धान की फसल में भरा है बाढ़ का पानी तुरंत करें ये काम! नहीं तो होगा भारी नुकसान
धान की फसल में भरा है बाढ़ का पानी तुरंत करें ये काम! नहीं तो होगा भारी नुकसान
पादप सुरक्षा रोग की एक्सपर्ट डॉ. नूतन वर्मा का कहना है कि धान की फसल में ज्यादा दिनों तक जल भराव होने की वजह से पानी का तापमान बढ़ता है. पौधे की जड़ों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, पौधे की जड़ें काली होने लगती हैं.
शाहजहांपुर: खरीफ की फसल धान की रोपाई हो चुकी है, लेकिन फसल की रोपाई होते ही कई जगह पर रोग फसल को चपेट में लेने लगे हैं. किसानों को इन दिनों की नई तरह की समस्या सामने आ रही है. धान के पौधे की जड़ों का रंग काला और पत्तियां पीली पड़ रही है. पौधे की बढ़वार रुक जाती है. कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि अगर समय पर किसान इन लक्षणों की पहचान कर उपचार कर लें, तो फसल को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हो पाएगा.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात पादप सुरक्षा रोग की एक्सपर्ट डॉ. नूतन वर्मा का कहना है कि धान की फसल में ज्यादा दिनों तक जल भराव होने की वजह से पानी का तापमान बढ़ता है. पौधे की जड़ों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, पौधे की जड़ें काली होने लगती हैं. पौधे का विकास रुक जाता है और पत्तियों का रंग पीला हो जाता है. ज्यादा दिन तक पानी भरा रहने की वजह से कई तरह की फफूंदी भी जड़ों में तैयार हो जाती है. जिसकी वजह से भी पौधे का विकास रुक जाता है.
मृदा उपचार करना भी जरूरी
डॉ. नूतन वर्मा ने बताया कि फफूंदी रोगों से बचने के लिए फसल की रोपाई से पहले मृदा उपचार करना बेहद जरूरी है. जैविक तरीके से मृदा उपचार कर लें. जो किसान बासमती धान या फिर कम दिनों में पकने वाली धान की फसल की रोपाई करना चाहते हैं. वह मृदा उपचार करने के बाद ही धान की रोपाई करें. मृदा उपचार करने के लिए दो किलोग्राम ट्राइकोडर्मा को 35 किलो गोबर की सड़ी हुई खाद में मिलाकर 10 दिन के लिए छोड़ दें. खेत की अंतिम जुताई के वक्त तैयार किया हुआ कल्चर खेत में बिखेर कर खेत की जुताई कर दें. उसके बाद किसान धान की फसल की रोपाई कर सकते हैं.
लक्षण दिखने पर करें ये उपाय
डॉ. नूतन वर्मा ने बताया कि किसान धान की रोपाई कर चुके हैं और मृदा उपचार नहीं किया है. धान की फसल में पीली पत्तियां और जड़ों का विकास रुकने कैसे लक्षण दिखाई दें तो किसान 250 ग्राम कार्बेंडाजिम 50% और थायोफिनेट मिथाइल 250 ग्राम दवा को 250 लीटर पानी में घोल बनाकर धान की फसल में छिड़काव कर दें. कुछ ही दिनों में धान के पौधों की बढ़वार होना शुरू हो जाएगी.
FIRST PUBLISHED : July 20, 2024, 14:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed