नई दिल्ली. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अल्पसंख्यक संस्थान है या नहीं, इस सवाल के जवाब पर सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बेंच ने आज फैसला सुनाया. 4-3 से सुप्रीम कोर्ट के जजों ने इसपर अतिम निर्णय लिया. इस वक्त बेंच अपने फैसले की कॉपी को पढ़ रही है. यह चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ का आखिरी फैसला भी है. आज वो पद से रिटायर हो रहे हैं.
Supreme Court Live Updates On Aligarh Muslim University CJI – सवाल था किसी शैक्षणिक संस्थान को अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान मानने के क्या संकेत हैं?
क्या किसी संस्थान को अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान इसलिए माना जाएगा क्योंकि इसकी स्थापना किसी धार्मिक या भाषाई अल्पसंख्यक वर्ग के व्यक्ति द्वारा की गई है
– या इसका प्रशासन किसी धार्मिक या भाषाई अल्पसंख्यक वर्ग के व्यक्ति द्वारा किया जा रहा है?
[11:05, 8/11/2024] Arun Binjola: Justice Surya Kant, Justice Dipankar Datta and Justice Sharma are dissenting
[11:05, 8/11/2024] Arun Binjola: CJI सुना रहे हैं बहुमत का फैसला
CJI, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा का बहुमत का फैसला
जस्टिस सूर्यकांत. जस्टिसम दीपाकंर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा का असहमति का फैसला
CJI : SG ने कहा है कि केंद्र इस प्रारंभिक आपत्ति पर जोर नहीं दे रहा है कि सात जजों को संदर्भ नहीं दिया जा सकता
– इस बात पर विवाद नहीं किया जा सकता कि अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव न किए जाने की गारंटी देता है
– सवाल यह है कि क्या इसमें गैर-भेदभाव के अधिकार के साथ-साथ कोई विशेष अधिकार भी है
CJI डीवाई चंद्रचूड़: अनुच्छेद 30ए के तहत किसी संस्था को अल्पसंख्यक माने जाने के मानदंड क्या हैं?
[11:05, 8/11/2024] Arun Binjola: सीजेआई: धार्मिक समुदाय कोई संस्था स्थापित कर सकता है, लेकिन उसका प्रशासन नहीं कर सकता
[11:05, 8/11/2024] Arun Binjola: CJI : अनुच्छेद 30 कमजोर हो जाएगा यदि यह केवल उन संस्थानों पर लागू होता है जो संविधान लागू होने के बाद स्थापित किए गए हैं
– इस प्रकार अल्पसंख्यकों द्वारा स्थापित शैक्षणिक संस्थान जो संविधान लागू होने से पहले स्थापित किए गए थे
– वे भी अनुच्छेद 30 द्वारा शासित होंगे
[11:05, 8/11/2024] Arun Binjola: CJI – अनुच्छेद 30(1) ऐसी स्थिति में लागू नहीं हो सकता, जहां अल्पसंख्यक समुदाय कोई संस्था स्थापित करता है
– लेकिन उसका प्रशासन करने का कोई इरादा नहीं है
– जो लोग अधिक राज्य नियंत्रण चाहते हैं, उन्हें केवल संस्था की स्थापना के कारण अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं मिल सकता है
– और यह छूट के माध्यम से किया जा सकता है
साल 1981 में एएमयू संस्थान अल्पसंख्यक स्वरूप की बहाली के बाद वर्ष 2004 में मनमोहन सिंह की सरकार की ओर से एक पत्र में कहा गया कि यह अल्पसंख्यक संस्थान है इसलिए वह अपनी दाखिला नीति में परिवर्तन कर सकता है, तत्कालीन केंद्र सरकार की अनुमति के बाद विश्वविद्यालय ने वर्ष 2004 में एमडी–एमएस के विद्यार्थियों के लिए प्रवेश नीति बदलकर आरक्षण प्रदान किया,
Tags: Supreme CourtFIRST PUBLISHED : November 8, 2024, 11:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed