Shraddha Murder: आफताब के गले की फांस बनेगा DNA! FSL एक्सपर्ट बोलीं- 100 टुकड़े करके भी बच नहीं सका था गुनहगार
Shraddha Murder: आफताब के गले की फांस बनेगा DNA! FSL एक्सपर्ट बोलीं- 100 टुकड़े करके भी बच नहीं सका था गुनहगार
श्रद्धा वालकर हत्याकांड में आरोपी आफताब पूनावाला के जुर्म का पता लगाने के लिए पुलिस फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (FSL) और नार्को टेस्ट जैसे साइंटिफिक उपायों को आज़मा रही है. इस जघन्य हत्याकांड को लेकर एफएसएल विभाग की पूर्व निदेशक डॉ. रुक्मणी कृष्णमूर्ति का कहना है कि ऐसे मामलों में गुनहगार का जुर्म साबित करने में डीएनए काफी अहम रोल निभाता है.
नई दिल्ली. श्रद्धा वालकर हत्याकांड के आरोपी आफताब पूनावाला के जुर्म की परते धीरे-धीरे जिस तरह खुल रही हैं, उस जानकर हर कोई हैरान है. इस जघन्य हत्याकांड की तह तक जाने के लिए फॉरेंसिक टीम ने दक्षिणी दिल्ली में स्थित छतरपुर के जंगलों से बरामद मानव शरीर के 10 संदिग्ध अंगों की जांच की, जिसका मिलान श्रद्धा के पिता के डीएनए से किया जाएगा.
पुलिस श्रद्धा हत्याकांड को सुलझाने के लिए फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (FSL) और नार्को टेस्ट जैसे साइंटिफिक उपायों को आज़मा रही है. इस मामले को लेकर एफएसएल विभाग की पूर्व निदेशक डॉ. रुक्मणी कृष्णमूर्ति का कहना है कि ऐसे मामलों में गुनहगार का जुर्म साबित करने में डीएनए काफी अहम रोल निभाता है.
डॉ. कृष्णमूर्ति ने up24x7news.com हिन्दी से बातचीत में कहा, ‘FSL आज कल लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के साथ काफी डेवलप हो चुका है. जब कोई चश्मदीद गवाह नहीं होता और केस काफी पुराना हो जाता है तो इसमें एफएसएल काफी अहम रोल निभाता है.’
लाश के 100 टुकड़े करने पर भी डीएनए टेस्ट से पकड़ा गया था आरोपी
वह नीरज ग्रोवर केस का हवाला देते हुए बताती हैं कि श्रद्धा वालकर से पहले इसी तरह का एक केस फॉरेंसिक साइंस की मदद से वह सुलझा चुकी है. वह कहती हैं, ‘नीरज ग्रोवर केस में भी श्रद्धा की तरह बॉडी पार्ट्स को 100 से ज्यादा टुकड़े में काटा गया था. उस केस में हमें डीएनए जांच में पीड़ित का ही नहीं, बल्कि अपराधी का भी ब्लड मिल गया था.’
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डॉ. कृष्णमूर्ति कहती हैं, ‘मेरे कहने का मतलब यह है कि इस तरह के केस में डीएनए काफी ज्यादा अहम रोल निभाता है. इसके साथ ही यहां सीन ऑफ क्राइम भी काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. जो भी वैज्ञानिक घटनास्थल पर जाता है, उसे वहां से जितने भी सबूत मिले, उसे लेकर इसका डीएनए एनालिसिस कर सकते हैं और फिंगर प्रिंट का भी मिलान कर सकते हैं.’
साल भर पुराने शव में भी मिल जाता है डीएनए सैंपल
वह बताती हैं कि मृतक की पहचान के लिए उसके पिता और मां दोनों के डीएनए से मिलान किया जा सकता है. वह कहती हैं, ‘बोनमैरो और त्वचा में काफी दिनों तक डीएनए बचा रह जाता है. ऐसे में समय उतना अहम नहीं रह जाता. कभी-कभी साल भर पुरानी बॉडी में भी डीएनए सैंपल मिल जाता है. डीएनए के लिए समय का नहीं सैंपल कैसे मिलते हैं, वो महत्वपूर्ण है.’
श्रद्धा वालकर हत्याकांड में आरोपी आफताब से पूछताछ में पुलिस मनोरोग विशेषज्ञ की मदद ले रही है. वहीं उसका नार्को टेस्ट करवाले की भी तैयारी में है. पुलिस के मुताबिक, आफताब ने जिस तरह से क़त्ल की इस वारदात को अंजाम दिया और लाश के 35 टुकड़े किए, उससे पुलिस को लगता है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. ऐसे में पुलिस को उससे पूछताछ में मनोरोग विशेषज्ञ की मदद ले रही है.
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Tags: Delhi news, Murder caseFIRST PUBLISHED : November 16, 2022, 17:02 IST