इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद लगाया ये मिनी प्लांट लाखों में कर रहे कमाई

बागपत का एक युवा जॉनी चौहान गैस बर्नर तैयार करके आज के समय में आठ लोगों को रोजगार दे रहा है. सरकार से मदद मिलने के बाद युवा खुद आत्मनिर्भर बना और आठ लोगों को रोजगार दे रहा है. जॉनी के पिता गांव-गांव जाकर गैस बर्नर बेचने का काम करते थे और इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद जॉनी ने अपने पिता का सपना पूरा करते हुए गैस बर्नर बनाने की एक फैक्ट्री लगा दी और अब आठ लोगों को रोजगार दे रहा है. (रिपोर्टः आशीष त्यागी)

इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद लगाया ये मिनी प्लांट लाखों में कर रहे कमाई
 सुल्तानपुर: अगर आपने खाद-बीज की दुकान खोली है या खोलने की सोच रहे हैं, लेकिन आपके पास कृषि में ग्रेजुएशन की डिग्री नहीं है, तो अब चिंता करने की जरूरत नहीं है. कृषि विभाग ने एक ऐसा डिप्लोमा कोर्स लॉन्च किया है, जो मात्र 15 दिनों के भीतर आपको प्रशिक्षण देकर खाद-बीज की दुकान का लाइसेंस प्राप्त करने के योग्य बना देगा. यह कदम उन नौसिखियों को रोकने के लिए उठाया गया है जो बिना उचित जानकारी के किसानों को खाद और कृषि रसायन बेचते हैं. कृषि मंत्रालय ने अपने नियमों में बदलाव कर अब प्रशिक्षित व्यक्तियों को ही खाद की दुकान का लाइसेंस देने का प्रावधान किया है. 15 दिन का प्रशिक्षण कृषि मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए इस इंटीग्रेटेड न्यूट्रिशन मैनेजमेंट (INM) कोर्स में 15 दिनों का डिप्लोमा कोर्स शामिल है. यह कोर्स उन लोगों के लिए है, जिन्होंने खाद-बीज की दुकान तो खोल ली है, लेकिन कृषि में ग्रेजुएशन की डिग्री नहीं है. इस कोर्स को करने के बाद वे लोग खाद और बीज की दुकान का लाइसेंस प्राप्त करने के योग्य हो जाते हैं. यह प्रशिक्षण हर साल नियमित रूप से संचालित किया जाता है. इच्छुक उम्मीदवारों को अपने नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय से संपर्क करना होगा. हैदराबाद से मिलेगा सर्टिफिकेट प्रशिक्षण के बाद सफल प्रतिभागियों को हैदराबाद विश्वविद्यालय द्वारा प्रमाण पत्र दिया जाएगा. इस प्रमाण पत्र के बाद वे खाद-बीज की दुकान के लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं. हालांकि, इस सर्टिफिकेट कोर्स के तहत दवाओं की बिक्री के लिए लाइसेंस नहीं मिलेगा, इसके लिए अलग से कोर्स करना पड़ेगा. कोर्स के लिए निर्धारित योग्यता इंटीग्रेटेड न्यूट्रिशन मैनेजमेंट कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास है. इस कोर्स को करने के लिए किसी विशेष स्ट्रीम से 12वीं पास होना जरूरी नहीं है. किसी भी स्ट्रीम का उम्मीदवार यह कोर्स कर सकता है. कृषि विभाग के अंग के रूप में करते हैं काम इस कार्यशाला के दौरान उर्वरक विक्रेताओं को आधुनिक खेती के तरीके भी सिखाए जाते हैं. चूंकि हर किसान तक उन्नत खेती के तरीकों को पहुंचाना कृषि विभाग के लिए आसान नहीं होता, ऐसे में उर्वरक विक्रेता विभाग के साथ मिलकर किसानों को आधुनिक और जैविक खेती के लिए प्रेरित करने का काम करते हैं. Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 12:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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