किराए के दो कमरों से शुरू किया यह काम आज 12 करोड़ का है टर्नओवर
किराए के दो कमरों से शुरू किया यह काम आज 12 करोड़ का है टर्नओवर
कंपनी की सीईओ खुशबू सिंह ने बताया कि उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पढ़ाई की है. उस फील्ड में जॉब न करके आर्टिफिशियल ज्वैलरी कंपनी में मात्र चार हजार से 2006 में जॉब की शुरूआत की थी.
सुमित राजपूत/नोएडा: राजधानी से सटे नोएडा निवासी खुशबू सिंह ने आज से करीब 6 साल पहले मात्र 5 लाख रुपए से हैंडीक्राफ्ट ज्वैलरी का स्टार्टअप शुरू किया था. अपनी मेहनत और लगन से आज भारत में ही नहीं विदेशों में भी अपने प्रोजेक्ट के जरिए डंका पीट रही हैं. जिससे यूपी के दूर दराज गांव में रहने वाली हजारों महिलाएं घर बैठे रोजगार पा रही हैं. वहीं कंपनी के टर्नओवर की बात करें तो करीब 12 करोड़ सालाना है.
किराए के दो कमरों से किया था काम शुरू
कंपनी की सीईओ खुशबू सिंह ने बताया कि उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पढ़ाई की है. उस फील्ड में जॉब न करके आर्टिफिशियल ज्वैलरी कंपनी में मात्र चार हजार से 2006 में जॉब की शुरूआत की थी. धीमे धीमे ये तनख्वा उनकी बढ़ी और फिर 2017 में अपनी जमा पूंजी और पीएफ का रुपया मिलाकर करीब 5 लाख रुपए से इन्होंने किराए के दो कमरों से अपना स्टार्टअप शुरू किया.
यूपी के कई जगह के कंपोनेंट्स प्रोडक्ट में होते है प्रयोग
आज खुशबू सिंह एक आर्या फैशन नाम से ग्रेनो साइट और आर्टिफिशियल हैंडीक्राफ्ट ज्वैलरी की बड़ी कंपनी चला रही है. इनका कहना है कि फिलहाल डायरेक्ट और इंडायरेक्ट हजारों महिलाओं को वो रोजगार दे रही हैं. यूपी के कई जिलों के कंपोनेंट्स हमारी हैंडीक्राफ्ट ज्वैलरी में प्रयोग होते हैं. खुर्जा की मिट्टी का दाना, मुरादाबाद का बीट, अमरोहा की लड़की, नगीना की लकड़ी जिसे हांथ से पेंट किया जाता है. जिसेसे नेकलेस, ईयर रिंग्स, बैंगल्स, बैग इत्यादि आइटम हमारे यहां हेंडीक्राफ्ट में बनते है.
इन देशों में इनके प्रोडेक्ट की धूम
आर्या फैशन चलाने वाली खुशबू का कहना है कि उनकी कंपनी के लिए डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप में हजारों महिलाऐं काम कर रही हैं. जिन्हें वो घर बैठे और कंपनी में रोजगार दे रही हैं. इनका सामान भारत के कोने कोने के साथ विदेशो में यूरोप के जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, स्वीडन, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया, यूके, यूएसए तक पंहुचता है. कुछ देश बचे हैं जिन्हें कंपनी कैटर करने की कोशिश कर रही है. फिलहाल कंपनी के टर्नओवर की बात करें तो करीब 12 करोड़ है.
Tags: Hindi news, Local18, MSME SectorFIRST PUBLISHED : June 27, 2024, 11:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed