दुनिया के सबसे ऊंचे मुरुगन मंदिर में हुआ सुरसम्हारम जानिए क्या है मान्यता
दुनिया के सबसे ऊंचे मुरुगन मंदिर में हुआ सुरसम्हारम जानिए क्या है मान्यता
Highest Murugan temple: मुरुगन भगवान के कंद शष्ठी और सूरसम्हारम उत्सव में भक्तों की भारी भीड़ जुटी. भक्तों ने मुरुगन की कृपा पाने हेतु पवित्र अनुष्ठानों में हिस्सा लिया और आशीर्वाद पाया.
सेलम, तमिलनाडु: तमिल संस्कृति में मुरुगन भगवान का विशेष स्थान है और उनके मंदिरों में प्रतिवर्ष विशेष अनुष्ठान और त्योहार मनाए जाते हैं. हर साल कंद शष्ठी का त्योहार बड़ी आस्था और उत्साह के साथ मनाया जाता है. माना जाता है कि इस पर्व पर मुरुगन भगवान की पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस पर्व के दौरान तमिलनाडु के मुरुगन मंदिरों में भारी संख्या में भक्तों का आगमन होता है, जो भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करने और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं.
सूरसम्हारम का सांस्कृतिक महत्व
सूरसम्हारम कार्यक्रम मुरुगन भगवान के जीवन से जुड़ी एक महत्वपूर्ण घटना का प्रतीक है, जिसमें भगवान मुरुगन ने असुरों का वध कर देवताओं को विजय दिलाई थी. यह आयोजन प्रतीकात्मक रूप से बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है. सूरसम्हारम के अवसर पर मुरुगन भक्त पारंपरिक पोशाक पहनकर इस घटना का नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत करते हैं, जिसे देखने के लिए भक्त बड़ी संख्या में एकत्रित होते हैं. इस दृश्य को देखकर भक्तों के मन में अद्वितीय भावनाएँ उत्पन्न होती हैं और वे मुरुगन भगवान की शक्ति एवं साहस की सराहना करते हैं.
भक्तों के लिए विशेष आयोजन
कंद शष्ठी उत्सव के दौरान, कई मुरुगन मंदिरों में विशेष पूजा, अभिषेक और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है. भक्तों के लिए प्रसाद वितरण, पूजा सामग्री और ध्यान-साधना के कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं. कई मंदिरों में इस पर्व पर विशेष मेले भी लगाए जाते हैं, जहाँ स्थानीय लोग अपने उत्पादों और पारंपरिक वस्त्रों की बिक्री करते हैं. इसके अलावा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होता है, जिसमें स्थानीय कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं.
भक्तों का अनुभव और आस्था
त्योहार के दौरान कई भक्त अपनी जीवन की समस्याओं का समाधान पाने और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करने मुरुगन मंदिरों में आते हैं. एक भक्त ने कहा, “मुरुगन भगवान के इस पर्व में शामिल होना हमारी आस्था को और गहरा करता है. यहाँ आकर हमें अपने जीवन के लिए नई ऊर्जा और दिशा मिलती है. मुरुगन भगवान से प्रार्थना करने के बाद हमें अपने मन में शांति और संतोष का अनुभव होता है.” इस प्रकार, कंद शष्ठी और सूरसम्हारम के आयोजन से भक्तों के बीच नई उमंग और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है.
Tags: Dharma Aastha, Local18, Special Project, Tamil naduFIRST PUBLISHED : November 9, 2024, 12:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed