Best Chhath Geet: शारदा सिन्हा के छठ गीत जिससे गूंज उठता है हर घाट

Sharda Singh Best Chhath Geet: आज से छठ पूजा शुरू हो चुका है. हर गांव, हर शहर, हर राज्य यहां तक कि विदेशों में भी इसकी धूम है. लेकिन, हमरी छठ पूजा तब तक पूरी नहीं हो पाती है, जब शारदा सिन्हा के गाए गीत हमारे कानों तक पहुंच न जाए. इनकी गीतों की मिस्री हमारों कानों में मानों रस घोल देती है.

Best Chhath Geet: शारदा सिन्हा के  छठ गीत जिससे गूंज उठता है हर घाट
Sharda Singh Best Chhath Geet: आज नहाय खाय है. समझ में नहीं आया? जी हम बात कर रहे हैं छठ पूजा की. छठ पूजा के महत्ता के बारे में जाननी हो तो अभी भारतीय रेलवे और देश या कहें कि दुनिया के किसी भी कोने से बिहार जाने वाली फ्लाइट्स की ‘फेयर’ यानी कि टिकट की कीमत जांच लें, पता चल जाएगा कि छठ क्या. भारत के किसी भी कोने में काम किसी बिहारी या पूर्वांचल के कर्मचारी को किसी भी त्योहार पर छुट्टी मिले या न मिले मगर छठ पर चाहे कुछ भी हो जाए उसका घर जाना तय है, घर से ‘दउरा’ लेकर जब वह छठी घाट तक पहुंचता है न, तब उसकी सालभर की सारी परेशानियां/दिक्कतें सब खत्म हो जाती हैं. मगर इन सबके बीच, इस घर से घाट के बीच चाहे बिहार हो या अमेरिका एक चीज कॉमन होती है, छठ की गीत. मगर किसकी? छठ आने से पहले ही छठ के गीत पूरे वातावरण में गूंज उठाते हैं. वैसे तो छठ के अनेक गीत हैं. सभी एक से बढ़कर एक. आगे की बात करने से पहले आपको बता दें कि छठ का कोई भी गीत बड़ा या छोटा नहीं. सभी दिल के काफी करीब हैं. जैसे ही छठ के गीत बजते हैं, मानों कानों में अमृत घोल रहे हों. मगर छठ मनने वाले किसी शख्स से पूछे तो सबसे पहले एक ही सिंगर का नाम आता है- शारदा सिन्हा. शारदा सिन्हा एक ऐसी सिंगर हैं, जिन्होंने छठ को और भी शानदार और सुखद बना दिया है. शारदा सिन्हा के गीत क्या बिहार, क्या पूर्वांचल, दिल्ली से लेकर अमेरिकी घाटों पर गूंजती हैं. लेकिन, क्या आपको पता है कि शारदा सिन्हा कौन सी छठ गीत सबसे ज्यादा मशहूर है? तो चलिए सबसे पहले बात करते हैं छठी मईया को समर्पित कुछ शारदा सिन्हा के खास गीतों के बारे में उसके बाद बात करेंगे उनके बेस्ट गीत के बारे में. कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके झुके उगा हो सूरज देव उगी हें सूरज गोसाइयां हो पहिले पहिल हम कईनी.. छठी मईया व्रत तोहार रुनकी झुनकी बेटी मांगीला, पढ़ल पण्डितवा दामाद ये शारदा सिन्हा के कुछ जाने मानें गीतों में से एक हैं. जो अपने अपने आप में अलौकिक हैं. इन गीतों के बिना तो छठ पूजा संभव ही नहीं है. लेकिन, एक गीत ऐसा है जो क्या मर्द, क्या औरत, बच्चे-बूढ़े के जबान पर रहता है. यह गीत है- वो गीत है- “हो दिनानाथ” जो इस प्रकार लिखा गया है. “सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ हे घूमइछा संसार, हे घूमइछा संसार सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ हे घूमइछा संसार, हे घूमइछा संसार आन दिन उगइ छा हो दीनानाथ आहे भोर भिनसार, आहे भोर भिनसार आजू के दिनवा हो दीनानाथ हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर बाट में भेटिए गेल गे अबला एकटा अन्हरा पुरुष, एकटा अन्हरा पुरुष अंखिया दियेते गे अबला हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर बाट में भेटिए गेल गे अबला एकटा बाझिनिया, एकटा बाझिनिया बालक दियेते गे अबला हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर” Tags: Chhath Mahaparv, Chhath PujaFIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 09:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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