हम कुछ नहीं कर सकते SC पहुंचा ऐसा केस CJI चंद्रचूड़ ने खड़े कर दिए हाथ

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि उसके पास हर एक समस्या या बुराई का रेडीमेड इलाज मौजूद नहीं है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अंधविश्वास को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई एक जनहित याचिका पर यह बात कही. सुप्रीम कोर्ट ने इस पीआईएल को खारिज कर दिया.

हम कुछ नहीं कर सकते SC पहुंचा ऐसा केस CJI चंद्रचूड़ ने खड़े कर दिए हाथ
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट इस बात को कबूल किया है कि उसके पास समाज में मौजूद हर एक समस्या या बुराई को खत्म करने का कोई फॉर्मूला या इलाज मौजूद नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता की आलोचना भी की, जिसने सरकारों को अंधविश्वासों को खत्म करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की थी. अपनी याचिका में अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि देश में मौजूद अंध-विश्वासों से हर साल सैकड़ों लोगों की जान जाती है. इसलिए लोगों में वैज्ञानिक सोच विकसित की जाती है, जो राज्य की नीति के निर्देशक सिद्धांतों का हिस्सा है. सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका दायर करने वाले वकील अश्विनी उपाध्याय से कहा कि ‘लोगों में वैज्ञानिक सोच का विकास न्यायिक आदेशों से नहीं किया जा सकता. हम यह निर्देश नहीं दे सकते कि छात्रों को स्कूलों में क्या सीखना चाहिए. यह सरकार के शिक्षा विभाग के विशेषज्ञों के नीतिगत दायरे में आता है. छात्रों पर पहले से ही पढ़ाई के बहुत अधिक विस्तारित पाठ्यक्रमों का बोझ है. हम न्यायिक आदेश से उसमें और इज़ाफा नहीं कर सकते.’ ‘शुक्र है पानी का चालान नहीं काटा…’, कोर्ट ने भले लगाई फटकार, पर यहां तो भगवान को भी मिल चुका है नोटिस जब याचिका दायर करने वाले वकील उपाध्याय ने कहा कि यह सामाजिक सुधारों के लिए एक वास्तविक जनहित याचिका है, तो चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ‘संवैधानिक अदालतों में जनहित याचिका दायर करने से कोई समाज सुधारक नहीं बन जाता. आप लोगों को अंधविश्वास के खिलाफ शिक्षित करने के लिए मैदान में काम कर सकते हैं.’ जब उपाध्याय द्वारा की गईं सभी कोशिशें सुप्रीम कोर्ट को जनहित याचिका पर विचार करने के लिए राजी करने में विफल रहीं, तो उन्होंने इसे वापस लेने का फैसला किया. Tags: DY Chandrachud, Justice DY Chandrachud, Supreme Court, Supreme court of indiaFIRST PUBLISHED : August 3, 2024, 12:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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