हाइलाइट्सगुरुवार को रोहिणी स्थित अस्पताल में आफताब का नार्को टेस्ट हुआ.आज एफएसएल की टीम पोस्ट नार्को टेस्ट इंटरव्यू के लिए तिहाड़ जेल जाएगी.हमले की आशंका को देखते हुए टीम तिहाड़ जेल जा रही है.
नई दिल्ली. बहुचर्चित श्रद्धा वालकर हत्याकांड का आरोपित आफताब पूनावाला का नार्को टेस्ट खत्म हो गया है. शुक्रवार को यानी आज आफताब का पोस्ट नार्को टेस्ट इंटरव्यू होगा. इसके लिए फोरेंसिक साइंस लैब के चार सदस्य तिहाड़ जेल जाएंगे. जेल के अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में दिल्ली में स्थित फोरेंसिक साइंस लेब्रोरेटरी के बाहर आफताब पर हुए हमले को ध्यान में रखते हुए जेल में ही पोस्ट नार्को इंटरव्यू शेड्यूल कराया गया है.
FSL के चार सदस्य करेंगे पोस्ट नार्को इंटरव्यू
जेल अधिकारियों ने कहा कि फोरेंसिक साइंस लेब्रोरेटरी की चार सदस्यीय टीम और जांच अधिकारी कल ‘पोस्ट नार्को इंटरव्यू’ के लिए केंद्रीय जेल का दौरा करेंगे. यह व्यवस्था आफताब के ट्रांसपोर्टेशन में हाई रिस्क को देखते हुए की गई है. अधिकारियों ने बताया कि पूनावाला की नार्को जांच पूरी तरह सफल रही और उसका स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक है. विशेष पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने कहा कि नार्को जांच की प्रक्रिया पूरी हो गयी है.
गुरुवार सुबह ले जाया गया अस्पताल
अधिकारियों ने बताया कि पूनावाला को सुबह आठ बजकर 40 मिनट पर रोहिणी के डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर हॉस्पिटल लाया गया और नार्को जांच सुबह करीब 10 बजे शुरू हुई. जांच के बाद उसे चिकित्सीय निगरानी में रखा गया. एफएसएल के सूत्रों के मुताबिक, उसके पॉलीग्राफी तथा नार्कों जांच के दौरान दिए गए जवाबों का विश्लेषण किया जाएगा और पूनावाला को उसके द्वारा दिए गए जवाबों के बारे में बताया जाएगा.
आफताब के समक्ष पढ़ा गया सहमति फॉर्म
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नार्को जांच से पहले पूनावाला की रक्तचाप, नाड़ी की गति, शरीर का तापमान और दिल की धड़कन की जांच समेत अन्य सामान्य जांच की गयी. उन्होंने बताया कि प्रक्रिया के तहत, पूनावाला और उसकी जांच कर रही नार्को टीम की पूरी जानकारी के साथ एक सहमति फॉर्म उसके समक्ष पढ़ा गया. फॉर्म पर उसके हस्ताक्षर करने के बाद नार्को जांच की गयी.
नार्को टेस्ट से पहले दी जाती हैं कई दवाइयां
नार्को जांच में सोडियम पेंटोथल, स्कोपोलामाइन और सोडियम एमिटल जैसी दवा दी जाती है जो व्यक्ति को एनेस्थीसिया के विभिन्न चरणों तक लेकर जाती है. सम्मोहन (हिप्नोटिक) चरण में व्यक्ति पूरी तरह होश हवास में नहीं रहता और उसके ऐसी जानकारियां उगलने की अधिक संभावना रहती है जो वह आमतौर पर होश में रहते हुए नहीं बताता है. जांच एजेंसियां इस जांच का इस्तेमाल तब करती हैं जब अन्य सबूतों से मामले की साफ तस्वीर नहीं मिल पाती है.
दिल्ली पुलिस ने की थी नार्को टेस्ट की मांग
दिल्ली पुलिस ने पहले कहा था कि उसने पूनावाला की नार्को जांच की मांग की है क्योंकि पूछताछ के दौरान उसके जवाब ‘‘भ्रामक’’ रहे. उच्चतम न्यायालय का आदेश है कि नार्को जांच, ब्रेन मैपिंग और पॉलिग्राफी जांच संबंधित व्यक्ति से मंजूरी लिए बिना नहीं की जा सकती हैं. साथ ही इस जांच के दौरान दिए गए बयान अदालत में प्रारंभिक सबूत के तौर पर स्वीकार्य नहीं हैं. केवल कुछ परिस्थितियों में ही ये स्वीकार्य हैं जब पीठ को मामले के तथ्य और प्रकृति इसके अनुरूप लगे.
अपनी प्रेमिका की हत्या करने का आरोप
पूनावाला (28) पर अपनी ‘लिव-इन पार्टनर’ श्रद्धा वालकर की हत्या कर उसके शव के 35 टुकड़े करने का आरोप है. आरोप है कि उसने शव के टुकड़ों को दक्षिण दिल्ली में महरौली के अपने घर में करीब तीन सप्ताह तक 300 लीटर के एक फ्रिज में रखा और फिर कई रातों तक उसे शहर के विभिन्न स्थानों पर जाकर फेंकता रहा। उसे 12 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था. (इनपुट भाषा से)
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Tags: Delhi police, Shraddha murder caseFIRST PUBLISHED : December 02, 2022, 05:30 IST