अगस्त का अंतिम सप्ताह धान के लिए खतरनाक छोटा सा कीट कर देगा फसल को बर्बाद!

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर की पादप सुरक्षा रोग एक्सपर्ट डॉ. नूतन वर्मा ने बताया कि अगस्त के अंतिम सप्ताह और सितंबर के महीने में भूरा फुदका धान की फसल को चपेट में लेता है. यह रस चूसने वाला छोटा सा कीट धान के पौधों को पूरी तरह से बर्बाद कर देता है.

अगस्त का अंतिम सप्ताह धान के लिए खतरनाक छोटा सा कीट कर देगा फसल को बर्बाद!
ieyशाहजहांपुर : धान की फसल को अगस्त महीने में कई तरह के रोग चपेट में लेते हैं. भूरा फुदका धान की फसल के लिए एक बहुत ही खतरनाक कीट है. यह कीट धान के पौधे का रस चूसता है, जिससे पौधे पीले पड़ जाते हैं और सूख जाते हैं. इस स्थिति को होपर बर्न कहते हैं. भूरे फुदके से धान की फसल को बचाने के लिए समय पर उचित उपाय करना बहुत जरूरी है. कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर की पादप सुरक्षा रोग एक्सपर्ट डॉ. नूतन वर्मा ने बताया कि अगस्त के अंतिम सप्ताह और सितंबर के महीने में भूरा फुदका धान की फसल को चपेट में लेता है. यह रस चूसने वाला छोटा सा कीट धान के पौधों को पूरी तरह से बर्बाद कर देता है. धान के पौधे सूखकर गिर जाते हैं. गोलाकार क्षेत्र में धान के पौधे खेत में जगह-जगह सूखने लगते हैं. यह खेत में भरे पानी की ऊपरी सतह पर बैठा रहता है. कीट रस चूस कर पौधे को कमजोर करता है. पौधे पर लार छोड़ देता है. लार मीठा होने की वजह से कई तरह की फफूंदी तैयार हो जाती है. गोले में ही धान के पौधे नष्ट हो जाते हैं. कैसे फैलता है भूरा फुदका? डॉ. नूतन वर्मा ने बताया कि नाइट्रोजन का अधिक उपयोग भी भूरा फुदका को आकर्षित करती है. गर्म और आर्द्र मौसम भूरे फुदके के प्रजनन के लिए अनुकूल होता है. अधिक घनी फसल में हवा का प्रवाह कम होता है, जिससे भूरे फुदके आसानी से फैल जाते हैं. भूरा फुदका का धान पर प्रभाव डॉ. नूतन वर्मा ने बताया कि भूरा फुदका फसल में लगने के बाद पौधे पीले पड़ना और सूखना शुरू हो जाते है. पत्तियों पर सफेद धब्बे दिखाई देते हैं. पौधे का विकास रुक जाता है. दानों का आकार छोटा हो जाता है. छिड़काव के समय इन बातों का रखें ध्यान डॉ. नूतन वर्मा ने बताया कि धान की फसल में भूरा फुदका आने के बाद किसानों को रोकथाम के लिए थायमैथाक्सम (Thiamethoxam) 100 ग्राम 250 लीटर पानी में घोल बनाकर एक एकड़ फसल पर छिड़काव कर दें. छिड़काव करते वक्त ध्यान रखें की जिस जगह पर भूरा फुदका का प्रकोप दिख रहा हो. वहां सर्किल में अंदर की ओर दवा का छिड़काव करें. उसके बाद पूरे खेत में दवा का छिड़काव कर दें. जिससे भूरा फुदका का नियंत्रण हो जाएगा. Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 16:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed