पराली के धुएं से फैल रही बीमारियां इलाज के लिए अस्पताल में लग रही भीड़
पराली के धुएं से फैल रही बीमारियां इलाज के लिए अस्पताल में लग रही भीड़
Stubble Burning effect on health: फिरोजपुर में पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ रहा है, जिससे लोग गले में खराश, खांसी और सांस लेने में दिक्कत महसूस कर रहे हैं. सिविल अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी है, डॉक्टरों ने सावधानी बरतने की अपील की है.
पंजाब: फिरोजपुर में पिछले कुछ दिनों से लगातार पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं, जिसको लेकर पुलिस प्रशासन भी अपनी तरफ से कार्रवाई कर रहा है, लेकिन पराली का धुआं अब लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर चुका है. इससे न केवल प्रदूषण में वृद्धि हो रही है, बल्कि लोगों की सेहत भी प्रभावित हो रही है. फिरोजपुर के सिविल अस्पताल पहुंची एक मरीज ने बताया कि वह गले में खराश, खांसी और जुकाम जैसी बीमारियों से पीड़ित है और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है. वह इलाज के लिए सिविल अस्पताल आई हैं.
सिविल अस्पताल में बढ़ रहे मरीजों की संख्या
फिरोजपुर में पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और पुलिस प्रशासन भी इस पर कार्रवाई कर रहा है, लेकिन धुएं से लोगों को परेशानी हो रही है. सिविल अस्पताल में कई ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं, जो खांसी, जुकाम और सांस लेने में दिक्कत से पीड़ित हैं. अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि हवा में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को कई शारीरिक समस्याएं हो रही हैं, जो गंभीर रूप ले सकती हैं. डॉक्टरों का कहना है कि यदि यह स्थिति यूं ही बनी रही तो आने वाले दिनों में और भी अधिक लोग अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच सकते हैं.
सिविल अस्पताल के डॉक्टर ने की अपील
उधर, इस संबंध में जब सिविल अस्पताल के डॉ. जितेंद्र कोचर से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पास कई ऐसे मरीज आए हैं, जो खांसी, जुकाम और सांस लेने में दिक्कत से पीड़ित हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि जब भी घर से बाहर निकलें तो अपना चेहरा और नाक ढक लें और सावधानी बरतें. उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों और बुजुर्गों को खास ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि वे प्रदूषण से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं. डॉ. कोचर ने यह भी कहा कि लोग ताजे फल और पानी का सेवन बढ़ाएं और धूम्रपान से बचें, ताकि उनकी सेहत पर प्रदूषण का कम से कम असर पड़े.
स्थानीय प्रशासन की सख्त कार्रवाई की जरूरत
स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग को अब और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि इस समस्या पर काबू पाया जा सके. पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए किसानों को जागरूक किया जाना चाहिए और उनके लिए वैकल्पिक उपायों की व्यवस्था करनी चाहिए. प्रशासन की ओर से अगर सख्त कदम उठाए जाते हैं, तो यह प्रदूषण की समस्या कुछ हद तक कम हो सकती है और लोगों को राहत मिल सकती है.
Tags: Local18, Punjab, Special Project, Stubble BurningFIRST PUBLISHED : November 6, 2024, 18:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed