कहने को PM सैलरी गूगल के CEO जितनी खरीद लेंगे शाहरुख की मन्नत जैसी कोठी!
कहने को PM सैलरी गूगल के CEO जितनी खरीद लेंगे शाहरुख की मन्नत जैसी कोठी!
पीएम मोदी बुधवार से दो दिवसीय सिंगापुर दौरे पर हैं. इस दौरान भारत और सिंगापुर के बीच कई अहम समझौते होंगे. सिंगापुर दुनिया के सबसे अमीर देशों की सूची में शामिल है. इसी कारण यहां के पीएम की सैलरी भी दुनिया के किसी राजनेता से अधिक है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार से दो दिवसीय सिंगापुर दौरे पर हैं. इस दौरान कई सिंगापुर के साथ कई अहम बिजनेस डील होंगे. सिंगापुर दुनिया के मानचित्र पर एक बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है. भारत के साथ कारोबार के क्षेत्र में उसके रिश्ते बहुत अच्छे हैं. वैसे तो यह एक नन्हा सा मुल्क है किन भारत में प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) के मामले में यह सबसे अव्वल है. इस मुल्क ने काफी कम समय में दुनिया के सामने विकास की एक नजीर पेश की है. यह दुनिया के सबसे अमीर देशों की सूची में शामिल है. यहां प्रति व्यक्ति आय करीब एक लाख अमेरिकी डॉलर सालाना है. यानी यहां का हर व्यक्ति औसतन करीब सात लाख रुपये मंथली की कमाई करता है. ऐसे में आप समझ ही गए होंगे कि यहां गरीबी नाम की कोई चीज देखने को नहीं मिलती होगी.
खैर, आज हम बात कर रहे हैं इस खूबसूरत देश के पीएम की. इस वक्त यहां के पीएम लॉरेंस वोंग (Lawrence Wong) हैं. वह इसी साल 15 मई को पीएम बने हैं. आज हम वोंग की सैलरी और उनको मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बात करेंगे. दरअसल, सिंगापुर की गिनती दुनिया के सबसे कम भ्रष्ट देशों में होती है. बावजूद इसके कि यह एक लोकतांत्रिक देश है. आमतौर पर बुद्धिजीवियों का एक वर्ग मानता है कि लोकतांत्रिक मुल्कों में तानाशाही या राजशाही वाले मुल्कों की तुलना में भ्रष्टाचार ज्यादा होता है. लेकिन, सिंगापुर ने इस धारणा को गलत साबित किया है.
सबसे कम भ्रष्ट देश
ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल करप्शन परसेप्संस इंडेक्स (Transparency International Corruption Perceptions Index) की 2023 की रिपोर्ट में सिंगापुर दुनिया के सबसे कम भ्रष्ट देशों की सूची में 5वें पायदान पर है. इस सूची में भारत 39वें स्थान पर है. यानी सिंगापुर से दुनिया में केवल ऐसे चार देश हैं जहां भ्रष्टाचार बहुत कम है.
सिंगापुर में क्यों कम है भ्रष्टाचार
सिंगापुर में भ्रष्टाचार कम होने के पीछे एक बड़ी वजह यहां की सरकारी नीति है. यहां की सरकार सबसे निचले स्तर से लेकर शीर्ष स्तर तक के कर्मचारियों, अधिकारियों और मंत्रियों को शानदार सैलरी देती है. उसके पीछे तर्क यह है कि अगर इंसान के पास उसकी जरूरत की हर चीज रहेगी तो उसके भ्रष्टचार करने की संभावना कम होगी. इसके साथ ही भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े दंड के भी प्रावधान हैं. यानी यहां की सरकार भ्रष्टाचार रोकने के लिए दोनों स्तरों पर काम करती है.
इसी नीति के तहत सिंगापुर के प्रधानमंत्री को भी शानदार सैलरी मिलती है. उनकी सैलरी की तुलना हम दुनिया की नामी कंपनी गूगल के सीईओ की सैलरी से कर सकते हैं. प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग दुनिया में सबसे अधिक सैलरी पाने वाले किसी सरकार के प्रमुख हैं. उनको करीब 16.42 लाख अमेरिकी डॉलर की सैलरी मिलती है. रुपये में यह रकम करीब 13.80 करोड़ है. यानी सिंगापुर के पीएम को हर माह करीब 1.15 करोड़ रुपये की सैलरी मिलती है. दूसरी तरफ गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के मौजूदा सीईओ सुंदर पिचाई की सैलरी करीब 20 लाख अमेरिकी डॉलर है. लेकिन, वोंग को जो सरकारी सुविधाएं मिली है वो पिचाई को नहीं मिल सकती. पीएम मोदी दो दिवसीय सिंगापुर दौरे पर हैं.
पीएम मोदी को केवल 1.66 लाख की सैलरी
हाइली पेड राष्ट्राध्यक्षों की सूची में दूसरे नंबर पर हॉन्गकॉन्ग (स्वायत क्षेत्र) के चीफ एग्जीक्यूटिव जॉन ली का-चूई हैं. तीसरे नंबर पर स्विट्जरलैंड की प्रेसिडेंट विओला अमहर्ड हैं. इस सूची में चौथे नंबर पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन हैं. अपने देश के पीएम नरेंद्र मोदी को 1.66 लाख रुपये मंथली और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सैलरी 5 लाख रुपये मंथली है. पीएम की सैलरी में 45 हजार रुपये संसदीय भत्ता, 3000 रुपये का खर्चा भत्ता, 2000 रुपये दैनिक खर्च भत्ता और 50 हजार रुपये मासिक मूल वेतन शामिल है.
अब आप ही सोचिए. अगर किसी पीएम या सामान्य व्यक्ति को इतनी सैलरी मिले और उसका सारा निजी खर्च सरकार उठाए तो वो उन पैसों का क्या करेगा. निश्चित तौर पर इतने पैसे में मुंबई में समंदर किनारे बने बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के मन्नत बंगले को नहीं खरीदा जा सकता है, लेकिन इतने पैसे में हर माह भारत की सबसे महंगी जगहों पर कुछ न कुछ तो खरीदा ही जा सकता है. यहां शाहरुख खान के बंगले को एक रूपक के तौर पर लिया गया है.
Tags: PM Modi, Singapore NewsFIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 17:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed