एस्ट्रोनॉट सुनिता विलियम्स स्पेस स्टेशन से जल्द धरती पर लौट सकती हैं. उनके साथ स्पेस स्टेशन में अंतरिक्ष यात्री बच विलमोर भी हैं. वह भी उनके साथ धरती पर लौटेंगे. ये दोनों अंतरिक्ष यात्री बीते 6 जून से इंटरनेशन स्पेस स्टेशन (ISS) में फंसे हुए हैं. ये दोनों अंतरिक्ष यात्री अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के कमर्शिलय क्रू प्रोग्राम के तहत बोइंग स्टारलाइनर में स्पेस गए थे. इस मिशन को बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट नाम दिया गया था. स्पेस में पहुंचने के बाद इस मिशन में तकनीकी खामियां आ गईं और इस कारण ये एस्ट्रोनॉट वहीं फंस गए. इस बारे में नासा अहम घोषणा करने जा रहा है.
इस कारण इनकी वापसी का कोई रास्ता नहीं दिख रहा था. पूरी दुनिया के स्पेस साइंटिस्ट परेशान हो गए. उनको कोई दूसरा रास्ता नहीं सूझ रहा था. इसके बाद बोइंग और नासा के इंजीनियरों ने एक स्टारलाइनर का ग्राउंड हॉट फायर टेस्टिंग किया. इसे न्यू मैक्सिकों के सफेद रेत वाले इलाके में अंजाम दिया गया.
बनाय गया प्लान
इस परीक्षण के जरिए वैज्ञानिक अंतरिक्ष की परिस्थिति को वास्तविक रूप से समझने में कामयाब हुए. इससे यह समझने में सहायता मिली कि अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने के बाद स्पेस क्राफ्ट में क्या हुआ होगा. इस तरह पूरी स्थिति को समझने के लिए कई परीक्षण किए. इसके बाद ही दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर लाने की पूरी प्लानिंग की गई है. स्पेस स्टेशन पर पहुंचने के बाद विलियम्स और विलमोर वहां मौजूदा क्रू के साथ जुड़े हुए हैं. वहां मौजूदा क्रू वैज्ञानिक शोध के साथ मेंटेनेंस के काम में लगे रहते हैं.
दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर वापस लाना एक बड़ी वैज्ञानिक चुनौती है. इससे भविष्य में आईएसएस के लिए भेजे जाने वाले मिशनों के बारे में काफी कुछ सीखने को मिल सकता है. इससे धरती की निचली कक्षाओं तक पहुंच और सरल बनाने की नासा की कोशिश को बल मिलेगा. इस कोशिश में नासा अमेरिकी निजी क्षेत्र का सहयोग ले रहा है.
Tags: Nasa studyFIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 13:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed