्रांट पीरियड बढ़ाने का फैसला अभी भी लंबित है. साथ ही कहा गया है कि टाटा एजुकेशन ट्रस्ट से फंड का अप्रूल न मिलने की स्थिति में 30 जून से सेवाएं समाप्त हो जाएंगी. ये भी पढ़ें  दो बार हो NEET, बदले JEE शेड्यूल, NTA कम करे आउटसोर्सिंग, कोचिंग फेडरेशन ने दिए इन बड़े बदलाव के सुझाव MBBS 2024: 7 देशों में हैं एमबीबीएस की 16 हजार सीटें, भारत से कम है फीस, 50 लाख में बन जाएंगे डॉक्टर Tags: Government jobs, Job and careerFIRST PUBLISHED : June 30, 2024, 13:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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