बीवियां करती हैं परेशानअतुल सुभाष मैरेज लॉ पर कह गए जो बात SC ने भी मानी
बीवियां करती हैं परेशानअतुल सुभाष मैरेज लॉ पर कह गए जो बात SC ने भी मानी
Atul Subhash Story: अतुल सुभाष अपनी पत्नी और न्याय व्यवस्था से इतने परेशान हुए कि खुदकुशी कर ली. लेकिन उन्होंने मैरेज लॉ के दुरुपयोग पर जो बात कही थी, अब वही बात सुप्रीम कोर्ट कह रहा है.
पत्नी निकिता सिंहानिया और ससुरालवालों की प्रताड़ना से तंग आकर एआई इंजीनियर अतुल सुभाष से खुदकुशी कर ली. सुसाइड नोट में लिखा कि बीवी ने उन्हें इतने मुकदमों में फंसा दिया है कि अब उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा. उन्होंने देश के कानूनों पर सवाल उठाए, जो सिर्फ महिलाओं को असीमित अधिकार देता है. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी यही बात कही है. सर्वोच्च अदालत ने एक फैसले में कहा कि कुछ महिलाएं अपने पति और ससुरालवालों को परेशान करने के लिए वैवाहिक कानूनों का सहारा लेती हैं, यह बेहद चिंता की बात है. हालांकि, कोर्ट ने साफ कहा कि महिलाओं पर क्रूरता की कई घटनाएं सामने आती हैं, इसलिए इसे रोका नहीं जा सकता.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को दारा लक्ष्मी नारायण बनाम तेलंगाना सरकार मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 498A के दुरुपयोग पर सवाल उठाए. इसी कानून का सहारा लेकर कई महिलाएं अपने पति और उनके रिश्तेदारों को झूठे मामलों में फंसाती हैं, जिससे उनकी जिंदगी नर्क बन जाती है. बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष का भी यही हाल हुआ था.
कानून का डर दिखाकर मनवातीं मांगें
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ ने कहा, यह कानून महिलाओं को घरेलू हिंसा और उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाया गया था, लेकिन कुछ महिलाएं इसका इस्तेमाल अपने पति और उनके परिवारवालों को परेशान करने, उनकी अपनी अनुचित मांगों को पूरा कराने के लिए करती हैं. मांग पूरी करने के लिए मजबूर करती हैं और उनका शोषण करती हैं. कोर्ट ने ये भी कहा कि ऐसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. महिलाएं बदला लेने के लिए इन कानूनों का इस्तेमाल कर रही हैं.
तबाह हो जाता पूरा परिवार
हाल के वर्षों में मैरेज लॉ के दुरुपयोग के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है. इस कानून की वजह से कई परिवार तबाह हो गए. तमाम लोगों ने खुदकुशी कर डाली. कानून में ऐसे प्रावधान किए गए हैं कि अगर कोई महिला अपने पति और ससुराल वालों पर आरोप लगा दे तो बिना जांच उसकी गिरफ्तारी की जाती है. इतना ही नहीं, उनके रिश्तेदारों तक को घसीट लिया जाता है. इससे पूरा परिवार परेशान होता है, सामाजिक बदनामी होती है वो अलग. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कई बार ऐसे आरोप लगाए जाते हैं जिनके बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं होता. सामान्य आरोप लगते हैं, तब भी उनकी जांच नहीं होती.
Tags: Marriage Law, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : December 11, 2024, 20:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed