दूसरे जज की शिकायत लेकर CJI के पास पहुंचा वकील चंद्रचूड़ ने यूं लगाई क्‍लास

सीजेआई चंद्रचूड़ ने इस वकील को समझाते हुए कहा कि अगर वह कोर्ट के किसी आदेश से व्यथित हैं तो वह पुनर्विचार याचिका दायर करें. उन्‍होंने वकील साहब को स्‍पष्‍ट कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट में एक जज के आदेश को दूसरे जज के सामने चुनौती देने की व्‍यवस्‍था नहीं होती  है.

दूसरे जज की शिकायत लेकर CJI के पास पहुंचा वकील चंद्रचूड़ ने यूं लगाई क्‍लास
हाइलाइट्स वकील दूसरी जज की शिकायर लेकर CJI के पास पहुंचा था. चंद्रचूड़ पहले इस वकील को प्‍यार से समझाते रहे लेकिन वो नहीं माना. CJI कहा कि SC में एक जज के आदेश को दूसरे जज के सामने चुनौती नहीं दी जा सकती. नई दिल्‍ली. भारत के चीफ जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ की अदालत में मंगलवार को अजीब स्थिति पैदा हो गई. एक वकील जनहित याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था, लेकिन जज ने वकील पर ही मोटा जुर्माना ठोक दिया. वकील ने न्‍यायमूर्ति से बहस की तो जज ने उनका लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी तक दे डाली. बाद में यह वकील इस जज की शिकायत लेकर सीजेआई की बेंच के सामने पहुंच गया. कुछ देर तक वकील की बात सुनने के बाद सीजेआई भी गुस्‍से में आ गए. उन्‍होंने वकील से कहा कि मेरे सब्र का बांध अब टूट रहा है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने इस वकील को समझाते हुए कहा कि अगर वह कोर्ट के किसी आदेश से व्यथित हैं तो वह पुनर्विचार याचिका दायर करें. उन्‍होंने वकील साहब को स्‍पष्‍ट कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट में एक जज के आदेश को दूसरे जज के सामने चुनौती देने की व्‍यवस्‍था नहीं होती  है. उन्होंने कहा, “अगर आप इस कोर्ट के किसी आदेश से व्यथित हैं तो आपके पास पुनर्विचार याचिका का विकल्प है. इस कोर्ट के हर जज बहुत अनुभवी हैं और उनके पास वकील के तौर पर भी दशकों का अनुभव है.” यह भी पढ़ें:- एक रुपये के नोट से हो गया इतना बड़ा शराब घोटाला… केजरीवाल के खिलाफ ED ने कोर्ट में दिए जो सबूत, आप भी देख लें आप कानून के अनुसार उपाय तलाशें… इस वकील ने सीजेआई के सामने बहस जारी रखी. उन्‍होंने कहा, “मैं सिर्फ जुर्माना लगाने वाले आदेश को वापस लेने की मांग कर रहा था, लेकिन जज ने मुझे कोर्ट रूम से बाहर जाने को कहा और यहां तक ​​कि मेरा लाइसेंस रद्द करने की धमकी भी दी.” बार-बार बहस करने पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि उनका धैर्य अब खत्म होने लगा है. “मैं कुछ समय से आपकी बात सुन रहा हूं और अब मेरा धैर्य खत्म होने लगा है. मैं समझ सकता हूं कि अन्य अदालतों में क्या होता होगा. कृपया आप कानून के अनुसार उपाय तलाशें.” अगर ऐसे ही जुर्माना लगता रहा… नाराज वकील ने बाद में कहा कि अगर याचिकाकर्ताओं पर बेंच इस तरह जुर्माना लगाती रहेंगी तो जनहित याचिका प्रणाली कैसे काम करेगी. सीजेआई ने बाद में कहा कि कभी-कभी अदालतों में मामले बढ़ जाते हैं और न्यायाधीशों और पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक होती है, लेकिन शीर्ष अदालत के न्यायाधीश अनुभवी हैं और जानते हैं कि ऐसी स्थितियों से कैसे निपटना है. Tags: DY Chandrachud, Justice DY Chandrachud, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : July 10, 2024, 17:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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