नारियल तेल खाएं या लगाएं 20 साल पुरानी पहेली को सुप्रीम कोर्ट ने सुलझाया
नारियल तेल खाएं या लगाएं 20 साल पुरानी पहेली को सुप्रीम कोर्ट ने सुलझाया
सुप्रीम कोर्ट के सामने यह 20 साल पुराना मामला था. नारियल तेल का इस्तेमाल खाने में हो या लगाने में हो, इससे जुड़े एक्साइज के मामले में पहले की बेंच ने खंडित फैसला सुनाया था, जिसके कारण स्थिति स्पष्ट नहीं थी. अब इस मामले में सीजेआई संजीव खन्ना की बेंच ने स्पष्ट आदेश दिया.
नई दिल्ली: क्या युद्ध कोकोनट ऑयल खाने योग्य है या फिर इसका इस्तेमाल केवल तेल के रूप में बॉडी पर लगाने और सिर पर लगाने में किया जाना चाहिए. यह सवाल सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच के सामने आया. एक्साइज ड्यूटी लगाने से जुड़े इस मामले में सीजेआई संजीव खन्ना की बेंच ने 20 साल पुरानी इस पहेली को अब सुलझा दिया है. देश की सर्वोच्च अदालत ने यह साफ कर दिया है कि ऑयल का इस्तेमाल खाने में होगा या फिर लगाने में, उसकी पैकेजिंग पर जो भी लिखा होगा, उसी आधार पर एक्साइज ड्यूटी लगाई जाएगी.
कोर्ट के सामने सवाल यह था कि युद्ध नारियल तेल को किस श्रेणी में रखा जाए. क्या उसपर खाने के तेल के रूप में रखकर उसपर ड्यूटी लगाई जाए या फिर लगाने के तेल के तहत कॉस्मेटिक्स नियम के तहत इसपर टैक्स की वसूली हो. इस मामले में तत्कालीन CJI और जस्टिस आर भानुमति की बेंच ने विभाजित फैसला सुनाया था. नवंबर 2019 में CJI के पद से सेवानिवृत्त हुए जस्टिस गोगोई का मानना था कि छोटे पैकेजिंग में नारियल तेल को उचित रूप से खाद्य तेल के रूप में क्लासिफाइड किया जाना चाहिए जबकि जस्टिस भानुमति का मानना था कि छोटे कंटेनरों में पैक किए गए नारियल तेल को हेयर ऑयल के रूप में देखा जाए.
ब्रॉन्डिंग के आधार पर लगेगा टैक्स
मौजूदा वक्त में भी देश के अलग-अलग हिस्सों में नारियल तेल का दोहरा उपयोग हो रहा है. अब CJI संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार और आर महादेवन की बेंच ने माना कि कंपनियां जिस तरह से अपने तेल को ब्रॉन्ड करके बेचेंगी, उसी आधार पर इसे क्लासिफिकेशन कर खाद्य सुरक्षा नियमों या फिर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत उसपर टैक्स वसूला जाएगा.
राजस्व विभाग की क्या थी दलील?
इस मामले में राजस्व विभाग की इस दलील थी कि शुद्ध नारियल तेल को हमेशा ही बालों के तेल के रूप में क्लासिफाइड किया जाना चाहिए. न्यायमूर्ति कुमार ने यह कहते हुए इस दलील को खारिज कर दिया कि हमारा मानना है कि खाद्य तेल के रूप में कम मात्रा में बेचा जाने वाला शुद्ध नारियल तेल खाद्य तेल के रूप में क्सासिफाइड किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “यह तथ्य कि इस तरह के खाद्य नारियल तेल को छोटे कंटेनरों में बेचा गया था, अपने आप में यह संकेत नहीं देता कि यह बालों के तेल के रूप में उपयोग के लिए उपयुक्त पैकेजिंग है. कोई व्यक्ति अपने खाना पकाने के तेल को कम मात्रा में खरीदना चुन सकता है.
Tags: Hindi news, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : December 19, 2024, 08:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed